नहीं मिला 'राहत', बेसुध पड़ी है मां, एनडीआरएफ टीम की मशक्कत नाकाम
चंदौली के चकिया क्षेत्र में एनडीआरफ की टीम मशक्कत के बावजूद चंद्रप्रभा नदी में राहत को नहीं तलाश पाई।
चंदैाली :चंदौली के चकिया क्षेत्र में एनडीआरफ की टीम मशक्कत के बावजूद चंद्रप्रभा नदी में 'राहत' को तलाश नहीं पाई। गोताखोर चंद्रप्रभा नदी की तलहटी तक गए लेकिन राहत नजर नहीं आया। उसे शौच के दौरान बुधवार को मगरमच्छ नदी में खींच ले गया था। गुरुवार को एनडीआरफ की टीम किशोर को ढूंढने में जुटी रही। अनहोनी की आशका को लेकर परेशान परिजनों की एनडीआरएफ टीम की नाकामी के बाद उम्मीदें टूटने लगीं हैं। उधर आपरेशन रेस्क्यू देखने हजारों की भीड़ लगी है। दरअसल सिकंदर निवासी टेलर इशान का इकलौता पुत्र राहत (18) अपने तीन दोस्तों के साथ चंद्रप्रभा नदी के किनारे गया था। वहा तीनों दोस्त नदी पर बने पुराने पुल की सीढ़ी के निकट खड़े थे कि मगरमच्छ ने हमला बोल दिया। इसमें राहत मगरमच्छ की चपेट में आ गया और वह उसे दबोचकर गहरे पानी में ले गया। घटना की जानकारी मिली तो राहत के परिजन नदी किनारे जा पहुंचे। इस दौरान लोगों ने हंगामा कर दिया। पुलिस को सूचना दी गई। घटना से नाराज लोगों ने रात में जाम लगा दिया। हालाकि, एसडीएम, सीओ के समझाने पर लोग शात हुए। प्रशासन ने रात में एनडीआरएफ की टीम आपरेशन रेस्क्यू के लिए बुला लिया। उनके गोताखोर डीप डाविंग सेट के सहारे नदी की गहराइयों तक जाकर मगरमच्छ के हमले के शिकार राहत का पता लगाने में जुटे तो दूसरे दिन दोपहर बाद तक सफलता नहीं मिल सकी। पीड़ित परिवार में चीख-पुकार थमने का नाम नहीं ले पा रहा है। राहत परिवार में इकलौता पुत्रा था। उसकी तीन बहनें, मा, पिता का बुरा हाल हो गया है। मां तो बेसुध सी पड़ी है। राहत एसआरवीएस विद्यालय में 11वीं का छात्र था। एसडीएम दीप्ति देव, तहसीलदार शैलेंद्र कुमार, कोतवाल अश्वनी चतुर्वेदी, चकिया रेंजर ताराशकर यादव, चंद्रप्रभा रेंजर मौके पर मौजूद हैं।