Move to Jagran APP

एनसीएल स्थापित करेगा 50 मेगावाट क्षमता का सौर ऊर्जा संयंत्र, एनटीपीसी के साथ ज्वांइट वेंचर पर होगा कार्य

ऊर्जा मंत्रालय के निर्देशन पर कोल इंडिया ने वित्तीय वर्ष 2023-24 तक सौर ऊर्जा के माध्यम से तीन हजार मेगावाट विद्युत उत्पादन करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिस पर सभी अनुषंगी कंपनियां तेजी से कार्य कर रही हैं।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Thu, 02 Sep 2021 05:08 PM (IST)Updated: Thu, 02 Sep 2021 05:08 PM (IST)
एनसीएल स्थापित करेगा 50 मेगावाट क्षमता का सौर ऊर्जा संयंत्र, एनटीपीसी के साथ ज्वांइट वेंचर पर होगा कार्य
एनसीएल प्रबंधन निगाही कोल परियोजना की 179 हेक्टेयर भूमि पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने की कवायद की जा रही है।

जागरण संवाददाता, सोनभद्र। एनसीएल प्रबंधन द्वारा निगाही कोल परियोजना की 179 हेक्टेयर भूमि पर एनटीपीसी के साथ 50 मेगावाट का सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने की कवायद की जा रही है। एनसीएल-एनटीपीसी के ज्वाइंट वेंचर के माध्यम से स्थापित होने वाले इस संयंत्र मे दोनो कंपनियों द्वारा 50-50 फीसदी का खर्च उठाया जाएंगा। हरित ऊर्जा के क्षेत्र मे किए जा रहे इस कार्य में 170 करोड़ रूपये लागत का आंकलन किया गया है।

loksabha election banner

मंत्रालय के निर्देशन पर कोल इंडिया ने वित्तीय वर्ष 2023-24 तक सौर ऊर्जा के माध्यम से तीन हजार मेगावाट विद्युत उत्पादन करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिस पर सभी अनुषंगी कंपनियां तेजी से कार्य कर रही हैं। एनसीएल द्वारा सिंगरौली कार्यालय एवं आवासीय की छतों पर 3.37 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा सिस्टम पर कार्य किया जा रहा है। गौरतलब हो कि एनसीएल द्वारा स्वंय के लिए सोलर एनर्जी का उत्पादन यदि किया जाता है तो पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। एनसीएल को उत्तरप्रदेश व मध्यप्रदेश स्थित कोल खदानों को संचालित करने मे बिजली की भारी मात्रा मे खपत होती है। सोलर एनर्जी के प्रयोग से कंपनी को बिजली के खर्च मे काफी धनराशि की बचत होगी।

24 घंटे से बिजली आपूर्ति बेपटरी, उपभोक्ता परेशान

नधिरा सब स्टेशन से बकरिहवा फीडर के लिए बिजली आपूर्ति 24 घंटे से बदहाल हो गयी है। हर आधे घंटे पर बिजली ट्रिप होने से लगभग 50 गांवों के उपभोक्ताओं के सामने संकट पैदा हो रही है। आलम यह है कि गर्मी और उमस में बच्चों सहित बुजुर्गों को बिना बिजली के दो-चार होना पड़ रहा है। बुधवार से बदहाल आपूर्ति के बाबत बताया गया कि ओवरलोड के कारण पूरी रात लाइन बंद पड़ी रही। गुरुवार को दिन में भी बिजली के आने-जाने का क्रम बदस्तूर जारी रहा।

उपभोक्ताओं ने बताया कि अगर किसी वीआइपी गतिविधि रहता है तो इसी सब स्टेशन से 24 घंटे लगातार सप्लाई की जाती है उस दिन न लाइन ट्रिप करती है और नहीं ओवरलोड की समस्या होती है। जानकारी लेने पर बताया गया कि पिपरी से पर्याप्त लोड पर आपूर्ति न होने के कारण यह समस्या उत्पन्न हुई है। बिजली के ट्रिप होने से बच्चों के सामने पढ़ाई की समस्या खड़ी हो गयी है। इलाके में पेयजल का टोटा होने लगा है। रात में उमस के कारण जहरीले जीव जंतुओं के घरों में घुसने से लोग भयभीत हो गए हैं। इस बाबत अवर अभियंता महेश कुमार ने कहा कि बारिश न होने से ग्रामीण इलाके में लोग मोटर चला रहे है जिसके कारण यह समस्या हर जगह है। फिर भी ठीक करने का प्रयास किया जा रहा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.