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नवरात्र के उपवास में कैसे रखें अपने को फिट, मामूली से उपाय अपनाकर बनाए रखें सेहत

दुनिया के लगभग सभी धर्मों के अनुयायी उपवास रखते है और सभी धर्मो में उपवास का समान महत्व है, भारत की बात की जाए तो यहां पर व्रत की परंपरा सदियों से है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Wed, 10 Oct 2018 01:45 PM (IST)Updated: Wed, 10 Oct 2018 05:41 PM (IST)
नवरात्र के उपवास में कैसे रखें अपने को फिट, मामूली से उपाय अपनाकर बनाए रखें सेहत
नवरात्र के उपवास में कैसे रखें अपने को फिट, मामूली से उपाय अपनाकर बनाए रखें सेहत

वाराणसी [कृष्‍ण बहादुर रावत] । दुनिया के लगभग सभी धर्मों के अनुयायी उपवास रखते है और सभी धर्मो में उपवास का समान महत्व है। भारत की बात की जाए तो यहां पर व्रत की परंपरा सदियों से है। व्रत कई तरह के होते हैं- कुछ व्रत ऐसे होते हैं जिनमें पानी तक नही पिया जाता है जैसे कि करवा चौथ व तीज,  जबकि जन्माष्टमी, नवरात्र व एकादशी ऐसे व्रत होते हैं जिनमें केवल फलाहार खाया जाता है। आखिर इन त्योहारों में उपवास क्यों रखा जाता है और इसका क्या महत्व है तथा उपवासों में कैसे अपने को फिट रखे। 

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इस बारे में राजकीय स्नातकोत्तर आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय वाराणसी  की वैद्य टीना सिंघल का कहना है कि आयुर्वेद में बीमारी को दूर करने के लिए शोधन और शमन चिकित्सा की बात कही जाती है और उपवास इसी चिकित्सा का एक विधि है उपवास। 

उपवास के दौरान क्या खाना चाहिए : नवरात्र के दिनों में बहुत से लोग आठ दिनों के लिए व्रत रखते हैं और केवल फलाहार पर ही आठों दिन रहते हैं। फलाहार का अर्थ है, फल व  कुछ अन्य विशिष्ट सब्जियों से बने हुए खाने । फलाहार में सेंधा नमक का इस्तेमाल होता है। आलू चिप्स या अन्य तली हुई चीजों को खाने के बजाए, स्वादनुसार मीठा या नमकीन कुट्टू या सिंघाड़े के आटे की बनी चीजों का प्रयोग करना चाहिए। 

दही में कुट्टू का आटा, मूंगफली के पिसे हुए दाने और आलू डालकर फरियाली कढ़ी बना सकते हैं। कुट्टू या सिंघाड़े के आटे की पुड़ी या रोटी खा सकते हैं। इसकी रोटी बना सकते हैं।  नारियल पानी और फल का रस ग्रहण करने से बहुत ऊर्जा मिलती है। ये निर्जलीकरण को रोकने और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालते हैं। साबूदाने के पापड़ और खीर का प्रयोग करे। साबूदाना कार्बोहाइडेट का बहुत अच्छा साधन है। 

इन बातों पर रखना चाहिए ध्यान : शाम को उपवास तोडऩे के बाद हल्का भोजन करना चाहिए। व्रत के दौरान सुबह के समय फलों का रस, नारियल पानी और सूखे मेवे खाना चाहिए। इससे एसिडिटी नही होती है। मधुमेह से पीडि़त लोगो को व्रत के दौरान खाने पीने का विशेष ध्यान रखना चाहिए। वैद्य टीना सिंघल का कहना है कि अगर ये नियम सही से पालन किया गया तो नौ दिन में आप फिट भी रहिएगा तथा आपकी त्वचा की चमक भी गायब नहीं होगी।  


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