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नेशनल डिवार्मिंग डे : वाराणसी में सोमवार से चलेगा ‘राष्ट्रीय कृमि मुक्ति’ अभियान

जिलाधिकारी एवं जिला स्वास्थ्य समिति के अध्यक्ष कौशल राज शर्मा ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया है कि 28 सितंबर से 7 अक्टूबर तक चलने वाले राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान के तहत एक से 19 वर्ष तक के बालक-बालिकाओं को कृमि संक्रमण (पेट के कीड़े निकालने) की दवा खिलाई जाए।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sun, 27 Sep 2020 03:12 PM (IST)Updated: Sun, 27 Sep 2020 07:36 PM (IST)
नेशनल डिवार्मिंग डे : वाराणसी में सोमवार से चलेगा ‘राष्ट्रीय कृमि मुक्ति’ अभियान
एक से 19 वर्ष तक के बालक-बालिकाओं को कृमि संक्रमण (पेट के कीड़े निकालने) की दवा खिलाई जाए।

वाराणसी, जेएनएन। जिलाधिकारी एवं जिला स्वास्थ्य समिति के अध्यक्ष कौशल राज शर्मा ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया है कि 28 सितंबर से 7 अक्टूबर तक चलने वाले राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान के तहत एक से 19 वर्ष तक के बालक-बालिकाओं को कृमि संक्रमण (पेट के कीड़े निकालने) की दवा खिलाई जाए। इस अभियान को शत-प्रतिशत सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग सहित आईसीडीएस, शिक्षा विभाग एवं अन्य विभागों को समन्वय बनाकर काम करना होगा। वर्तमान में कोविड-19 संक्रमण के कारण विद्यालय एवं आंगनबाड़ी केंद्र बंद हैं, इसीलिए सरकार से प्राप्त निर्देशो के तहत कोविड-19 प्रोटोकॉल के क्रम में आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर भ्रमण कर सभी बच्चों को दवा खिलाए जाने का कार्य सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने अभिभावकों से अपील की है कि बच्चों को कृमि संक्रमण से अवश्य बचाएं और अभियान के तहत खिलाई जा रही निःशुल्क दवा का लाभ उठाएं।

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उल्लेखनीय है कि वर्ष 2020-2021 में प्रथम चरण के राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस अभियान का शुभारंभ 11 जिलों में मुख्यमंत्री द्वारा 10 अगस्त को किया जा चुका है। वाराणसी सहित अन्य 45 जिलों में यह अभियान दूसरे चरण में चलाया जाएगा। वहीं शेष बचे जिलों में यह अभियान तीसरे चरण में चलाया जाएगा। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. वी बी सिंह ने बताया कि दस दिनों तक चलने वाले अभियान में जिले के लगभग 15.85 लाख बच्चों को पेट के कीड़े निकालने की दवा एल्बेण्डाजोल खिलाई जायेगी। एक से 19 वर्ष तक आयु के सभी बच्चों को कृमि संक्रमण से बचाने के लिए “राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस (नेशनल डिवार्मिंग डे) अभियान शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में चलाया जायेगा। अभियान के तहत दवा सभी सीएचसी-पीएचसी पर भेजी जा चुकी है।

कार्यक्रम के नोडल अधिकारी एवं अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. ए. के. गुप्ता ने बताया कि जिन बच्चों के पेट में कीड़े (कृमि) होते हैं, वह कुपोषण के शिकार हो जाते हैं और शरीर में खून की कमी हो जाती है। संक्रमण रोकने के लिए बच्चों के नाखून साफ व कटे रहने चाहिए। इसके अलावा खुले में शौच के कारण भी कृमि का संक्रमण होता है। इससे बचने के लिए बच्चों के खानपान और साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। यह दवा कृमि से मुक्ति की क्षमता रखती है।

कृमि संक्रमण के लक्षण 

बेचैनी, सिरदर्द, कुपोषण, चक्कर आना, वजन मे कमी, भूख न लगना, खून की कमी (एनीमिया) व पेट मे दर्द, उल्टी-दस्त आदि कृमि संक्रमण के लक्षण हैं।

कृमि संक्रमण को कम करने के उपाय

नाखून साफ व छोटे रखें, हमेशा साफ पानी पिएं, आस-पास सफाई रखें, खाने को हमेशा ढक कर रखें, साफ पानी से फल व सब्जियां धोएं, खुले में शौच न करें, हमेशा शौचालय का प्रयोग करें, अपने हाथ साबुन और साफ पानी से धोएँ विशेषकर खाने से पहले और शौच जाने के बाद, जूते पहनें।


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