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नमो दैव्यै महा दैव्यै : पर्यावरण के दुश्मन को बोतल में कैद करने का बीड़ा, काशी में मातृ शक्ति का अभियान

मातृ शक्ति का नेतृत्व कर रहीं रश्मि मिश्रा संग ग्रुप की अन्य महिलाओं ने घर-घर प्लास्टिक के कचरे को बोतलों में भरना शुरू कर दिया है। ईको ब्रिक्स के रूप में प्रयोग करके घर की दीवारों में इस्तेमाल किया जाएगा।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Tue, 20 Oct 2020 07:16 AM (IST)Updated: Tue, 20 Oct 2020 09:27 AM (IST)
नमो दैव्यै महा दैव्यै : पर्यावरण के दुश्मन को बोतल में कैद करने का बीड़ा, काशी में मातृ शक्ति का अभियान
ईको ब्रिक्स के रूप में प्रयोग करके घर की दीवारों में इस्तेमाल किया जाएगा।

वाराणसी रवि पांडेय । काशी की कुछ महिलाओं ने वातावरण के लिए घातक प्लास्टिक रूपी राक्षस के खात्मे का बीड़ा उठाया है। इस अभियान में मातृ शक्ति का नेतृत्व कर रहीं रश्मि मिश्रा संग ग्रुप की अन्य महिलाओं ने घर-घर प्लास्टिक के कचरे को बोतलों में भरना शुरू कर दिया है। इनका ईको ब्रिक्स के रूप में प्रयोग करके घर की दीवारों में इस्तेमाल किया जाएगा।

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प्लास्टिक मनुष्य द्वारा तैयार एक बहु उपयोगी वस्तु है जिसकी उपयोगिता हमारे दैनिक जीवन का एक अभिन्न अंग बन चुकी है। इसे नकारा नहीं जा सकता। शर्ट की बटन से लेकर हवाई जहाज तक में कहीं ना कहीं प्लास्टिक का उपयोग हो रहा है। इसका सही तरीके से निस्तारण न करना ही सबसे बड़ी समस्या है। इसके चलते आज जल, मिट्टी के साथ जीवन संकट में पड़ गया है। प्लास्टिक अब पाताल तक पहुंच चुकी है। भू-जल भी इससे प्रभावित हो रहा है। ऐसे में प्लास्टिक के कई प्रयोगों पर मंथन हुआ है। ऐसा ही एक प्रयोग है ईंट के रूप में प्लास्टिक का उपयोग। घर में रोजमर्रा इस्तेमाल किए जाने वाले छोटे-छोटे प्लास्टिक के पैकेट और पाउच जैसे शैंपू, ब्रेड,  बिस्किट, टाफी चाकलेट, नमक,  दूध व मसाले आदि के पैकेट को प्लास्टिक की बोतल में एकत्र कर इसका उपयोग प्लास्टिक ईंट के रूप में किया जा सकता है।

नौ देवियां कर रहीं प्रतिनिधित्व

नवरात्र के पावन पर्व पर काशी की मातृ शक्ति ने संकल्प लिया है। घर-घर से बोतल में प्लास्टिक एकत्र कर इस दानव को न सिर्फ समाप्त करने बल्कि इसका उपयोग क्रियात्मक रूप में करने की पहल की है। प्लास्टिक के खिलाफ पालीथिन बंधन, धरती वंदन अभियान का प्रतिनिधित्व रश्मि मिश्रा, वंदना रघुवंशी, डा. सुचिता त्रिपाठी, प्रतिभा सिंह, शिप्रा तिवारी, बीना सिंह, डा.शारदा सिंह, शिल्पी सिंह राजपूत, आशा पांडेय करेंगी। इस अभियान के अन्तर्गत आर्य महिला महाविद्यालय में सैकड़ों महिलाओं के कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।

आकर्षक खिलौनों संग बनेंगे अन्य सामान

वातावरण और घरों में फैल रहे प्लास्टिक रूपी जिन्न को मातृ शक्ति बोतलों में कैद करेंगी। इसके बाद विशेषज्ञ उससे मनचाहा काम कराएंगे। मालवीय उद्यमिता संवर्धन केंद्र के प्रोफेसर पीके मिश्र ने बताया कि काशी में प्लास्टिक के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में मातृ शक्ति की अहम भूमिका साबित होगी। घरों के फालतू प्लास्टिक के कचरे को बोतल में भरकर इको ब्रिक्स तैयार की जाएंगी जिससे झोपड़ी, मकान की दीवारें , चबूतरा आदि बनेगा। आकर्षक खिलौने और तरह-तरह के सामान बनाने के साथ बिजली उत्पादन भी किया जा सकता है।


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