भारत आनंद काशी आनंद : गंगा तट पर गायन-वादन व नृत्य की त्रिवेणी में दर्शक भाव विभोर
दैनिक जागरण व जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में डाक्टर राजेंद्र प्रसाद घाट पर भारत आनंद काशी आनंद समारोह का आयोजन किया गया।
वाराणसी, जेएनएन। दैनिक जागरण व जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में डाक्टर राजेंद्र प्रसाद घाट पर आयोजित भारत आनंद-काशी आनंद में शुक्रवार को गायकों ने अपना परचम लहराया। मंच पर गायन वादन व नृत्य की त्रिवेणी प्रवाहित हुई। पहली प्रस्तुति संतोष दास का स्वतंत्र तबला वादन रही। उन्होंने उठान, आमद, टुकड़ा व तिहाइया प्रस्तुत कर तबला वादन की छाप छोड़ी। हारमोनियम पर राघवेंद्र शर्मा ने संगत की। दूसरी प्रस्तुति पूनम मिश्रा के भजन की रही। बोल थे-शिव शंकर को जिसने पूजा..।
अगली प्रस्तुति मन मेरा मंदिर शिव मेरी पूजा.. रही। तीसरी कड़ी में अविनाश सिंह खर्चू ने भोजपुरी में भजन भोला के त्रिशुलिया पर बसल बा काशी नगरी.. से आरंभ किया। इसके बाद रेलिया बैरन पिया को लिए जाए रे.. जैसा लोक गीत सुनाकर खूब तालियां बटोरी। अगली प्रस्तुति में शिव प्रजापति ने कथक नृत्य का आरंभ गुरु वंदना से किया। इसके बाद प्रियाशु चौरसिया ने दुर्गा स्तुति प्रस्तुति की। इसके पश्चात शिव प्रजापति व प्रियांशु ने युगल नृत्य किया। बोल थे-डिमक-डिमक डमरू बाजे..। अगले क्रम में उन्होंने तराना व चक्करदार परन में खूब तालियां बजवाई। संचालन व संयोजन गौतम झा ने किया। मुख्य अतिथि दिनेशचंद्र पांडेय ने कलाकारों को सम्मानित किया।
तबला सम्राट की स्मृति में गुंजित हुए ताल : स्वतंत्र तबला वादन के साथ ही सितार की एकल प्रस्तुति ने श्रोताओं को मोहित कर दिया। पद्मभूषण पं. सामता प्रसाद मिश्र (गुदई महाराज) की 25वीं पुण्यतिथि पर शुक्रवार को शिष्यों ने संगीतांजलि अर्पित की। इसके बाद कबीरचौरा स्थित कालिका धाम में आयोजित संगीत संध्या में उदय शंकर मिश्र ने अपने स्वतंत्र तबला वादन से श्रोताओं को विभोर किया। वहीं रुद्र शंकर मिश्र ने हारमोनियम, पं. नरेंद्र मिश्रा ने सितार व पं. कुबेर मिश्रा ने तबला वादन से संगीत के रसिकों का ध्यान आकर्षित किया। मुख्य अतिथि पं. पूरन जी महाराज थे। इस अवसर पर कार्यक्रम संयोजक गौरव मिश्रा, पं. मंगला प्रसाद मिश्र, विजय मिश्रा, गगन मिश्र, संजय मिश्रा आदि थे।
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