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नगर निगम : अब 79 गांवों के लोग भी कहलाएंगे शहरी, 77 पूर्ण और दो आंशिक राजस्व गांव के लोगों को मिलेगा फायदा

नगर निगम सीमा का विस्तार होने का मार्ग प्रशस्त होने के बाद अब 79 गांवों के लोग भी शहरी कहलाने लगेंगे। विस्तार के बाद 77 पूर्ण और दो आंशिक राजस्व गांव के लोगों को फायदा मिलेगा।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Wed, 04 Dec 2019 12:42 PM (IST)Updated: Wed, 04 Dec 2019 02:54 PM (IST)
नगर निगम : अब 79 गांवों के लोग भी कहलाएंगे शहरी, 77 पूर्ण और दो आंशिक राजस्व गांव के लोगों को मिलेगा फायदा
नगर निगम : अब 79 गांवों के लोग भी कहलाएंगे शहरी, 77 पूर्ण और दो आंशिक राजस्व गांव के लोगों को मिलेगा फायदा

वाराणसी, जेएनएन। नगर निगम सीमा का विस्तार होने का मार्ग प्रशस्त होने के बाद अब 79 गांवों के लोग भी शहरी कहलाने लगेंगे। विस्तार के बाद 77 पूर्ण और दो आंशिक राजस्व गांव के लोगों को फायदा मिलेगा। इससे उनका जीवन स्तर बढ़ेगा और मूलभूत सुविधाओं का नियोजित विकास होगा।

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प्रस्ताव के अनुसार शहर विस्तार के बाद करीब 20 वार्ड और एक जोन बढ़ाना होगा। वर्तमान में 90 वार्ड व पांच जोन वजूद में हैं। 60 हजार नए भवन गृहकर के दायरे में आएंगे। नगर निगम की सीमा में शामिल होने के बाद यहां की गलियां व सड़कें पक्की हो जाएंगी। सीवर, पेयजल, बिजली, नाली, नाला, स्टार्म वॉटर ड्रेनेज सिस्टम, स्ट्रीट लाइटें आदि के कार्य होंगे। बाजार-हाट से लेकर हाईटेक ट्रैफिक सुविधाओं का विस्तार होगा।

1050 सफाई कर्मचारियों की होगी जरूरत

नगर निगम के पास वर्तमान में ही सफाई कर्मचारी मानक के मुताबिक नहीं है। संविदा और आउटसोर्सिंग के कर्मचारियों के काम चलाया जा रहा है। अब लगभग तीन लाख आबादी वाले इन गांवों के जुडऩे से नगर निगम को 1050 और सफाई कर्मचारियों की आवश्यकता होगी। वर्तमान मानक के अनुसार प्रति दस हजार की आबादी पर 35 सफाई कर्मचारी होना चाहिए। साथ ही एक जोनल अधिकारी, दो कर अधीक्षक और एक दर्जन कर निरीक्षक सहित पचास और कर्मचारियों की जरूरत पड़ेगी।

जोनों के क्षेत्र भी बदलेंगे

नगर निगम में फिलहाल पांच जोन दशाश्वमेध, भेलूपुर, कोतवाली, आदमपुर और वरुणापार हैं। अब एक जोन के बढऩे से जोन तो बढ़ेगा ही, जोनों का क्षेत्र भी बदलेगा। शिवपुर में सर्वाधिक 33 गांवों के शामिल होने के बाद वरुणापार का क्षेत्रफल बढ़ जाएगा। ऐसे में उसे नियंत्रित करना आसान नहीं होगा। इस तरह सभी जोनों के कुछ हिस्से को इधर-उधर करने के बाद ही जोनों में आबादी के हिसाब से संतुलन हो पाएगा।

2001 में शुरू हुई थी कवायद

1959 के बाद अब तक नगर निगम का सीमा का विस्तार नहीं हुआ है। पहली बार 2001 में इसकी कवायद शुरू हुई थी लेकिन बात आगे नहीं बढ़ी। वर्ष 2004 में पहली बार 27 राजस्व गांवों को नगरीय सीमा में जोडऩे का प्रस्ताव पारित हुआ था लेकिन नगर निगम के सदन ने इसे मंजूरी नहीं दी थी। इस बीच धीरे-धीरे निकटवर्ती गांवों का विस्तार बढ़ता गया। इसके बाद वर्ष 2014 में सीमा विस्तार की कवायद शुरू हुई। तब गांवों का सर्वे शुरू हुआ तो इसकी संख्या बढ़कर 78 हुई लेकिन प्रस्ताव भेजने के दौरान एक और गांवों की संख्या बढ़ गई। इसके बाद पांच जनवरी 2015 को सदन ने प्रस्ताव पारित कर शासन को स्वीकृति के लिए भेजा है।

सदन में चर्चा करने वाले पार्षद

पांच जनवरी 2015 को सदन में प्रस्ताव रखा गया तो बृज किशोर दास, शंकर विशनानी, सीताराम केशरी, अमरदेव यादव, गोविंद शर्मा, असलम अंसारी, अशोक मिश्रा, प्रियंका, वरुण सिंह, किशोर सेठ, अमरदेव यादव, डा. शिव कुमार सोनकर, विजय जायसवाल ने यहां मिलने वाली सुविधाओं और नगर निगम प्रशासन को इससे होने वाली दिक्कतों पर विस्तार से चर्चा किया।

इन गांवों को किया गया है शामिल

दक्षिणी भाग में 12 गांव : भगवानपुर, आंशिक डाफी, छित्तूपुर, सूसुवाही, चितईपुर, अवलेशपुर, करौंदी, सीरगोवर्धन, नासिरपुर, नुआंव, कंदवा, पोंगलपुर।

पश्चिमी भाग में 19 गांव : जलालीपट्टी, पहाड़ी, गनेशपुर, कंचनपुर, भिखारीपुर कला, चुरामनपुर, मड़ौली, ककरमत्ता, भिखारीपुर खुर्द, चांदपुर आंशिक, महेशपुर, शिवदासपुर, तुलसीपुर, मंडुवाडीह, लहरतारा, फुलवरिया, बड़ागांव अव्वल, नाथूपुर।

उत्तरी भाग में 33 गांव : तरना, गनेशपुर, हटिया, छतरीपुर, चुप्पेपुर, होलापुर, परमानंदपुर, लोढ़ान, बांसदेवपुर, अहमदपुर, हरिहरपुर, सरसवां, कानूडीह, दांदूपुर, हरबल्लभपुर, बनवारीपुर, लमही, मढ़वा, रसूलपुर, सोयेपुर, हासिमपुर, रमदत्तपुर, गोइठहां, रजनहिया, हृदयपुर, हसनपुर, सिंहपुर, मुगदरपुर, खजुही, फरीदपुर, बकसड़ा, खरगपुर, मझमिठियां।

पूर्वी भाग में 15 : संदहा, हिरामनपुर, रूस्तमपुर, तिलमापुर, आशापुर, लेढ़ूपुर, रसूलपुर, रघुनाथपुर, दीनापुर, सलारपुर, खालिसपुर, कोटवां, सरांयमोहाना, डोमरी, सुजाबाद।

सीएम योगी के प्रति अनिल ने जताया आभार

शिवपुर विधानसभा के विधायक व सूबे के कैबिनेट मंत्री व सरकार के प्रवक्ता अनिल राजभर ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार प्रकट करते हुए बताया की विगत कई महीनों से मुख्यमंत्री को इस संदर्भ से अवगत कराया था लेकिन अंतत: आज कैबिनेट के फैसले ने इसे मंजूरी दे दी। उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा गांव शिवपुर विधानसभा के लाभान्वित हो रहे हैं। मंत्री के मीडिया प्रभारी पवन चौबे ने बताया कि शिवपुर विधानसभा के शहरी क्षेत्र के अधिकांश गांव नगर निगम में शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि यहाँ की जनता व पार्टी कार्यकर्ताओं ने मंत्री के प्रति आभार जताया है।


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