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मऊ में मुख्तार अंसारी गिरोह के कोयला माफिया की 6.5 करोड़ की संपत्ति जब्त

प्रदेश में माफियाओं के विरुद्ध योगी सरकार द्वारा पूर्वांचल में मुख्तार अंसारी गिरोह के विरुद्ध अभियान चलाया जा रहा है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Tue, 11 Aug 2020 08:25 PM (IST)Updated: Wed, 12 Aug 2020 09:33 AM (IST)
मऊ में मुख्तार अंसारी गिरोह के कोयला माफिया की 6.5 करोड़ की संपत्ति जब्त

मऊ, जेएनएन। प्रदेश में माफियाओं के विरुद्ध योगी सरकार द्वारा पूर्वांचल में मुख्तार अंसारी गिरोह के विरुद्ध अभियान चलाया जा रहा है। इसी अभियान के तहत मंगलवार को नगर कोतवाली पुलिस ने मुख्तार गिरोह के कोयला माफिया के विरुद्ध बड़ी कार्रवाई की। नगर के भीटी स्थित त्रिदेव ग्रुप के 6.5 करोड़ की लागत के शापिंग माल सहित कई वाहनों को जब्त किया गया। 

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मुख्तार अंसारी गिरोह आइएस-191 के नजदीकी व मन्ना सिंह हत्याकांड में सह अभियुक्त, कोयला माफिया व त्रिदेव ग्रुप के मालिक उमेश सिंह की 6.5 करोड़ की संपत्ति को गैंगस्टर एक्ट के तहत जब्त किया गया है। सीओ सीटी के नेतृत्व में नगर कोतवाली, सरायलखंसी, दक्षिणटोला व स्वाट टीम के द्वारा उमेश सिंह के द्वारा अपराध से अवैध रूप से अर्जित किए गए धन से अर्जित 5.5 करोड़ की लागत के भूखंड पर निर्मित शापिंग मॉल/कांपलेक्स व लगभग एक करोड़ मूल्य के 8 वाहनों पर कार्रवाई हुई। उमेश सिंह त्रिदेव कंस्ट्रक्शन कंपनी/ त्रिदेव कोल डिपो व त्रिदेव ग्रुप का संचालन अपने भाई राजन सिंह उर्फ राजेश सिंह के साथ मिलकर करता रहा है। इसके द्वारा मुख्तार अंसारी व गिरोह की आर्थिक रूप से मदद पिछले दो दशकों से की जाती रही है। वर्ष 2009 में ठेकेदार मन्ना सिंह हत्याकांड में उमेश सिंह विधायक मुख्तार अंसारी के साथ सह अभियुक्त थे। मन्ना सिंह हत्याकांड में गवाह रामसिंह मौर्य व उनकी सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मी आरक्षी सतीश की सन 2010 में ताबड़तोड़ फायरिंग कर हत्या के मामले में भी थाना दक्षिणटोला में एफआइआर दर्ज किया गया था। इसके अलावा उमेश सिंह व राजन सिंह के विरुद्ध आधा दर्जन मुकदमे दर्ज हैं। माना जाता है कि पिछले दो दशकों के दौरान उमेश सिंह व राजन सिंह के द्वारा मुख्तार अंसारी व गिरोह के मुख्य शरणदाता व आर्थिक मददगार के रूप में अति सक्रिय व अग्रणी भूमिका रही है। माफिया से संबंधों का फायदा उठाकर इंदारा कोपागंज में कोल डिपो स्थापित कर कोयला माफिया के रूप में इन दोनों के द्वारा अर्जित धन से मुख्तार अंसारी गिरोह की फंडिंग लंबे समय से की जाती रही है। माफिया गिरोह से संबंध का इस्तेमाल करते हुए कोयले के व्यापार में जनपद के अन्य व्यापारियों में भय व आतंक का माहौल पैदा किया गया। इससे अन्य कोई व्यक्ति कोयला व्यापार में नहीं आया। गैंग के रूप में कार्य करते हुए जघन्य अपराधों के माध्यम से अवैध धन का इस्तेमाल अपराधियों को संरक्षण देने के साथ-साथ अपने बिजनेस में लगाकर त्रिदेव के नाम से अलग-अलग कंपनियां खोलकर किया गया।

अब तक 16 करोड़ की संपत्ति पर लगा ताला

विधायक मुख्तार अंसारी गिरोह के विरुद्ध प्रदेश सरकार द्वारा चलाए जा रहे अभियान के तहत मछली माफिया, कोल माफिया, भू-माफियाओं, अवैध शस्त्र लाइसेंस के विरुद्ध पुलिस जबरदस्त कार्रवाई कर रही है। इससे गिरोह के जुड़े माफियाओं में हडकंप मचा हुआ है। इस अभियान में पिछले 50 दिनों में पुलिस द्वारा गैंग संचालित करने वाले माफिया तत्वों के विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट में लगभग 16 करोड़ के मूल्य की संपत्ति जब्त की जा चुकी है।

मुख्तार अंसारी गिरोह आइएस-191 से जुड़े त्रिदेव ग्रुप पर कार्रवाई की गई

मुख्तार अंसारी गिरोह आइएस-191 से जुड़े त्रिदेव ग्रुप पर कार्रवाई की गई है। त्रिदेव ग्रुप के मालिक उमेश सिंह द्वारा दो दशक से मुख्तार गिरोह को आर्थिक मदद व शरण दिया जा रहा है। इनके व इनसे जुड़े लोगों के विरुद्ध पुलिस व अन्य एजेंसियों से जांच कराई जा रही है। जहां भी अवैध संपत्ति मिलेगी कार्रवाई होगी।

- अनुराग आर्य, पुलिस अधीक्षक, मऊ।


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