सास और जेठ ने तीन दिन की नवजात को सात हजार में बेचा, बहू ने थाने में दी तहरीर
वाराणसी में रुपये की लालच में सास व जेठ को इस कदर अंधा कर दिया कि नवजात को मात्र सात हजार रुपये में एक व्यक्ति को बेच दिया।
वाराणसी, जेएनएन। ननद के घर में बच्चे की किलकारी गूंजे इसके लिए एक मां ने अपनी तीन दिन की नवजात बच्ची सास व जेठ के हवाले कर दी। उसे क्या पता कि दोनों उसका सौदा कर देंगे, लेकिन रुपये की लालच में सास व जेठ को इस कदर अंधा कर दिया कि नवजात को मात्र सात हजार रुपये में एक व्यक्ति को बेच दिया। बहू को सच्चाई पता चली तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई। मामला पुलिस के पास जा पहुंचा। बुधवार को थाने में दी तहरीर में मछरहट्टा वार्ड में किराए पर रहने वाली सपना ने सास देवंती और जेठ राकेश पर नवजात बच्ची को बेचने का आरोप लगाया है। मामला आगे बढ़ता इससे पहले ही संभ्रांत लोगों के समझाने के बाद दोनों पक्षों में सहमति बनी कि शुक्रवार को बच्ची वापस कर दी जाएगी। इसके बदले में लिया गया सात हजार रुपये भी वापस होगा।
मछरहट्टा वार्ड निवासी सपना देवी ने तीन जुलाई को बच्ची को जन्म दिया। पहले से ही दो बेटी व एक बेटा होने का हवाला देते हुए सास देवंती देवी व जेठ राकेश ने भाई और उसकी पत्नी को समझाकर नवजात को ननद मालती देवी को देने के लिए राजी कर लिया। सपना ने आरोप लगाया कि पांच जुलाई को सास व जेठ नवजात को ननद को देने के बजाय मछरहट्टा निवासी संतोष को सात हजार में बेच दिए। बाद में पता चला कि संतोष ने नवजात को कानपुर में रहने वाली अपनी बेऔलाद बहन अनीता को दे दिया। सपना का ये भी आरोप है कि उससे एक सादे स्टांप पेपर पर भी हस्ताक्षर करा लिया गया। बाद में बच्ची को बेचने में उसकी रजामंदी दिखा दी गई। फिलहाल, पुलिस मामले की जांच कर रही है।
पत्नी के मायके जाते ही पति ने लगाई फांसी
लोहता क्षेत्र के बड़ी बाजार में बुधवार की रात पत्नी के मायके जाने पर गुस्से में किशन मोदनवाल ने जान देने का प्रयास किया। घर के कमरे का दरवाजा भीतर से बंद कर पंखे के सहारे गमछे से गला बांधकर फांसी लगाने लगा। इस बीच छोटे भाई अर्जुन की नजर उस पर पड़ गई। अर्जुन ने घर के बाहर आकर शोर मचाया तो आसपास के लोग मौके पर पहुंच गए. सभी ने बंद दरवाजे को खुलवाने का प्रयास किया, लेकिन दरवाजा नहीं खुला। इसके बाद लोगों ने किसी तरह दरवाजा तोड़कर किशन को फांसी के फंदे से अलग करके ककरमत्ता स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां पर किशन की हालत स्थिर है। किशन की पत्नी अपने मायके आजमगढ़ के मेहनाजपुर जा रही थी। उसे पति के फांसी लगाने की सूचना मिली तो उल्टे पांव लौट गई। किशन की फरवरी में शादी हुई थी। वह पत्नी को मायके नहीं जाने देना चाहता था। साले की जिद पर विदाई कर दी गई लेकिन उसके आधे घंटे बाद ही क्रोध में आकर युवक ने फांसी लगाकर जान देने की कोशिश किया।