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March closing वाराणसी में वित्तीय वर्ष की समाप्ति पर पास हुए 1100 से अधिक बिल

लॉकडाउन में वित्तीय वर्ष के अंतिम दिन वाराणसी कोषागार में विभिन्न विभाग के 1100 से अधिक बिल पास हुए।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Tue, 31 Mar 2020 06:57 PM (IST)Updated: Tue, 31 Mar 2020 06:57 PM (IST)
March closing वाराणसी में वित्तीय वर्ष की समाप्ति पर पास हुए 1100 से अधिक बिल
March closing वाराणसी में वित्तीय वर्ष की समाप्ति पर पास हुए 1100 से अधिक बिल

वाराणसी, जेएनएन। देश में कोरोना संक्रमण से लडऩे के लिए लॉकडाउन कर दिया गया है। सरकार जहां लोगों के खाने, क्वारंटाइन करने और आवागमन की व्यवस्था कर रही है वहीं अन्य आवश्यक सेवा में कोई कटौती न हो इसके लिए लगातार धन की स्वीकृति दी जा रही है। इसी क्रम में वित्तीय वर्ष के अंतिम दिन कोषागार में विभिन्न विभाग के 1100 से अधिक बिल पास हुए।

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वित्तीय वर्ष का अंतिम दिन होने की वजह से मंगलवार को सुबह 10 बजे कोषागार खुलते ही विभागों के कर्मी बिल लेकर पहुंचने लगे। ये सिलसिला शाम पांच बजे तक जारी रहा। बिल को पास करने में कोषागार कर्मी भी पूरी तत्परता बरतते रहे। विभिन्न विभागों के जो बिल लंबित थे उन्हें तत्काल पास किया गया। मुख्य कोषाधिकारी (सीटीओ) शिवराम ने बताया विभिन्न विभाग अपने बिल ला रहे हैं। कहीं भी धन की कमी न हो इस कारण सभी बिल को तत्काल पास किया जा रहा है। विभागों से पहुंचने वाले कर्मचारियों की वजह से कोषागार के कर्मी पूरे दिन डटे रहे। स्वयं अधिकारी भी मुस्तैद रहे ताकि कोई बिल रुके नहीं। इस क्रम में स्वास्थ्य विभाग के 118 बिल, कृषि के 105, आइसीडीएस के 50, पुलिस के 150 बिल, बेसिक शिक्षा विभाग के 200, माध्यमिक शिक्षा, जिला व सेंट्रल जेल, समाज कल्याण, अल्पसंख्यक, पर्यटन आदि विभागों के कुल मिला कर 1100 से अधिक बिल पास किए गए। एक दिन पूर्व ही आपदा राहत के 60 लाख के बिल पास हुए। वित्तीय वर्ष को लेकर कोषागार के कर्मियों कई दिनों से लगातार मेहनत कर रहे थे। यहां तक कि रविवार को भी कार्यालय खुले रहे।

अस्पताल निर्माण में तेजी लाने के लिए 6.17 करोड़ जारी

वित्तीय वर्ष के अंतिम सप्ताह में सोमवार को ही अस्पताल निर्माण के लिए 6.17 करोड़ रुपये पास हुए। इसी प्रकार कृषि सब्सिडी का 46 लाख रुपये का 150 बिल, बाल विकास परियोजना का वेतन और अन्य 32 लाख रुपये का 50 बिल, सेंट्रल व जिला जेल का 3.50 लाख का बिल पास हुआ। इतना सब होने के बावजूद कोषागार में पूर्व के वर्षों की तरह भीड़ नहीं रही। कुछ विभागों का पैसा आया लेकिन आहरण वितरण अधिकारियों ने बिल नहीं भेजा।


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