Move to Jagran APP

वाराणसी में आबादी से अधिक लोगों की कर ली कोरोना वायरस की जांच, फिर भी मिल रहे मरीज

वाराणसी की आबादी से ज्यादा लोगों की स्वास्थ्य जांच की भी बात कही जा रही। इसको लेकर सवाल भी उठने लगे हैं।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sun, 16 Aug 2020 06:30 AM (IST)Updated: Sun, 16 Aug 2020 03:09 PM (IST)
वाराणसी में आबादी से अधिक लोगों की कर ली कोरोना वायरस की जांच, फिर भी मिल रहे मरीज
वाराणसी में आबादी से अधिक लोगों की कर ली कोरोना वायरस की जांच, फिर भी मिल रहे मरीज

वाराणसी, जेएनएन। कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर बहुत बड़ा दावा पेश किया गया है। ये दावा हम नहीं, बल्कि स्वास्थ्य विभाग ने स्वयं किया है। जी हां, स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की ओर से कोरोना संक्रमण को लेकर एक ऐसी रिपोर्ट जारी की गई है, जिससे यह जाहिर हो रहा है कि बनारस में अब सब ठीक है। यही नहीं हैरान करने वाली इस रिपोर्ट में जिले की आबादी से ज्यादा लोगों की स्वास्थ्य जांच की भी बात कही जा रही। इसको लेकर सवाल भी उठने लगे हैं। भला ऐसा कैसे हो सकता है कि स्वास्थ्य विभाग जनसंख्या से अधिक लोगों की स्वास्थ्य जांच कर ले, बावजूद इसके संक्रमण दर थमने का नाम ही न ले।

loksabha election banner

स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक जिले के सभी शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के अधीक्षक एवं प्रभारी चिकित्साधिकारियों के नेतृत्व में रैपिड रिस्पोंस टीमों (आरआरटी) ने पॉजिटिव मरीजों के घर संपर्क कर होम आइसोलेशन और हॉस्पिटल स्‍थानंतरण की संस्तुति तथा कोरोना पॉजिटिव मरीजों के निकट संपर्कियों की कांटैक्ट ट्रेसिंग की। स्वास्थ्य विभाग के साथ ही अन्य विभागों मसलन आपूर्ति विभाग, नागरिक सुरक्षा विभाग, शिक्षा विभाग एवं अन्य संस्थाओं के माध्यम से जनपद में 15,000 व्यक्तियों को आईवेर्मेक्टिन की 1.20 लाख गोली भी वितरित की गईं। वहीं जिले में गुरुवार को 1594 व्यक्तियों की सैंपङ्क्षलग और कोरोना जांच की गई।

4,347 लोगों में मिले हैं लक्षण

रिपोर्ट में यह भी बताया जा रहा है की कोरोना महामारी को कंट्रोल करने के लिए जिले में संचालित सर्विलांस अभियान के तहत ग्रामीण क्षेत्र में कुल 782 और शहरी क्षेत्र में कुल 200 टीम के अलावा 18 नोडल अफसरों की टीम लगी हुई है। इस तरह पूरे बनारस जिले में करीब 1000 टीमें कार्य कर रही हैं। अभियान के तहत अब तक ग्रामीण क्षेत्रों में जांच कराएं गए व्यक्तियों की संख्या 32.22 लाख (32,22,599) और भ्रमण किए गए आवासों की संख्या 6.36 लाख (6,36,637) है, जिसमें 2,716 लोगों में कोरोना से मिलते जुलते लक्षण मिले हैं। वहीं शहरी क्षेत्र की बात की जाए तो अब तक 10.25 लाख (10,25,283) लोगों के स्वास्थ्य की जांच की गई, जबकि भ्रमण किए गए आवासों की संख्या 2.24 लाख (2,24,858) है। इन आंकड़ों में भी 1631 लोगों में ही कोरोना से मिलते-जुलते लक्षण पाए गए हैं। इस तरह देखा जाए तो सर्विलांस टीमों के द्वारा ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में अभी तक कुल 4,347 लक्षणयुक्त व्यक्तियों को चिन्हित किया जा चुका है, जिनकी रोजाना सैंपलिंग कराई जा रही है।

आबादी 40 लाख, जांच 42 लाख

अब सवाल उठता है की सरकारी रिकॉर्ड में ही जिस बनारस जिले की आबादी 40 लाख के करीब है, वहां 42.5 लाख लोगों के स्वास्थ्य की जांच कैसे कर ली गई। जबकि हकीकत यह है कि ज्यादातर क्षेत्रों के लोगों की जांच हुई ही नहीं। ग्रामीण या शहरी क्षेत्र, वहां के लोगों का कहना है की जांच तो दूर की बात उनके यहां स्वास्थ्य विभाग के लोग जानकारी लेने तक नहीं आएं। जहां पहुंचे भी हैं तो घर के बाहर ही खड़े होकर परिवार के सदस्यों की गिनती पूछकर चले भी गए। इसका मतलब यह हुआ कि सर्विलांस अभियान में लगी एक हजार टीमें या तो स्वास्थ्य विभाग को गुमराह कर रही हैं या आम जनता को। यह विभाग के लिए जांच का विषय हो सकता है। 

समस्याएं कराई जा रहीं दूर

जानकारी के मुताबिक डीएम कौशल राज शर्मा की ओर से कोविड कार्यों पर निरंतर निगरानी रखी जा रही है। किसी भी कठिनाइयों या परेशानी को अविलंब दूर कराया जा रहा है। सैंपलिंग, कांटेक्ट ट्रेसिंग, सर्विलांस, डाटा फीडिंग और हॉस्पिटल सुविधा आदि का दिन में कई बार डाटा फीडिंग और मॉनिटरिंग कराते हुए इस काम के लिए अतिरिक्त लोग लगाए जा रहे हैं। विभिन्न विभागों के साथ राजस्व, आपूर्ति, शिक्षा, नगर निगम, पंचायत राज, आईसीडीएस, सिविल डिफेंस विभाग के साथ ही जरूरत के मुताबिक मानव संसाधन प्रतिदिन बढ़ाएं जा रहे हैं। वहीं राज्य स्तर एवं उच्च स्तर पर वार्ता कर कोविड के अंतर्गत अन्य संसाधनों में भी लगातार इजाफा किया जा रहा है। सभी विभागों में समन्वय बनाते हुए एल-1, एल-2 हॉस्पिटलों में सरकारी क्षेत्र के साथ ही निजी क्षेत्र के अस्पतालों की सहभागिता सुनिश्चित कराई गई है।

चिकित्सीय व्यवस्था में लगातार किया जा रहा इजाफा

हाल ही में प्राइवेट हॉस्पिटलों में आने वाले गंभीर मरीजों के सुविधा की दृष्टि से प्राइवेट हॉस्पिटलों को चिह्नित कर निश्शुल्क कोरोना जांच के लिए एंटीजन किट भी उपलब्ध कराया गया। एल-3 स्तर के बीएचयू हॉस्पिटल में अतिरिक्त बेड बढ़ाएं गए जिनकी संख्या अब 190 हो गई। साथ ही कमिश्नर दीपक अग्रवाल की ओर से बीएचयू हॉस्पिटल को हाई फ्लो हीटेड रेस्पिरेटरी ह्यूमिडी फायर की दो मशीनें उपलब्ध कराई गईं, जिससे आईसीयू के मरीजों के इलाज में मदद मिलेगी। इसी तरह इंडियन रेडक्रॉस सोसाइटी के माध्यम से एल-2 स्तर के दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय में भी हाई फ्लो हीटेड रेस्पिरेटरी ह्यूमिडी फायर की दो मशीनें मुहैया कराई गई हैं। वहीं हॉस्पिटलों में भर्ती मरीजों के लिए भाप लेने की वेपोराइजर मशीनें भी रखवाई गई हैं।

किसी भी स्तर पर मानव या अन्य चिकित्सा संसाधनों की कोई भी कमी नहीं होने दी जाएगी

किसी भी स्तर पर मानव या अन्य चिकित्सा संसाधनों की कोई भी कमी नहीं होने दी जाएगी। सभी के सहयोग से आगे बढ़ते हुए कोरोना संक्रमण पर जल्द ही काबू करने का हर संभव प्रयास जारी रहेगा।

- कौशल राज शर्मा, जिलाधिकारी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.