वाराणसी में एआरटीओ से ज्यादा गुर्गों की थी जिले में धमक, जानते थे अधिकारी का मोबाइल और टैबलेट का पासवर्ड
सोनभद्र में फर्जी रिलीज आर्डर पर थाने से 128 ओवरलोड ट्रकों को छुड़ाने (अवमुक्त) में सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (एआरटीओ) के गुर्गों ने भी खूब खेल किया। जिले में एआरटीओ से ज्यादा गुर्गों की धमक थी वह जो चाहते थे वही होता था।
जागरण संवाददाता, वाराणसी : सोनभद्र में फर्जी रिलीज आर्डर पर थाने से 128 ओवरलोड ट्रकों को छुड़ाने (अवमुक्त) में सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (एआरटीओ) के गुर्गों ने भी खूब खेल किया। जिले में एआरटीओ से ज्यादा गुर्गों की धमक थी, वह जो चाहते थे वही होता था। गाड़ी मालिक व दलाल सीधे उनके गुर्गों से संपर्क करते थे और काम हो जाता था। यहां तक कि एआरटीओ खुद ट्रक मालिकों और दलालों को गुर्गों से संपर्क करने को कहते थे। विभागीय जांच में एआरटीओ के गुर्गों का खेल सामने आया है।
परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने सहायक परिवहन आयुक्त (सड़क सुरक्षा) सुरेंद्र कुमार सिंह, उप परिवहन आयुक्त वाराणसी परिक्षेत्र एके सिंह और मीरजापुर के संभागीय परिवहन अधिकारी संजय तिवारी की संयुक्त समिति गठित कर जांच कराई तो कई तथ्य सामने आए हैं। जांच में पाया गया कि एआरटीओ के साथ बाहरी लोग यानि उनके गुर्गे रहते थे। एआरटीओ के सभी काम करने के साथ मोबाइल व टैबलेट का पासवर्ड तक जानते थे। चर्चा यह भी है कि जिले में अधिकारी के नहीं रहने पर गुर्गे सारा काम देखते थे।
128 ट्रकों का नंबर ब्लाक
फर्जी रिलीज आर्डर पर थाने से छूटे 128 ट्रकों के नंबर को परिवहन कार्यालय में ब्लाक कर दिया गया है। जांच पूरी होने तक उन ट्रकों का काेई काम नहीं होगा और न ही वे ट्रकें अनापत्ति प्रमाणपत्र लेकर जिले से बाहर जा सकती और न ही ट्रांसफर होगा।
अवैध खनन और इंट्री का चल रहा खेल
सोनभद्र में अवैध खनन और ओवरलोड ट्रकों से इंट्री लेने का खेल काफी पुराना है। मुख्यमंत्री, परिवहन व खनन मंत्री, मुख्य सचिव, मंडलायुक्त, जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने कई बार कार्रवाई करने का निर्देश दिया लेकिन होता कुछ नहीं है। सोनभद्र के रैकेट को तोड़ना मंत्री और अफसरों के बस की बात नहीं है। आज भी ओवरलोड ट्रकों का खेल जारी है।
मंडलायुक्त व डीएम ने भेजी है रिपोर्ट
जिले में अवैध खनन होने, ओवरलोड ट्रकों पर एआरटीओ द्वारा अंकुश नहीं लगाने पर जिलाधिकारी और मंडलायुक्त योगेश्वर राम मिश्र शासन को रिपोर्ट भेज चुके हैं। फर्जी रिलीज आर्डर पर थाने में सीज वाहनों को छोड़ने की भी रिपोर्ट शासन को भेजी जा चुकी है।