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पकड़े जाएंगे बंदर, कुत्तों की होगी नसबंदी, कोरोना संक्रमण को देखते हुए वाराणसी में नौ माह से नहीं पकड़े जा रहे बंदर

नगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों में झुंड में घूमते हुए कुत्ते-बंदर राह चलती महिलाओं वृद्धों तथा बच्चों को काटकर घायल कर रहे हैं। इनके आतंक से गली-मोहल्लों और सड़कों पर रात के समय निकलना मुश्किल हो गया है। वाराणसी नगर निगम की ओर से पहल की जा रही है।

By saurabh chakravartiEdited By: Published: Sat, 14 Nov 2020 10:03 AM (IST)Updated: Sat, 14 Nov 2020 01:47 PM (IST)
पकड़े जाएंगे बंदर, कुत्तों की होगी नसबंदी, कोरोना संक्रमण को देखते हुए वाराणसी में नौ माह से नहीं पकड़े जा रहे बंदर
शहरवासी आए दिन नगर निगम प्रशासन से कुत्ते-बंदरों को पकडऩे के लिए मांग करते रहते हैा

वाराणसी, जेएनएन। नगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों में झुंड में घूमते हुए कुत्ते-बंदर राह चलती महिलाओं, वृद्धों तथा बच्चों को काटकर घायल कर रहे हैं। इनके आतंक से गली-मोहल्लों और सड़कों पर रात के समय निकलना मुश्किल हो गया है। शहरवासी आए दिन नगर निगम प्रशासन से कुत्ते-बंदरों को पकडऩे के लिए मांग करते रहते हैं, लेकिन कोरोना के चलते पिछले नौ महीने से कुत्ते और बंदर को पकडऩे के लिए न तो नगर निगम और न ही वन विभाग की ओर से कोई अभियान नहीं चलाया जा रहा है।

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बेसहारा कुत्तों का नसबंदी नहीं हो रहा है, जिससे उनकी संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। पशु चिकित्सालय के इंचार्ज डा. अजय प्रताप सिंह के अनुसार शहर में सड़क और गलियों में घूम रहे बेसहारा कुत्तों का नसबंदी करने की तैयारी शुरू हो गई है। इसके लिए जानवरों पर काम करने वाली एजेंसी होप और आश्रय से करार किया गया है, जो बहुत जल्द ही बेसहरा कुत्तों का नसबंदी करेगी। एक कुत्ते की नसबंदी पर नगर निगम 750 रुपये एजेंसी को देगी। इसी तरह बंदरों को पकडऩे के लिए मथुरा से एक्सपर्ट बुलाए जाएंगे। एक बंदर को पकड़कर शहर के बाहर जंगल या पहाड़ पर लेकर जाकर छोडऩे पर नगर निगम 500 रुपये देती है। वहीं, बेसहारा कुत्ते की संख्या को कंट्रोल करने के लिए नसबंदी अभियान चलाया जाएगा। निगम के अनुसार नसबंदी के लिए जिस कुत्ते को जहां से उठाया जाएगा, उसे चार दिन बाद नसबंदी करने वाली एजेंसी फिर उसी जगह लाकर छोड़ देगी। रिकार्ड के लिए इस पूरी प्रक्रिया की फोटोग्राफी भी की जाएगी। एक अनुमान के अनुसार शहर में बेसहारा कुत्तों की संख्या 40 हजार से अधिक है, जबकि बंदर 15 हजार के करीब हैं। बहुत जल्द ही बेसहारा बेसहारा कुत्तों की जीओ टैङ्क्षगग शुरू होगी, जिससे इनकी संख्या का पता चलेगा। साथ ही आवारा कुत्ते के बारे में पूरा ब्योरा नगर निगम प्रशासन के पास रहेगा। वहीं, कुत्ता पालने वाले सतर्क हो जाएं। कुत्ते का रजिस्ट्रेशन कराना होगा। यह रजिस्ट्रेशन 200 रुपये में होगा। रजिस्ट्रेशन के बाद पालतू कुत्तों को जीओ टैगिंग द्वारा बारकोड युक्त पहचान पत्र जारी किए जाएंगे जिसे कुत्तों को पहनाना अनिवार्य होगा। इसमें टीकाकरण के साथ ही उसकी नस्ल का भी जिक्र रहेगा। अगर घर में बिना रजिस्ट्रेशन वाला पालतू कुत्ता पाया गया तो जुर्माना भी लगाया जाएगा। अब तक 160 पालतू कुत्तों का रजिस्ट्रेशन हुआ है।


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