देह व्यापार मामले में खुलासा, खाड़ी देशों से करोड़ों का ट्रांजेक्शन
वाराणसी में देह व्यापार के आरोपियों को करोड़ो रुपये खाड़ी से मिले मगर कोई जांच नहीं हुई।
विजय उपाध्याय, वाराणसी : नेपाल में आर्थिक तंगी का फायदा उठाते हुए मानव तस्करों ने न सिर्फ सैकड़ों लड़कियों को खाड़ी देशों तक पहुंचाया बल्कि उनका भरपूर शोषण भी किया। तस्करों को इसके बदले मोटी रकम के साथ ही कई तरह की सुविधाएं भी मिलती रहीं। इसकी बदौलत उनका साम्राज्य भारत, नेपाल से लेकर खाड़ी देशों तक विस्तार ले चुका है। हालांकि दो नेपालियों की पहल से शिवपुर के चांदमारी में देह व्यापार के इस गिरोह का भंडाफोड़ करने के बाद दिल्ली से गिरफ्तार हुए चारों आरोपितों ने आइबी, क्राइम ब्रांच व पुलिस की पूछताछ में बताया कि लड़कियों की सप्लाई के बदले उन्हें एक बार में 50 लाख रुपये तक सीधे खाते में ट्रांसफर किए गए। ऐसे में सवाल उठता है कि खाड़ी देशों से सीधे करोड़ों का ऑनलाइन कारोबार होता रहा मगर खुफिया व आयकर विभाग को भनक तक नहीं लग सकी।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, आरोपितों ने बताया कि नेपाल की युवतियों से कहा जाता था कि उन्हें खाड़ी देशों में अच्छी नौकरी मिलेगी। इसके बदले कुछ रुपये भी उनसे लिए जाते थे। वहां से लड़कियों को बनारस लाने के बाद कुछ दिनों तक शिवपुर स्थित चांदमारी में रखा जाता था और फिर यहां से ट्रेनिंग के बाद उन्हें दिल्ली भेजा जाता था। वहां करीब महीने भर रखने के बाद खाड़ी देशों में भेजकर काम कराया जाता था। इसके बदले आरोपितों को लाखों रुपये दिए जाते थे जबकि लड़कियों को हजारों। हालांकि सूत्रों का कहना है कि पुलिस की पूछताछ में किसी भी लड़की ने अपने साथ देह व्यापार की शिकायत नहीं की है। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि संभवत: अब भी गिरोह के कुछ सदस्य बाहर घूम रहे हैं जिनके डर से लड़कियों ने देह व्यापार की शिकायत नहीं की।
टूरिस्ट वीजा पर व्यापार : पुलिस की जांच में यह भी सामने आया है कि नेपाल की लड़कियां भारत आती थीं। इसके बाद खाड़ी देशों में जाकर वीजा व्यापार का बनवा लेती थी। इसके लिए दलाल भी काम करते थे। चूंकि यह काम किसी देश में सत्य नहीं माना जाता इसलिए इन पर कड़ी कार्रवाई होना तय है। भारत में मानव तस्करी में छूट की कीमत चुकाती थी युवतियां : पुलिस अफसरों के मुताबिक नेपाल में तत्काल पासपोर्ट बन जाता है। इसके बाद लड़कियां सीधे भारत आ जाती थीं। चूंकि नेपाल में मानव तस्करी पूरी तरह से बैन है इसलिए भारत में इस नियम में छूट के चलते अधिकतर एजेंट सक्रिय होकर उन्हें लाते थे और खाड़ी देश भेजकर मोटी रकम कमाते थे। एसएसपी आनंद कुलकर्णी का कहना है कि इस मामले में जांच चल रही है। उम्मीद है कि गिरोह के कई और सदस्य जल्द ही हत्थे चढ़ेंगे।