विधायक विजय मिश्र की पेशी आज, आगरा जेल से लाने के बाद पुलिस लाइन में रखा जाएगा
रिश्तेदार का फर्म और भवन हड़पने के मामले में आगरा जेल में निरुद्ध विधायक विजय मिश्र की पेशी शुक्रवार को होगी। इसको लेकर पुलिस और खुफिया चौकन्ना हो गई है। एसपी रामबदन सिंह ने बताया कि अभी इस संबंध में उन्हें कोई सूचना आगरा से नहीं मिली है।
भदोही, जेएनएन। रिश्तेदार का फर्म और भवन हड़पने के मामले में आगरा जेल में निरुद्ध विधायक विजय मिश्र की पेशी शुक्रवार को होगी। इसको लेकर पुलिस और खुफिया चौकन्ना हो गई है। एसपी रामबदन सिंह ने बताया कि अभी इस संबंध में उन्हें कोई सूचना आगरा से नहीं मिली है।
विधायक के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म सहित तीन मामलों में अभी तक रिमांड नहीं बन पाया है। रिमांड न बनने से विवेचक को चार्जशीट दाखिल करने में दिक्कत हो रही है। बताया जा रहा है कि विधायक को आगरा से लाने के बाद पुलिस लाइन में रखा जाएगा। इसके पश्चात उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा। वरिष्ठ अधिवक्ता हंसाराम शुक्ला ने बताया कि सामूहिक दुष्कर्म के मामले में शुक्रवार को रिमांड के लिए तिथि निश्चित है। पुलिस की ओर से आगरा जेल में नोटिस भी तामिल कराया जा चुका है। अब वह पेशी पर आएंगे की नहीं, इस बात की जानकारी नहीं है।
रिश्तेदार का फर्म और भवन हड़पने के आरोप में जेल में निरुद्ध
विधायक विजय मिश्र पर की गई गुंडा एक्ट की कार्रवाई फिर हाल शिथिल रहेगी। जिला मजिस्ट्रेट की अदालत में हो रही सुनवाई में सिर्फ तारीख पर तारीख पड़ रही है। कालीन व्यवसायी से रंगदारी मांगने के आरोप में विधायक के खिलाफ औराई कोतवाली में गुंडा एक्ट की कार्रवाई की गई थी। इसके बाद ताबड़तोड़ छह मुकदमे दर्ज किए गए। रिश्तेदार के फर्म और भवन हड़पने के आरोप में केस दर्ज होने के बाद उन्हें 18 अगस्त को मध्य प्रदेश के आगर जिले में गिरफ्तार कर लिया गया था वर्तमान समय में आगरा स्थित केंद्रीय जेल में बंद हैं। जेल में बंद होने के कारण गुंडा एक्ट की कार्रवाई शिथिल हो गई है। डीएम राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि गुंडा एक्ट के तहत जिला बदर करने की कार्रवाई की जाती है। वर्तमान समय में विधायक जेल में हैं। ऐसे में उनके खिलाफ गुंडा एक्ट की कार्रवाई नहीं की जा सकती है। जेल से रिहा होने बाद मामले में सुनवाई की जाएगी।
गुंडा एक्ट में क्या होती है कार्रवाई
पुलिस की रिपोर्ट पर गुंडा एक्ट की कार्रवाई की जाती है। डीएम कोर्ट से आरोपित को नोटिस जारी की जाती है। जवाब संतोषजनक मिलने पर नोटिस वापस भी कर ली जाती है। अपराधियों के खिलाफ इस एक्ट में छह माह के लिए जिला बदर कर दिया जाता है।
विधायक के पुत्र कर सकते हैं कोर्ट में समर्पण
विधायक विजय मिश्र के कारोबारी पुत्र विष्णु मिश्र किसी भी समय कोर्ट में समर्पण कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद वह हाईकोर्ट से याचिका वापस ले चुके हैं। कोर्ट ने उन्हें समर्पण करने को कहा है। साथ् ही नियमानुसार जमानत अर्जी दाखिल करने को कहा गया है। उनके खिलाफ गोपीगंज कोतवाली में रिश्तेदार का भवन हड़पने और सामूहिक दुष्कर्म का केस दर्ज किया गया है।