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Lockdown नवरात्र के प्रथम दिन विंध्यधाम में हर तरफ छाया सन्नाटा, पुजारियों ने किया धार्मिक अनुष्‍ठान

लॉकडाउन के चलते विंध्यधाम में चारों तरफ सन्नाटा छाया रहा। नवरात्र के पहले दिन मंदिर बंद करके पुजारियों ने धार्मिक अनुष्‍ठान किया।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Wed, 25 Mar 2020 08:23 PM (IST)Updated: Wed, 25 Mar 2020 08:23 PM (IST)
Lockdown नवरात्र के प्रथम दिन विंध्यधाम में हर तरफ छाया सन्नाटा, पुजारियों ने किया धार्मिक अनुष्‍ठान
Lockdown नवरात्र के प्रथम दिन विंध्यधाम में हर तरफ छाया सन्नाटा, पुजारियों ने किया धार्मिक अनुष्‍ठान

मीरजापुर, जेएनएन। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते पूरे देश में लॉक डाउन घोषित है। इससे आध्यात्मिक, धार्मिक व पर्यटन स्थल को अनिश्चितकाल के लिए बंद दिया गया है। लॉक डाउन के चलते विंध्यधाम में चारों तरफ सन्नाटा छाया रहा। ऐसी कल्पना किसी के मस्तिष्क में कभी नहीं आया होगा। जिस तरह से विंध्याचल मंदिर के अलावा अष्टभुजा व कालीखोह मंदिर का कपाट बंद रहा और लॉक डाउन का असर दिखा। इससे यह साफ नजर आ रहा है कि पूरा विंध्य क्षेत्र वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से लडऩे को तैयार है। हालांकि सभी मंदिरों में यथावत चलने वाले व्यवस्था के अनुसार श्रृंगार, आरती व पूजन किया जा रहा है। इसमें पुजारी समेत सिर्फ सात लोग ही शामिल हो रहे हैं। नवरात्र के प्रथम दिन देश-विदेश के कम से कम पांच लाख श्रद्धालु विंध्यधाम आते हैं लेकिन लॉक डाउन के चलते हालात यह रही कि तीर्थपुरोहित भी इकठ्ठा नहीं दिखें। श्रीविंध्य पंडा समाज ने बीस मार्च से विंध्यवासिनी मंदिर के अलावा पहाड़ पर विराजमान मां अष्टभुजा व महाकाली मंदिर को पूर्ण रूप से बंद कर दिया है। जिला प्रशासन भी पूरी तनमयता के साथ लगा है। मंदिर परिसर पर पुलिसकर्मियों के अलावा चार तीर्थपुरोहित भी सेवारत हैं।

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नाकाफी दिखा घर-घर सामग्री पहुंचाने का प्रबंध

लॉक डाउन की घोषणा के बाद काफी हद तक लोग अपने घरों में नजर आएं। कुछ लोग आवश्यक कारणों से तो कुछ तमाशबीन के रूप में सड़कों से अधिक गलियों में घूमते नजर आए। जीवन रक्षा के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदम से कुछ लोगों का जीवनयापन काफी कठिन भी है। वहीं विंध्यधाम में मूलभूत सामग्रियों को घर-घर पहुंचाने का प्रबंध नाकाफी दिखा। सामग्रियों की सप्लाई भी काफी महंगे दरों पर हो रही है। मुख्य सड़कों के अलावा कस्बे, मोहल्लों की गलियों में भी सामग्रियां उपलब्ध कराने का प्रयास करने के साथ ही सामग्रियों का उचित मूल्य निर्धारण करना बेहद जरूरी है।

कोरो नावायरस ने भक्तों को घरों तक किया सीमित

चैत्र नवरात्र के दौरान मां विंध्यवासिनी के दर्शन-पूजन के लिए करोड़ों लोग आते थे लेकिन कोरोना का डर लोगों को घरों तक सीमित कर दिया। लोग मां विंध्यवासिनी के दर्शन-पूजन के लिए बेचैन हैं लेकिन कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के चलते घर पर बंद रहने में ही भलाई समझ रहें है। साथ ही भक्तगण अपना सर्वस्व भक्ति भावना घर पर ही बैठकर मना रहे हैं और देश में फैले कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए आस्था और श्रद्धा से प्रार्थना करते दिख रहे हैं।

बोले दुकानदार, जान है तो जहान है...

कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर विंध्याचल मंदिर को अनिश्चितकालीन के लिए बंद कर दिया गया है। विंध्यधाम में ज्यादातर लोग दुकान लगाकर परिवार का जीविकोपार्जन करते हैं। दुकानदार विक्रय के लिए लाखों का सामान खरीद चुके थे। लॉक डाउन के चलते देश भर से आने वाले श्रद्धालुओं का आवागमन बंद होने से दुकानदार काफी मायूस दिखे। इसके बाद वे सभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सुर में सुर मिलाते हुए कहते हैं कि जान है तो जहान है। देश की खुशहाली व समाज कल्याण के लिए वे प्रार्थना कर रहे हैं और दूसरों को भी प्रेरित कर रहे हैं।


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