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विधायक मुख्तार अंसारी के करीबी मेराज अहमद खान के असलहा नवीनीकरण की अर्जी खारिज

मऊ के विधायक मुख्तार अंसारी के करीबी मेराज अहमद खान असलहा नवीनीकरण के मामले में अदालत से भी राहत नहीं मिली। विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण) लोकेश राय की अदालत ने मंगलवार को मेराज अहमद खान की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दिया।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Tue, 22 Sep 2020 08:58 PM (IST)Updated: Tue, 22 Sep 2020 08:58 PM (IST)
विधायक मुख्तार अंसारी के करीबी मेराज अहमद खान के असलहा नवीनीकरण की अर्जी खारिज
मेराज अहमद खान के असलहा नवीनीकरण के मामले में अदालत से भी राहत नहीं मिली।

वाराणसी, जेएनएन। मऊ के  विधायक मुख्तार अंसारी के करीबी मेराज अहमद खान असलहा नवीनीकरण के मामले में अदालत से भी राहत नहीं मिली। विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण) लोकेश राय की अदालत ने मंगलवार को मेराज अहमद खान की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दिया। अग्रिम जमानत का विरोध एडीजीसी अपर्णा पाठक ने किया। अभियोजन पक्ष के अनुसार जैतपुरा पुलिस ने फर्जीवाड़ा कर पिस्टल के लाइसेंस का नवीनीकरण कराने को लेकर अशोक बिहार कालोनी निवासी मेराज अहमद खान के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस का आरोप है कि मेराज अहमद के लाइसेंस की वैधता 31 दिसंबर 2019 तक थी। थाना व सरकारी कार्यालय के मुहर,रिपोर्ट तथा कागजात फर्जी ढंग से तैयार कर उसने अपने लाइसेंसी पिस्टल का 31 दिसंबर 2022 तक नवीनीकरण करा लिया था। इस मामले में मेराज अहमद की ओर से अंतरिम जमानत देने की अदालत से अपील की गई थी। अपर जिला जज (प्रथम) राजीव कमल पांडेय की अदालत ने इस अपील को खारिज कर दिया। तत्पश्चात अग्रिम जमानत के लिए प्रार्थना पत्र दिया गया।

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अभियोजन पक्ष ने प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए दलील दी कि पुलिस की विवेचना में कई दस्तावेज फर्जी पाए गए हैं। कोषागार फार्म पर जमाकर्ता के हस्ताक्षर तथा नवीनीकरण प्रार्थना पत्र पर आवेदक के हस्ताक्षर में भिन्नता पाई गई है। कोषागार फार्म पर बैंक प्राधिकारी का कोई हस्ताक्षर नहीं है। जांच में ट्रेजरी चालान फर्जी पाया गया है। वहीं बचाव पक्ष की दलील थी कि महज परेशान न बेइज्जत करने की गरज से मेराज अहमद को फंसाया गया है। नियमानुसार सभी प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही उसके पिस्टल का नवीनीकरण किया गया है।

अदालत ने दोनों पक्षों की बहस सुनने तथा पत्रावलियों के अवलोकन के पश्चात् मेराज अहमद की अग्रिम जमानत अर्जी निरस्त कर दिया। अदालत ने पाया कि ट्रेजरी चालान का जाली व फर्जी होना इससे भी स्पष्ट हो जाता है कि जिस तिथि छह जनवरी 2019 को ट्रेजरी चालान द्वारा नवीनीकरण शुल्क जमा करना कहा जाता है,उस दिन रविवार था।


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