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बीएचयू को बनाएंगे नंबर वन, साउथ कैंपस से राजीव गांधी का नाम हटाने का सदस्यों ने किया समर्थन

छात्र सुविधाओं आदि को लेकर केंद्रीय कार्यालय के समिति कक्ष में सोमवार को बीएचयू कोर्ट की बैठक में मंथन हुआ।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Tue, 10 Dec 2019 08:10 AM (IST)Updated: Tue, 10 Dec 2019 08:10 AM (IST)
बीएचयू को बनाएंगे नंबर वन, साउथ कैंपस से राजीव गांधी का नाम हटाने का सदस्यों ने किया समर्थन
बीएचयू को बनाएंगे नंबर वन, साउथ कैंपस से राजीव गांधी का नाम हटाने का सदस्यों ने किया समर्थन

वाराणसी, जेएनएन। देश की प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों की सूची में काशी ङ्क्षहदू विश्वविद्यालय तीसरे नंबर पर है। इसे पहले नंबर पर कैसे लाया जाए, पाठ्यक्रम, शिक्षण तकनीक, छात्र सुविधाओं आदि को लेकर केंद्रीय कार्यालय के समिति कक्ष में सोमवार को बीएचयू कोर्ट की बैठक में मंथन हुआ। इस दौरान कुलपति ने जहां साल भर की उपलब्धियों का ब्योरा पेश किया, वहीं दक्षिण परिसर से राजीव गांधी का नाम हटाए जाने की बात भी रखी गई। हालांकि सभी की सहमति के बाद भी इस पर भविष्य में कोई निर्णय लेने की बात कही गई।

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बीएचयू कोर्ट की 63वीं बैठक की शुरूआत कुलाधिपति न्यायमूर्ति गिरिधर मालवीय के स्वागत के साथ हुई। इसके बाद 20 नवंबर 2018 को संपन्न कोर्ट की बैठक के मिनट्स संग वर्ष 2018-19 की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की गई, जिसे सर्वसम्मति से पास कर दिया गया। कार्रवाई से ठीक पहले कुलपति प्रो. राकेश भटनागर ने पिछले एक साल में अर्जित विवि की उपलब्धियां गिनाई। इसकी सभी ने न सिर्फ सराहना की, बल्कि विवि प्रशासन को बधाई भी दी। इसके बाद सदस्यों ने अपनी बात रखते हुए महत्वपूर्ण सुझाव दिए। इस दौरान विवि की रैंकिंग तीसरे से पहले नंबर पर लाने पर मंथन किया गया। तमाम गुणात्मक बदलाव की बात कही गई, जिसे जल्द लागू करने का विवि प्रशासन ने भरोसा भी दिलाया।

साउथ कैंपस से हट सकता है राजीव गांधी का नाम

सूत्रों के मुताबिक बीएचयू कोर्ट की बैठक में दक्षिणी परिसर से पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का नाम हटाने का मुद्दा उठा। तर्क दिया गया कि पूर्व प्रधानमंत्री का न तो विवि से कोई नाता है न ही बनारस से। इस पर सभी सदस्यों ने सहमति व्यक्त की। कहा गया कि साउथ कैंपस का नाम किसी ऐसे महापुरुष के नाम पर रखा जाए, जिनका जुड़ाव भारतीय संस्कृति के साथ बनारस से भी हो। हालांकि इस पर भविष्य में विचार करने की बात कहते हुए कार्रवाई आगे बढ़ा दी गई।

मीडिया जगत में बिगड़ रही छवि

कोर्ट सदस्यों ने मीडिया जगत में दिन-ब-दिन खराब हो रही विवि की छवि को लेकर भी चिंता व्यक्त की। ऐसे में सुझाव दिए गए कि जिन कमियों की वजह से ऐसी खबरें आ रहीं हैं, उन्हें तत्काल सुधारने की पहल हो।

इनकी रही उपस्थिति

अध्यक्षता कुलाधिपति न्यायमूर्ति गिरिधर मालवीय ने की। इस अवसर पर कुलपति प्रो. राकेश भटननागर सहित प्रो. आनंद मोहन-बीएचयू, डा. एके सिंह-झारखंड, प्रो. बच्चा सिंह-बीएचयू, प्रो. अशीम कुमार मुखर्जी-प्रयागराज, डा. राम नरेश मिश्रा-हरियाणा, प्रो. अरविंद कुमार-बीएचयू, प्रो. भारतेंदु के सिंह-बीएचयू, डा. संजय श्रीवास्तव-बीएचयू, डा. महेंद्र कुमार गुप्ता-भोपाल, प्रो. राजीव सीजरिया-मेरठ, डा. श्रीराम वर्मा-हाथरस, प्रो. जितेंद्र प्रसाद-हरियाणा, डा. केडी त्रिपाठी-नई दिल्ली आदि रहे।

देश की टॉप-5 विवि

भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंग्लुरु।

जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय, दिल्ली।

काशी हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी।

हैदराबाद विश्वविद्यालय, तेलंगाना।

कलकत्ता विश्वविद्यालय।


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