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सुरक्षा के लिए रोज करना होगा प्रयास, पुलिस को चलना होगा जनता के साथ

पिछले छह महीनों के आंकड़ों पर गौर करें तो अपराध के करीब हर मामलों का पुलिस ने खुलासा कर दिया है मगर काशी में अपराध से ज्यादा बड़ी समस्या जाम की है।

By Krishan KumarEdited By: Published: Sat, 18 Aug 2018 06:00 AM (IST)Updated: Sat, 18 Aug 2018 06:00 AM (IST)
सुरक्षा के लिए रोज करना होगा प्रयास, पुलिस को चलना होगा जनता के साथ

अपराध थामने की दिशा में बनारस पुलिस ने पिछले दिनों कई प्रभावी कदम उठाए। नेपाली युवतियों के साथ देह व्यापार का मामला हो या फिर चौकाघाट-लहरतारा फ्लाईओवर हादसा। दोनों ही मामलों में पुलिस एवं क्राइम ब्रांच की संयुक्त टीम ने इतनी प्रभावी कार्रवाई की कि देश में हड़कंप मच गया। पिछले छह महीनों के आंकड़ों पर भी यदि गौर करें तो अपराध के करीब हर मामलों का पुलिस ने खुलासा कर दिया है मगर काशी में अपराध से ज्यादा बड़ी समस्या जाम की है। खराब सड़कों और अतिक्रमण के चलते लगने वाले जाम से वाहनों से निकलने वाले हा‍निकारक प्रदूषण से स्‍वास्‍‍थ्‍य सुरक्षित नहीं रह गया है। इसे दूर करने की दिशा में सिविल व यातायात पुलिस की ओर से चलाए जा रहे हर तीर बेकार साबित हो रहे हैं।

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जाम के लिए जिम्मेदारों को नोटिस, मुकदमा, वाहनों का चालान एवं सीज की प्रक्रिया सतत व वृहद स्तर पर चल रही है मगर हकीकत यही है कि बनारस आज भी जाम से कराह रहा है। लोग दो किलो मीटर की यात्रा वाहन से पूरी नहीं करना चाहते। पर्यटकों की स्थिति इस कदर खराब है कि वे जाम से परेशान होकर शहर में आना ही नहीं चाहते। ऐसे में सिपाही से लेकर एडीजी जोन तक सभी का जोर अब अपराध से ज्यादा जाम से निजात दिलाने में लगा हुआ है। लेकिन आम जन की बस यही सोच है कि यदि जनता से समन्वय कर पुलिस काम करे तो समस्या काफी हद तक दूर हो जाएगी। बेहतर पुलिसिंग हो मगर जनता से दुव्र्यवहार नहीं, अपराधियों को समय-समय पर सबक सिखाने की भी जरूरत है।

समस्या पर यदि गौर करें तो जाम के लिए अतिक्रमण, गलत पार्किंग, खराब सड़कें, बदहाल सिग्नल लाइटें, चौराहों-तिराहों पर पुलिस की जगह होमगार्ड के जवानों की तैनाती जाम के लिए बड़े जिम्मेदार है। यह सही है कि इन तमाम बदहाल व्यवस्था को पटरी पर आने में अब महज पांच से छह महीने लगेंगे। यहां स्मार्ट सिटी के तहत सैकड़ों करोड़ से शहर की स्थिति सुधारने की दिशा में काम भी हो रहा है मगर क्या इन योजनाओं के पूरा होने के बाद भी जाम से निजात मिल जाएगी, यह किसी को नहीं पता। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण यह है कि योजनाएं बनती हैं, अभियान चलता है मगर नियमित नहीं। इसके चलते हर योजनाएं, हर कवायद औंधे मुंह गिर जाती है मगर अफसरों का दावा है कि अब ऐसा नहीं है।

एसएसपी आनंद कुलकर्णी ने साफ किया है कि चरणवार तरीके से अभियान व योजनाएं चलेंगी। इनसे अपराध में भी कमी आएगी और जाम से निजात मिलती नजर आएगी। इस कड़ी में गलत पार्किंग व यातायात नियमों को तोडऩे पर वाहन स्वामियों पर कार्रवाई, हेलमेट के खिलाफ रोज अभियान और अब पार्किंग न होने पर 66 प्रतिष्ठान संचालकों को नोटिस। यह सब कवायद बता रहा है कि आने वाले दिनों में बनारस पुलिस कई और बड़े कदम उठाएगी जिससे कि शहर को जाम से निजात दिलाई जा सके। हालांकि अपराध थामने के लिए कुछ प्रमुख बातों को ध्यान में रखना होगा जिससे कि जिला पूरी तरह से अपराध मुक्त हो सके। इनमें अपराध के लिए हर चौराहे पर सीसी कैमरे लगाने के साथ ही यह ध्यान देना होगा कि कैमरा काम कर रहा है या नहीं। पुलिस पिकेट पर जवानों की नियमित तैनाती संग नए पिकेट का निर्माण भी होना चाहिए। रात्रि में पुलिस द्वारा चक्रमण किया जाए न कि खानापूर्ति हो। खासकर गलियों में नियमित गश्त होती रहनी चाहिए इससे काफी हद तक अपराध में भी कमी आएगी।

खास बिंदुओं पर रखनी होगी नजर इससे शहर रहेगा सुरक्षित

किराएदारों के लिए सर्कुलर निकाला जाए कि मकान मालिक खुद उनका सत्यापन कराएगा

हर क्षेत्र में कुछ युवाओं की मदद ली जानी चाहिए। उनकी टीम बनाकर काम कराना होगा।

छोटे-छोटे मामले में भी पुलिस तत्काल कार्रवाई करे, हर मामले को तत्काल निबटाएं

हेलमेट के लिए जैसे अभियान चल रहा है वैसा ही रेसर बाइक चालकों के लिए भी अभियान चले

इस कवायद से चेन स्नेचिंग व छेड़खानी की घटनाओं में कमी आएगी

गुमटियों के माध्यम से भी अपराध होते हैं, वहां अपराध पनपने से हमें रोकना होगा

युवाओं में जज्बा होता है, वे रात में भी काम कर सकते हैं इसलिए उनकी मदद ली जाए

अवैध रूप से बनारस में रह रहे बांग्लादेशियों का सत्यापन होना चाहिए

अपराध थामने की दिशा में पुलिस लगातार काम कर रही है। अपराध के हर मामले को चुनौती के तौर पर लिया जाता है। इसके चलते हाल फिलहाल में जितने अपराध हुए उनमें अधिकतर का खुलासा हुआ है। आने वाले समय में पुलिस का प्रयास और बेहतर होगा। ये कहना है सिटी के एसपी दिनेश कुमार सिंह का।

"यह सही है कि शहर में जाम की समस्या बेहद गंभीर है मगर रोज के प्रयास से पिछले कुछ महीनों की तुलना में समस्या में काफी कमी आई है। आने वाले कुछ महीनों में जाम से काफी हद तक राहत मिल जाएगी।"

-सुरेश चंद्र रावत, एसपी ट्रैफिक।

विजय उपाध्याय

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