मंडी सचिव तलब, महंगाई पर अंकुश के निर्देश, शहर में स्टाल लगाने के निर्देश, मूल्य में थोक बाजार के इर्द-गिर्द रहेगा भाव
महंगाई के चंगुल में फंसकर छटपटा रही जनता को राहत देने के लिए कलेक्टर ने कदम उठाया है। उन्होंने मंडी सचिव को तलब कर हालात की जानकारी ली।
वाराणसी, जेएनएन। महंगाई के चंगुल में फंसकर छटपटा रही जनता को राहत देने के लिए कलेक्टर ने कदम उठाया है। उन्होंने मंडी सचिव को तलब कर हालात की जानकारी ली तथा आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए। बातचीत के क्रम में शहर में जरूरी सब्जियों के दस स्टाल विभिन्न स्थानों पर लगाने की रणनीति बनी। हालांकि, अभी इसका स्थान चिह्नित नहीं किया गया है। गुरुवार तक मंडी सचिव को स्थान का चयन कर चिह्नित सूची उपलब्ध कराने को कहा है।
रोजाना प्रयोग में आने वाली सामग्रियों के भाव जनता को रुला रहे हैं। प्याज, लहसुन की महंगाई पर सरकार अंकुश लगा नहीं पाई थी कि सब्जियों ने भी आंखें तरेर लीं। रही सही कसर सब्जियों के राजा आलू के चार रुपये प्रति किलो उछाल आने से पूरी हो गई। महंगाई के हौव्वा के बीच जिंस पर गौर फरमाया गया तो साबुन, तेल, चावल, मेवा, मसाला सब महंगा हो गया है। यह कहना गलत नहीं होगा कि जरूरत की सारी चीजें महंगी हो गईं। हो-हल्ला मचने के बाद भी सरकार सिर्फ प्याज का आयात करने की रणनीति पर काम कर पा रही है। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि मंडी समिति के सचिव के अलावा व्यापारियों से भी बातचीत हुई है। एक-दो दिनों में ही हम जनता को राहत देने की दिशा में कदम उठाएंगे। मंडी सचिव को आवश्यक निर्देश देने के साथ ही व्यापारियों से भी बातचीत कर थोक भाव के इर्द-गिर्द ही जनता को सामान उपलब्ध कराने को कहा गया है। अपर जिलाधिकारी आपूर्ति को सब्जियों की बढ़ती कीमत नियंत्रित करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही उन्हें जमाखोरी करने वालों पर नकेल कसने के लिए कहा गया है। यदि कोई व्यापारी जमाखोरी करता है तो उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के साथ सभी माल जब्त करने को कहा गया है। इसके अलावा सभी अपर नगर मजिस्ट्रेट, एसडीएम को भी अपने-अपने क्षेत्र में नजर रखने को कहा गया है। खासकर सब्जी आढ़ती और व्यापारियों पर।