जल संरक्षण की मिसाल बनेंगे परिषदीय स्कूल, कई स्कूलों में पेयजल संचय का इंतजाम नहीं
देश के 115 इंस्पीरेशनल डिस्ट्रिक्ट में शामिल सोनभद्र जिले के परिषदीय स्कूल जल संरक्षण की मिसाल बनेंगे। सब ठीक रहा तो इसका परिणाम जल्दी ही नजर आएगा।
सोनभद्र, (सुजीत शुक्ल)। देश के 115 इंस्पीरेशनल डिस्ट्रिक्ट में शामिल सोनभद्र जिले के परिषदीय स्कूल जल संरक्षण की मिसाल बनेंगे। सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो इसके परिणाम भी जल्द ही नजर आएंगे। इसके लिए विभागीय स्तरीय से तैयारी भी शुरू कर दी गई है। जी हां, जल संरक्षण के लिए मिसाल बनने के लिए जिले के सभी परिषदीय स्कूलों में कंटेनर या घड़ा रखा जाएगा। इसके लिए जरूरी सर्वे करा लिया गया है। इंस्पीरेशनल जिले से बाहर निकालने के लिए नीति आयोग के निर्देशानुसार बीते दिनों जिले के सभी 2464 परिषदीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में सर्वे कराया गया था। शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मानें तो इस सर्वे में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। पता चला कि 51.3 फीसद स्कूल ऐसे हैं जहां पेयजल के संचय या उसके संग्रहण के लिए कोई इंतजाम नहीं है। यह स्थिति ¨चताजनक है। इसके अलावा सर्वे में ही पता चला कि 20.3 फीसद स्कूल ऐसे हैं जहां कंटेनर या घड़ा रखा गया है। 28.3 फीसद स्कूलों में ढक्कन और करछूल (हैंडिल लगा गिलास) है। यानी जल संचयन या जल बचाने की दिशा में महज 49 फीसद स्कूलों की ही कोशिश कारगर है। हर जगह कंटेनर या घड़ा रखने की तैयारी : पहले चरण में कराए गए सर्वे के बाद दूसरे चरण में सभी 51.3 फीसद स्कूलों में जहां कंटेनर या घड़ा नहीं है वहां रखने की तैयारी है। विभागीय अधिकारियों का तर्क है कि इससे बच्चे हैंडपंप से या टोटी से सीधे पानी नहीं लेंगे। बल्कि कंटेनर से ही पानी निकालेंगे। जब भी बच्चे सीधे हैंडपंप से या टोटी से पानी लेते हैं तो जितना पानी पीते हैं उतना ही बर्बाद भी होता है। हर स्कूल में शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए ठोस कार्ययोजना पर काम हो रहा है। पानी बचाने के लिए भी योजना बनी है। नीति आयोग के निर्देशानुसार ही जिले में कार्य कराया जा रहा है। इसके लिए सर्वे आदि कराया जा चुका है।
- डा. गोरखनाथ पटेल, बीएसए, सोनभद्र। कुल विद्यालय व छात्रों की संख्या : कुल विद्यालय: 2464, छात्रों की कुल संख्या: 2,60000, प्राथमिक विद्यालय: 1810,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय: 654।