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वर्ष 2014 को लोकसभा चुनाव जीतकर राजनीतिक धुरंधर हो गए मनोज सिन्हा, गाजीपुर में जश्‍न जारी

पूर्व केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा ने शुक्रवार को जम्मू कश्मीर में उपराज्यपाल पद की शपथ ली तो लहुरीकाशी के नाम विख्यात उनके गृह जनपद गाजीपुर में जमकर जश्न मनाया गया।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Fri, 07 Aug 2020 07:20 PM (IST)Updated: Sat, 08 Aug 2020 02:42 AM (IST)
वर्ष 2014 को लोकसभा चुनाव जीतकर राजनीतिक धुरंधर हो गए मनोज सिन्हा, गाजीपुर में जश्‍न जारी
वर्ष 2014 को लोकसभा चुनाव जीतकर राजनीतिक धुरंधर हो गए मनोज सिन्हा, गाजीपुर में जश्‍न जारी

गाजीपुर [अविनाश सिंह]। पूर्व केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा ने शुक्रवार को जम्मू कश्मीर में उपराज्यपाल पद की शपथ ली तो लहुरीकाशी के नाम विख्यात उनके गृह जनपद गाजीपुर में जमकर जश्न मनाया गया। इससे गाजीपुर ही नहीं बल्कि पूरेे पूर्वांचल का सिर फक्र से ऊंचा हो गया है। मनोज सिन्हा के अब तक राजनीतिक कैरियर पर गौर करें तो वर्ष 1996 से ही सक्रिय राजनीति में आ गए, लेकिन वर्ष 2014 का लोकसभा चुनाव जीतने के बाद राजनीतिक धुरंधर हो गए। इसके बाद वह सफलता की सीढिय़ा चढ़ते गए।

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मनोज सिन्हा के राजनीतिक जीवन काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला। 1999 लोकसभा चुनाव के बाद ऐसा लगा जैसे अब वह राजनीति की दुनिया से दूर हो गए हों। कई वर्षों तक दूर रहे भी, लेकिन वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के काफी मान मनौवल पर वह गाजीपुर से चुनाव लडऩे को तैयार हुए और मोदी लहर में उनके ऊपर जमकर वोट बरसे। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें अपने मंत्री मंडल में शामिल उनका कद काफी बढ़ा दिया। इसके बाद मनोज सिन्हा अपने राजनीतिक कैरियर में काफी तेजी से आगे बढ़े। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में जीतने वाले की उतनी चर्चा नहीं हुई जितना की मनोज सिन्हा के हार की हुई। विकास पुरुष के नाम से विख्यात मनोज सिन्हा की हार से विरोधी पार्टी लोग भी हैरान थे। उनके द्वारा गाजीपुर सहित पूरे पूर्वांचल में किए गए विकास कार्यों से न सिर्फ उनको, बल्कि शीर्ष नेतृत्व को पूरा यकीन था कि वह जीत जाएंगे, लेकिन सपा-बसपा के सोशल इंजीनियरिंग से वह मात खा गए। मनोज सिन्हा की स्वच्छ छवि व ईमानदारी के कारण विरोधी भी उनकी प्रशंसा करने में सकुचाते नही हैं। अपने कुशल कार्यशैली की बदौलत वह प्रधानमंत्री के अति करीबियों में शामिल हैं और जम्मू कश्मीर जैसे प्रदेश का उपराज्यपाल बनकर उन्होंने न सिर्फ गाजीपुर बल्कि पूरे पूर्वांचल का भी कद काफी बढ़ा दिया है।

उनके कार्यकाल में दो बार गाजीपुर आ चुके हैं प्रधानमंत्री मोदी

मनोज सिन्हा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह काफी करीबी हैं। वर्षों में लटके अधर में पटेल आयोग के कुछ संस्तुतियों को लागू कराने के साथ ही उनके आग्रह पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 नवंबर 2016 को आकर गंगा पर प्रस्तावित रेल सह ब्रिज का शिलान्यास भी किया। इसके बाद 29 दिसंबर 2018 को भी पीएम गाजीपुर आए और शब्दभेदी एक्सप्रेस सहित अन्य कई कार्यों का लोकार्पण किया। नरेंद्र मोदी ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जो दो बार परियोजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण करने आए थे। इससे पहले बड़े नेता सिर्फ चुनाव प्रचार के लिए जिले में आते हैं। इसकी देन भी मनोज सिन्हा ही हैं।

बाटी-चोखा पसंदीदा भोजन, दही अतिप्रिय

मनोज सिन्हा का केवल परिधान ही देशी नहीं है, बल्कि उनका खान-पान व रहन-सहन भी देशी है। उनका व्यंजन बाटी चोखा है। दही तो उन्हें काफी प्रिय है। नाश्ते में पोहा, सैंडविच, कच्चा पनीर, बादाम, चना, ग्रीन टी सुबह उठने के साथ और उसके साथ एक ओट्स बिस्किट खाते हैं। प्रतिदिन सुबह अखबार पढऩा नहीं भूलते। जब भी समय मिलता है फोन पर या फिर व्हाट्सएप पर के माध्यम से हाल चाल लेते रहते हैं। इतना ही नहीं वह कहीं भी रहते हैं लेकिन दाल, चावल व आटा गाजीपुर का ही खाते हैं।

प्रतिदिन करते हैं हनुमान चालीसा का पाठ

उप राज्यपाल मनोज सिन्हा सुबह नाश्ता व पाठ करने केे बाद प्रतिदिन सुबह हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं। यह उनका प्रतिदिन का काम है। इसके बाद ही घर से बाहर निकलते हैं। मनोज सिन्हा का यह रुटीन चुनाव के समय भी रहता था। देर रात तक प्रचार करने के बावजूद सुबह ही जग जाते हैं और फिर से वही रुटीन शुरू हो जाता था।

जिले का जो मिलता हैं, पूछते हैं हाल चाल

मनोज सिन्हा का कद काफी बढ़ गय है, लेकिन वह अपना देशी अंदाज नहीं भूले। आज भी जिले का कोई उनका जान-पहचान का कहीं मिलता है तो उसे गाजीपुर के ही अंदाज में... का हो का हाल चाल बा... बोलकर हाल जानते हैं। जब बहुत प्रसन्न रहते हैं तो पुराने गाने भी गुनगुनाते रहते हैं।

बचपन से रहा है पढऩे लिखने का शौक

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को पढऩे-लिखने का शौक बचपन से रहा है। प्रधानाचार्य का पुत्र होने का भी उनको उनसे प्रेरणा मिली। गांव से प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से एमटेक किया। उस दौरान पढ़ाई के समय भी जब पैंट-शर्ट पहनने की उम्र थी, तब भी यह धोती-कुर्ता या फिर कुर्ता-पैजामा ही पहनते थे।

सोशल मीडिया पर स्वयं रहते हैं एक्टिव

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा सोशल मीडिया पर स्वयं एक्टिव रहते हैं। अपने फेसबुक व ट्वीटर अकाउंट को खुद चलाते हैं। हमेशा अपडेट रहने के साथ ही जवाब भी देते रहते हैं। सोशल मीडिया पर हमेशा एक्टिव रहने का ही परिणाम है कि ट्वीटर पर चार लाख से अधिक इनके फालोअर हैं।


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