Move to Jagran APP

वाराणसी में प्रबंधन स्कूल खोलने को तैयार, शासन की गाइड लाइन का इंतजार

कोविड-19 के लिए जारी गाइड लाइन के अनुसार प्रबंधन स्कूल खोलने के लिए तैयार है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sun, 20 Sep 2020 02:38 PM (IST)Updated: Sun, 20 Sep 2020 02:38 PM (IST)
वाराणसी में प्रबंधन स्कूल खोलने को तैयार, शासन की गाइड लाइन का इंतजार
वाराणसी में प्रबंधन स्कूल खोलने को तैयार, शासन की गाइड लाइन का इंतजार

वाराणसी, जेएनएन। कोविड-19 के प्रकोप को देखते हुए फिलहाल सितंबर में स्कूल-कालेज खुलने की संभावना नहीं है। वहीं कोविड-19 के लिए जारी गाइड लाइन के अनुसार प्रबंधन स्कूल खोलने के लिए तैयार है। जनपद के तमाम सीबीएसई से संचालित निजी स्कूलों ने इसकी तैयारी भी लगभग पूरी कर रही है। स्कूल खोलने के लिए उन्हें बस शासन की हरी झंडी का इंतजार है।

loksabha election banner

जबकि यूपी बोर्ड से संचालित राजकीय व अशासकीय व निजी माध्यमिक विद्यालयों ने कोविड-19 से लडऩे के लिए अब तक कोई खास बंदोबस्त नहीं किया है।  विद्यालयों को सैनिटाइजेशन कराने के लिए उनकी निगाहें जिला प्रशासन, नगर निगम व स्वास्थ्य विभाग पर टिकी हुई है। इससे इतर बच्चों को स्कूल भेजने को लेकर अभिभावकों में संशय की स्थिति बनी हुई है। अभिभावकों का कहना है कि पढ़ाई से अधिक बच्चों का जीवन महत्वपूर्ण है। ऐसे में स्कूलों में व्यवस्था देखने के बाद ही बच्चों को स्कूल भेजने का निर्णय लेंगे। दरअसल मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने 21 सितंबर से कक्षा नौ से 12 तक बच्चों के लिए स्कूल खोलने की हरी झंडी दे दी थी। वहीं सूबे में स्कूल खोलने का निर्णय अब 30 सितंबर के बाद लिया जाएगा।

अभिभावक मानसिक रूप से तैयार नहीं

प्रथम चरण में कक्षा नौ से 12 तक बच्चों के लिए विद्यालय खोलने की बात चल रही है। इसे देखते हुए प्रधानाचार्यों ने स्कूल खोलने की तैयारी भी अभी से शुरू कर दी है। वहीं कोविड-19 के प्रकोप को देखते हुए ज्यादातर अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजने को लेकर अभी मानसिक रूप से तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि पढ़ाई से अधिक बच्चों का जीवन महत्वपूर्ण है।

शिफ्ट में बच्चों को बुलाने की योजना

कान्वेंट विद्यालय, मिशनरी, यूपी बोर्ड से संचालित तमाम विद्यालयों ने कोरोना महामारी को देखते हुए कक्षाओं के संचालन के लिाए प्रारंभि स्तर पर अलग-अलग योजनाएं बनाई है। कुछ माध्यमिक विद्यालयों ने कक्षा नौ व 11 के बच्चों को सप्ताह में तीन दिन ही विद्यालय बुलाने की योजना बनाई है। इसी प्रकार कक्षा 10 व 12 के बच्चों को भी तीन दिन बुलाया जाएगा। इस प्रकार शिफ्ट वाइज बच्चों को बुलाने का खाका तैयार किया है।

ऑनलाइन पढ़ाई ही रहेगी जारी

स्कूल खुलने के बाद भी कई स्कूलों ने ऑनलाइन पढ़ाई जारी रखने का निर्णय लिया है। अंग्रेजी माध्यम के कई स्कूलों ने बच्चों को तीन घंटा ऑफलाइन व दो घंटा ऑनलाइन पढ़ाई कराने की योजना बनाई है। वहीं सभी बच्चों को मास्क पहनकर आना अनिवार्य होगा। टैम्परेचर के लिए थर्मल स्कैनिंग व सैनिटाइजर की व्यवस्था विद्यालय गेट पर ही रहेगी।

शासन की ओर से 21 सितंबर से स्कूल खोलने का कोई निर्देश नहीं हैं। शासन की गाइड लाइन आने केे बाद ही बच्चों के लिए स्कूल खोले जाएंगे। शासन की गाइड लाइन का पूरी तरह से अनुपालन होगा। -डा. विजय प्रकाश सिंह, जिला विद्यालय निरीक्षक

शासन की गाइड लाइन का हम लोग पूरी तरह अनुपालन करने के लिए तैयार है। बच्चों को विद्यालय भेजने के लिए अभिभावकों की सहमति लेंगे। यही नहीं विद्यालय को कोविड-19 से बचने के लिए किए गए इंतजाम अभिभावकों को बुलाकर दिखाया जाएगा। स्कूल खुल जाने के बाद भी ऑनलाइन पढ़ाई जारी रहेगी। -दीपक मधोक, अध्यक्ष पूर्वांचल स्कूल वेलफेसर एसोसिएशन

शासन की गाइड लाइन के अनुसान हमलोग विद्यालय खोलने के लिए तैयार है। इसके लिए कक्षा नौ से 12 तक  विद्यार्थियों को मानसिक रूप से तैयार करने का काम भी शुरू कर दिया गया है। हालांकि विद्यालयों को सैनिटाइज कराने की व्यवस्था जिला प्रशासन को करनी चाहिए। -डा. विश्वनाथ दुबे, प्रधानाचार्य, सीएम एंग्लो बंगाली इंटर कालेज

''वर्तमान में अब सब कुछ खुल गए हैं तो ऐसे में स्कूल कालेज अब और बंद रखने का कोई औचित्य नहीं हैं। हालांकि कोविड-19 का खतरा बढ़ता ही जा रहा है। इसे लेकर मन में शंका बनी हुई है। फिर भी सीमित संसाधन में सरकार द्वारा निर्धारित मानकों का पालन करते हुए बच्चों को पढ़ाने की व्यवस्था की जाएगी।

-प्रियंका तिवारी, प्रधानाचार्य, हरिश्चंद्र बालिका इंटर कालेज

 कोरोना महामारी का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। वहीं सरकार की ओर से ही 18 वर्ष से कम व 60 वर्ष के अधिक उम्र के लोगों को बहुत आवश्यक होने पर बाहर निकलने की सलाह दी जा रही है। ऐसे में बच्चों को स्कूल कैसे भेजा जाय। इसे लेकर मन में संशय बना हुआ है। -राजेश सिंह, अभिभावक

कोविड-19 का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में वर्तमान परिस्थितियों में स्कूल खोलने का निर्णय उचित नहीं हैं। फिलहाल मैं अपने पुत्र आलोक चौबे को विद्यालय न भेजने का निर्णय लिया है। पढ़ाई के नाम पर बच्चों को कोविड का सटिफिकेट नहीं दिलाना है।  - डा. अरविंद चौबे, अभिभवक।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.