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391 करोड़ रुपये से आकार पाएगा कारिडोर, परिषद ने शासन को सौंपी फाइनल डिजाइन

विभागों संग मंत्रणा व एनओसी की प्रक्रिया पूरी कर कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा, कारिडोर की डिजाइन को लेकर तय किया गया पूरे क्षेत्र हरियाली को समर्पित रहेगा।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sun, 13 Jan 2019 11:28 AM (IST)Updated: Sun, 13 Jan 2019 11:28 AM (IST)
391 करोड़ रुपये से आकार पाएगा कारिडोर, परिषद ने शासन को सौंपी फाइनल डिजाइन
391 करोड़ रुपये से आकार पाएगा कारिडोर, परिषद ने शासन को सौंपी फाइनल डिजाइन

वाराणसी, जेएनएन। बाबा दरबार से गंगा तट तक बनाए जा रहे श्रीकाशी विश्वनाथ कारिडोर के निर्माण पर लगभग 391 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इससे समतलीकरण से लेकर जमीन के अंदर-उपर के निर्माण कराए जाएंगे। इसमें ही नक्काशी और साज- सज्जा आदि के भी खर्च शामिल होंगे। श्रीकाशी विश्वनाथ विशिष्ट क्षेत्र विकास परिषद प्रशासन ने शनिवार को कारिडोर की डिजाइन शासन को सौंप दी। पूरे दिन कई चरणों में चली मैराथन बैठक में डिजाइन, आकार प्रकार, समय सीमा समेत विभिन्न बिंदुओं पर मंथन किया गया। नक्काशी, साज सज्जा समेत पत्थरों के कार्य को देखते हुए समग्र रूप से 391 करोड़ ब्लाक बजट प्रस्तावित किया गया ताकि आगे किसी तरह हाथ न बंधने पाए।

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अब डिजाइन समेत इस्टीमेट समस्त संबंधित विभागों संग मंत्रणा व एनओसी आदि की प्रक्रिया पूरी कर कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा। कारिडोर की फाइनल डिजाइन को लेकर मंथन में तय किया गया पूरे क्षेत्र हरियाली को समर्पित रहेगा। हालांकि विशेष मार्ग का निर्माण श्रद्धालुओं की सुविधा के लिहाज से ही कराया रहा है तो दो मंजिला भवन में 40,000 वर्गफीट निर्मित क्षेत्र होगा। इसका ध्यान रखा जाएगा कि भवनों की ऊंचाई बाबा दरबार के शिखर से नीचे ही रहे। सीएम के निर्देशानुसार इसमें रूद्र वन को विशेष तरजीह दी गई ताकि श्रद्धालुओं को अधिक से अधिक खुला स्थान मिल सके। पीएम व सीएम की निगरानी में बन रहे कारिडोर को लेकर शुरू से ही सक्रियता बरती जा रही है।

इस लिहाज से कई बार संशोधन भी करने पड़े। इसके लिए 276 भवनों की जरूरत है जिसमें 214 अब तक खरीदे जा चुके हैं और ध्वस्तीकरण चल रहा है। पहले निर्माण के लिए 200 करोड़़ का बजट प्रस्तावित किया गया था। सीईओ विशाल सिंह के अनुसार फाइनल डिजाइन में सभी पहलुओं का ध्यान रखा गया है। प्रक्रिया पूरी होते ही निर्माण कार्य शुरू होगा और ऐतिहासिक कारिडोर देश-दुनिया के सामने आएगा।  


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