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Make Small Strong : पहल ने आपदा में कारोबार को सजाया, मिलने लगे आर्डर तो दूर हुई चिंता

कारोबार को मजबूत आधार देने के लिए दो दशक पहले जब स्टोर की बिलिंग को अकाउंटिंग साफ्टवेयर तैयार कराने गया तो उस समय बिल में ग्राहकों का मोबाइल नंबर भी दर्ज कराने का विकल्प था। कुछ ग्राहकों ने तो आनलाइन खरीदारी करके सारी चिंता को दूर कर दिया।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Mon, 19 Oct 2020 12:30 AM (IST)Updated: Mon, 19 Oct 2020 09:11 AM (IST)
Make Small Strong : पहल ने आपदा में कारोबार को सजाया, मिलने लगे आर्डर तो दूर हुई चिंता
रथयात्रा स्थित धानुका स्टोर में खरीदारी करते ग्राहक।

वाराणसी, जेएनएन। कारोबार को मजबूत आधार देने के लिए दो दशक पहले जब स्टोर की बिलिंग को अकाउंटिंग साफ्टवेयर तैयार कराने गया तो उस समय बिल में ग्राहकों का मोबाइल नंबर भी दर्ज कराने का विकल्प था। उस समय नहीं पता था कि दर्ज किए गए मोबाइल नंबर कोरोना महामारी में कारोबार का आधार बन जाएंगे। रथयात्रा स्थित धानुका स्टोर के एमडी गौरी शंकर धानुका का मानना है कि लाकडाउन अवधि में तकनीक ने कारोबार को बहुत सहारा दिया है। कहते हैैं, वैसे तो तकनीक का प्रयोग वर्ष 2000 से कर रहा, लेकिन तकनीक का असल महत्व लाकडाउन के दौरान समझ में आया। तकनीक से कारोबार को जहां गति मिली वहीं ग्राहकों को संतुष्टि। 

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सोशल मीडिया के माध्यम से ग्राहकों के दिलों में बनाई पैठ

महामारी से बचाने के लिए जब सरकार ने अचानक लाकडाउन का फैसला लिया तो कारोबारी स्तब्ध रह गए। शुरुआत में तो कुछ दिन परिवार के साथ समय बिताना अच्छा लगा, लेकिन दिन बीतने के साथ कारोबार की चिंता भी होने लगी। बस फिर क्या था तकनीक की मदद से उस खाली समय का खूब सदुपयोग किया। घर से निकलकर स्टोर पहुंचता और बस एक ही काम स्टोर की हर वस्तु की अलग-अलग फोटो खींचता। करीब पहला लाकडाउन तो फोटो खींचने में ही निकल गया। उसके बाद स्टोर के कर्मचारियों को उन फोटो को सोशल मीडिया के माध्यम से भेजना शुरू किया। हर कर्मचारी को अलग-अलग वैरिएंट की जिम्मेदारी सौंप दी गई। इधर  अकाउंटिंग साफ्टवेयर से पुराने ग्राहकों के नंबर को तलाशना और डायरेक्टरी में सुरक्षित करने का जिम्मा उठाया। परिणाम यह हुआ कि हमारे पास हजारों ग्राहकों का बंच तैयार हो गया। फेसबुक, वाट्सएप, ट्वीटर, इंस्टाग्राम सहित अन्य प्लेटफार्मों के माध्यम से स्टोर में उपलब्ध सभी स्टाक के कलेक्शन को उन ग्राहकों तक भेजा जाता। दो-तीन दिनों में उस पर ढेर सारे कमेंट और प्राइज क्वेरी आने लगी। कुछ ग्राहकों ने तो कास्मेटिक आइटम जैसे लिपिस्टिक, नेल पेंट, हेयर पिन, क्लचर व अन्य एसोसिरीज के वीडियो की मांग करने लगे। हम मांग के अनुरूप उन्हेंं वीडियो भी बनाकर भेज देते।

लाकडाउन-2 में शुरु हुई बुकिंग

जब सरकार ने लाकडाउन की अवधि बढ़ा कर लाकडाउन-2 लगाया तब तक तकनीक की मदद से हमारी पहुंच ग्राहकों के बीच हो चुकी थी। फिर क्या आर्डर मिलना शुरु हो गया। कुछ ग्राहकों ने तो आनलाइन खरीदारी करके सारी चिंता को दूर कर दिया तो कुछ ने बुकिंग करके कारोबार को सहारा दिया। 

वीडियो कालिंग की मदद से खूब किया प्रदर्शन

महामारी ऐसे समय में फैली जब खरीदारी का पीक सीजन रहता है। लाकडाउन लगने से ग्राहक और दुकानदार दोनों फुर्सत में हो गए। तकनीक की मदद से एक साथ कई ग्राहकों को लहंगा और शेरवानी का वीडियो कालिंग के माध्यम से प्रदर्शन किया। इसका लाभ यह मिला कि बनारस के अलावा अन्य जिले गाजीपुर, बलिया, मऊ, आजमगढ़, चंदौली के भी ग्राहक संपर्क में आ गए। कुछ ने तो बुकिंग भी कराई।

महामारी ने बदला खरीदारी का तरीका

पहले शादी समारोह की खरीदारी के लिए बाजार में निकले लोग कई दुकानों पर जाकर कलेक्शन देखते थे। वहीं अब महामारी के बाद से खरीदारी का तौर-तरीका बिल्कुल बदल गया है। अब ग्राहक उसी दुकान पर पहुंच रहे हैं जहां उन्हेंं एक छत के नीचे एक साथ कई वस्तुएं प्राप्त हों जाएं। अब वह कई स्टोर पर घुमने के बजाए एक स्टोर से ही खरीदारी करके वापस घर जाना अच्छा समझ रहे हैं। 

पुराने ग्राहकों से हुई मुलाकात तो संबंध हुए ताजे

तकनीक की मदद से लाकडाउन में उन ग्राहकों से भी मुलाकात हुई जो कभी किसी काम से बनारस आए थे और स्टोर में वीजिट किए थे। जब उन ग्राहकों से सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर मुलाकात हुई तो पुराने संबंध ताजे  गए।

एप की मदद से नए ग्राहकों से बना संबंध

आजकल कुछ भी खरीदना है तो सबसे पहले लोग आनलाइन उस सामान को चेक करते हैं। फिर स्टोर में जाकर उसे आफलाइन देखते हैं। उसके बाद प्राइस कंपैरिजन किया जाता है, लेकिन लाकडाउन में तो खरीदारों के समक्ष केवल आनलाइन प्लेटफार्म ही उपलब्ध था। ऐसे में जस्टडायल एप ( जेडी ) ने नए ग्राहकों से संपर्क कराया।


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