Make Small Strong : डिजिटल प्लेटफार्म पर कारोबार को धार, लिखी भविष्य की इबारत
वाराणसी जिले में दो व चार पहिया वाहन के कारोबार से जुड़े बृजलैक्स ग्रुप के निदेशक विनम्र अग्रवाल ने कोरोना काल में भी इसके बूते न केवल अपने कारोबार को निरंतर संचालित रखा बल्कि बेहतर प्रदर्शन भी किया।
वाराणसी, जेएनएन। कोरोना काल में जब कारोबार ग्राहकों के अकाल की स्थिति में आया तो तकनीक ने रास्ता दिखाया। ऐसा खाने-पीने के व्यवसाय में ही नहीं आटोमोबाइल सेक्टर में भी डिजिटल प्लेटफार्म काम आया। दो व चार पहिया वाहन के कारोबार से जुड़े बृजलैक्स ग्रुप के निदेशक विनम्र अग्रवाल ने कोरोना काल में भी इसके बूते न केवल अपने कारोबार को निरंतर संचालित रखा बल्कि बेहतर प्रदर्शन भी किया। सिगरा स्थित उनके टाटा मोटर्स, होंडा दो पहिया व एस्कार्ट ट्रैक्टर समेत आटोमोबाइल शोरूम में कारोबार तकनीक के इंजन से दौड़ पड़ा है। लाकडाउन के दौरान ही उन्होंने वाहनों के सेल्स एवं सर्विस के लिए इसे तैयार किया, जिससे ग्राहकों को बहुत सहूलियत मिल रही है। इस डिजिटल प्लेटफार्म का ग्राहक भरपूर उपयोग कर रहे हैं।
विनम्र अग्रवाल बताते हैं कि बृजलैक्स आटोमोबाइल की शुरूआत सिगरा से ही उनके पिता बिमल अग्रवाल ने 50 साल पहले की थी। वर्तमान में इसकी शाखा सिगरा, लहरतारा के साथ ही गाजीपुर, चंदौली व ज्ञानपुर में भी हो गई हैं। यही नहीं इसके अलावा रामनगर औद्योगिक क्षेत्र में रेल इंजन एवं कोच के कल-पुर्जे बनाने की इकाई भी दो साल पहले स्थापित की। साथ ही कालीन निर्यात का भी कारोबार है। विनम्र बताते हैं कि बृजलैक्स ग्रुप के साथ लगभग 550 कर्मचारी जुड़े हैं। मई से ही सभी कर्मचारी भी तकनीक के सहारे कार्य में जुटे हैं। कहते हैं कि इस कोरोना काल ने कई रास्ते भी दिखाए हैं। अब वर्चुअल मीटिंग का प्रचलन बढ़ा है। इससे समय व अनावश्यक खर्च की भी बचत हो रही है।
वैश्विक महामारी कोरोना से बचाव के लिए लगे लाकडाउन ने हर तरह के कारोबार की कमर तोड़ दी। हालांकि तमाम ऐसे कारोबारी हैं जिन्होंने इस कोरोना काल का अवसर के रूप में उपयोग किया। भविष्य की नींव तैयार की और तकनीक का सहारा लेकर अधिकारियों, कर्मचारियों के साथ ही ग्राहकों के साथ ही जुड़े रहे।
विनम्र बताते हैं कि पहले आपधापी में कारोबार के अलावा और कुछ सोचने की फुर्सत नहीं मिल रही थी। लाकडाउन के दौरान कुछ अलग से करने की ललक जगी। पहले तैयार ग्राहकों का डेटा इस दौरान काफी काम आया। कर्मचारी ग्राहकों से लगातार वाट्सएप एवं फोन के माध्यम से संपर्क में थे। उनको नई स्कीम व रेंज के बारे में भी जानकारी दी जा रही थी। इससे ग्राहकों में शोरूम के प्रति अपनत्व की भावना जागृत हुई।
वर्चुअल पूछताछ का बढ़ा ट्रेंड
विनम्र अग्रवाल ने बताया कि लाकडाउन के दौरान तैयार किए गए एप से वाहनों की पूछताछ वर्चुअल भी हुई। लोग घर बैठे ही वाहनों के बारे में पूरी तरह जान व समझ रहे थे। बृजलैक्स एप पर वह सारी जानकारी मौजूद है जो ग्राहकों के मन में सवाल आते है। एप खोलने के बाद हिंदी या अंग्रेजी भाषा का चयन करना है। इसके बाद नाम फिर मोबाइल नंबर डालने है। इसके बाद सेल्स या सर्विस के बारे में जानकारी लेनी है इसका आप चयन करेंगे। इसमें वाहनों का मॉडल, रेंज, कलर आदि सभी जानकारी मिल जाएगी। इससे आप शारीरिक दूरी का भी पालन कर सकते हैं। इससे समय व खर्च दोनों की बचत होगी।
वर्क फ्राम होम ने भी बहुत कुछ बताया
कोरोना काल में तमाम अधिकारी, कर्मचारी वर्क फ्राम होम से अपने कार्य को जारी रखा। विनम्र अग्रवाल बताते हैं कि अगर तकनीक का उपयोग नहीं किया गया होता तो कारोबार 50 फीसद कारोबार प्रभावित होता। इस लिए सभी को तकनीक का उपयोग करना ही पड़ेगा। वरना इस आधुनिक युग में हम पीछे रह जाएंगे। अधिष्ठाता खुद के साथ कर्मचारियों को भी तकनीकी रूप से दक्ष करें, जिसका लाभ उन्हें ही मिलेगा। तकनीक दक्ष वाले ही आज के आधुनिक युग में टिक पाएगा।
एमडी से भी हो जाती है बात
आनलाइन बैठक के कई फायदे हैं। एक तो हर माह बिना किसी खर्च के ही कारोबार पर चर्चा हो जाती है। यही नहीं कई बार तो कंपनियों के एमडी से भी बात हो जा रही है, जो पहले संभव नहीं था। इससे पैसा तो बच ही नहीं है साथ ही पर्यावरण का भी संरक्षण हो रहा है। अन्य अनावश्यक वाहनों में ईंधन फूंकने पड़ते हैं। विनम्र ने बताया कि इन तकनीक का आगे भी उपयोग जारी रहेगा। कोशिश होगी और नई तकनीक पर जोर दिया जाएं, जो ग्राहकों एवं दुकानदारों के हित में हो। कई ऐसे ग्राहक है जो पहले वाहन की पूरी जानकारी सीधे दुकानदार से आनलाइन ही लेना चाहते हैं। इसके लिए उनको यह सुविधा प्रदान करनी पड़ेगी। इसके के लिए और आगे के बारे में सोचना पड़ेगा।