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महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ : परीक्षा के आठ माह बाद रिजल्ट घोषित, परिणाम वेबसाइट पर अपलोड

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ ने शोध प्रवेश परीक्षा का रिजल्ट सोमवार को जारी कर दिया। जबकि शोध प्रवेश परीक्षा सात व आठ फरवरी को हुई थी। ऐसे में प्रवेश परीक्षा के करीब आठ माह बाद परिणाम घोषित किया गया है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Tue, 29 Dec 2020 07:10 AM (IST)Updated: Tue, 29 Dec 2020 08:14 AM (IST)
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ : परीक्षा के आठ माह बाद रिजल्ट घोषित, परिणाम वेबसाइट पर अपलोड
काशी विद्यापीठ ने शोध प्रवेश परीक्षा का रिजल्ट सोमवार को जारी कर दिया।

वाराणसी, जेएनएन। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ ने शोध प्रवेश परीक्षा का रिजल्ट सोमवार को जारी कर दिया। जबकि शोध प्रवेश परीक्षा सात व आठ फरवरी को हुई थी। ऐसे में प्रवेश परीक्षा के करीब आठ माह बाद परिणाम घोषित किया गया है। परीक्षा परिणाम विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर भी अपलोड कर दिया गया है। 2545 परीक्षार्थियों में से 425 अभ्यर्थी प्रवेश परीक्षा में सफल हुए हैं। 

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इसके अलावा दाखिले के लिए नेट परीक्षा उत्तीर्ण 1736 अभ्यर्थियों ने भी आवेदन किया था। नेट परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थी सीधे साक्षात्कार में शामिल होंगे। ऐसे में विभिन्न विषयों में रिक्त 531 सीटों के सापेक्ष साक्षात्कार में कुल 2161 अभ्यर्थी शामिल होंगे। कुलसचिव डा. एसएल मौर्य ने बताया कि साक्षात्कार के लिए विभागवार अलग-अलग तिथि जल्द घोषित की जाएगी। उन्होंने बताया कि नेट परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को नियमानुसार प्रवेश परीक्षा से मुक्त रखा गया था। ऐसे में एनआरआइ, जेआरएफ, सीएसआइआर, आइसीएआर या अन्य केंद्रीय संस्थाओं से फेलोशिप पाने वाले अभ्यर्थियों को सीधे साक्षात्कार में बुलाया जाएगा।

चार वर्ष बाद होगा पंजीकरण

इससे पहले वर्ष 2016 में शोध प्रवेश परीक्षा कराई गई थी। ऐसे में चार वर्ष बाद शोध में पंजीकरण होने जा रहा है।

अब हर साल होगी प्रवेश परीक्षा

विद्यापीठ ने अब हर साल शोध प्रवेश परीक्षा कराने का निर्णय लिया है। दरअसल रिसर्च के मानक पर विवि काफी पीछे था। इसकी प्रमुख वजह पीएचडी में तीन साल से प्रवेश न होना भी बताया जा रहा है।

छह माह का कोर्स वर्क अनिवार्य

शोधार्थियों को छह माह कोर्स वर्क अनिवार्य रूप से करना होगा। कोर्स वर्क की क्वालिफाइंग परीक्षा कराई जाएगी। पास होने के लिए प्रत्येक पेपर में न्यूनतम 50 फीसद अंक अनिवार्य है। क्वालिफाइंग परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थियों का ही पीएचडी में पंजीकरण किया जाएगा।

यूजीसी का मानक : एक अध्यापक के निर्देशन में अधिकतम शोधार्थियों की संख्या

08 प्रोफेसर

06 एसोसिएट प्रोफेसर

04 असिस्टेंट प्रोफेसर


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