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महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ : छह केंद्रों पर होगी शोध प्रवेश परीक्षा, सात व आठ फरवरी को होगी परीक्षा

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ प्रशासन ने शोध प्रवेश परीक्षा की तिथि गुरुवार को घोषित कर दी। परीक्षा सात व आठ फरवरी को दो पालियों में होगी।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Fri, 24 Jan 2020 07:30 AM (IST)Updated: Fri, 24 Jan 2020 08:38 AM (IST)
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ : छह केंद्रों पर होगी शोध प्रवेश परीक्षा, सात व आठ फरवरी को होगी परीक्षा
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ : छह केंद्रों पर होगी शोध प्रवेश परीक्षा, सात व आठ फरवरी को होगी परीक्षा

वाराणसी, जेएनएन। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ प्रशासन ने शोध प्रवेश परीक्षा की तिथि गुरुवार को घोषित कर दी। परीक्षा सात व आठ फरवरी को दो पालियों में होगी। प्रथम पाली सुबह 9.30 बजे से 11.30 बजे तक व द्वितीय पाली की परीक्षा दोपहर 1.30 से 4.30 बजे तक होगी। 5312 अभ्यर्थियों के लिए छह केंद्र बनाए गए हैं। विवि व संबद्ध कालेजों में विभिन्न विषयों में 531 सीटें रिक्त हैं।

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विद्यापीठ ने तीन वर्ष बाद शोध प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन अक्टूबर 2010 में ही मांगे थे। ऑनलाइन आवेदन करने की अंतिम तिथि 17 सितंबर थी जबकि इससे पहले विद्यापीठ ने छह नवंबर 2016 में शोध प्रवेश परीक्षा कराई थी। वही प्रवेश परीक्षा में सफल कई अभ्यर्थियों का महाविद्यालयों में अब तक पंजीकरण नहीं हो सका है। इसे देखते हुए इसमें से कई अभ्यर्थियों ने इस बार दोबारा शोध प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन किया है। आवेदन करने वाले वाराणसी, चंदौली, भदोही, मीरजापुर व सोनभद्र के अभ्यर्थियों की निगाहें प्रवेश परीक्षा की तिथि पर टिकी हुई थीं। कुलसचिव डा. एसएल मौर्य ने बताया कि दूसरे दिन आठ फरवरी को सिर्फ इतिहास विषय द्वितीय प्रश्न पत्र की परीक्षा कराई जाएगी। वहीं परीक्षार्थियों का प्रवेश पत्र दो फरवरी तक विवि की वेबसाइट पर अपलोड कर दिए जाएंगे। परीक्षार्थी वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते हैं। 

अब हर साल होगी प्रवेश परीक्षा

विद्यापीठ ने अब हर साल शोध प्रवेश परीक्षा कराने का निर्णय लिया है। दरअसल रिसर्च के मानक पर विवि काफी पीछे था। इसकी प्रमुख वजह पीएचडी में तीन साल से प्रवेश न होना भी बताया जा रहा है।

नेट उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को प्रवेश परीक्षा से छूट

विश्वविद्यालय व संबद्ध कालेजों के नियमित अध्यापकों को प्रवेश परीक्षा से छूट होगी। इसके अलावा नेट परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को भी प्रवेश परीक्षा से छूट होगी। इसी प्रकार  एनआरआइ, जेआरएफ, सीएसआइआर, आइसीएआर या अन्य केंद्रीय संस्थाओं से फेलोशिप पाने वाले अभ्यर्थियों को भी प्रवेश परीक्षा नहीं देनी होगी।

छह माह का कोर्स वर्क अनिवार्य

शोधार्थियों को छह माह कोर्स वर्क अनिवार्य रूप से करना होगा। कोर्स वर्क की क्वालिफाइंग परीक्षा कराई जाएगी। पास होने के लिए प्रत्येक पेपर में न्यूनतम 50 फीसद अंक अनिवार्य है। कोर्स वर्क की क्वालिफाइंग परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थियों का ही पीएचडी में पंजीकरण किया जाएगा।

यूजीसी का मानक : एक अध्यापक के निर्देशन में अधिकतम शोधार्थियों की संख्या इस प्रकार है।

08 प्रोफेसर

06 एसोसिएट प्रोफेसर

04 असिस्टेंट प्रोफेसर


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