महाशिवरात्रि : हर-हर बम-बम से गूंजी काशी
वाराणसी: ग्रह-नक्षत्रों के संयोग ने इस बार महाशिवरात्रि भले दो दिन यानी 13 व 14 को
वाराणसी: देवाधिदेव महादेव के विवाहोत्सव महापर्व महाशिवरात्रि पर काशी शिवमय हो गई। बाबा के दर्शन पूजन के लिए काशी विश्वनाथ मंदिर में रात से ही रेला उमड़ा तो भोर से ही दो किलोमीटर के दायरे में कतार लग गई। सुबह दस बजे तक 75 हजार से अधिक लोगों ने दर्शन-पूजन कर लिया। शहर से लेकर गांव तक मंदिरों में भक्तों का रेला उमड़ता रहा। इससे मार्कडेय महादेव, रामेश्वर महादेव, शूलटंकेश्वर महादेव समेत शिवालयों का दायरा कम पड़ता रहा। हालांकि 13 व 14 के भ्रम में पिछले साल से भीड़ कम रही।
मंगला आरती में वीआइपी से झेल गए श्रद्धालु : बाबा दरबार में सभी विभागीय दावे के बाद भी श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में वीआइपी के कारण श्रद्धालुओं को फजीहत का सामना करना पड़ा। मंदिर प्रशासन ने इस बार 300 की बजाय 600 टिकट बेचे थे तो वीइआइपी भी परिसर में भर गए। इससे 1500 का टिकट लेने के बाद भी श्रद्धालुओं को पीछे जगह मिली।
भक्तों से पटा पंचक्रोशी यात्रा रूट - महाशिवरात्रि पर पंचक्रोशी यात्रा के विधान के तहत रात से ही सड़कों पर भक्तों का रेला उमड़ा। मणिकर्णिका कुंड में संकल्प लेकर बाबा भक्तों ने नंगे पांव यात्रा शुरू की। कंदवा, भीमचंडी, रामेश्वर, पांचोपंडवा, कपिलधारा होते सुबह से भक्त बाबा दरबार भी पहुंचने लगे।
ग्रह-नक्षत्रों के संयोग ने इस बार महाशिवरात्रि भले दो दिन यानी 13 व 14 को मनाने का संयोग बनाया लेकिन काशीपुराधिपति बाबा की नगरी को प्रथम दिवस का मान-विधान कुछ अधिक ही रास आया। इसके तहत श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन के लिए एक दिन पहले सोमवार की रात ही रेला उमड़ आया। आधी रात से इस तरह लगी श्रद्धा की कतार जिसका ओर-छोर न रहा। सुबह होते कतार गोदौलिया तक पहुंच गई। बादलों के बीच सिहराती ठंड के बाद भी जोश आबाद और हर हर महादेव और श्रीकाशी विश्वनाथ गंगे के उद्घोष से श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर क्षेत्र गूंजता रहा।
चहुंओर गलिया श्रद्धालुओं से पट गईं। ढुंढिराज गणेश द्वार से कतार बासफाटक के पार और सरस्वती फाटक से त्रिपुरा भैरवी तक भक्तों का रेला जा पहुंचा। इसमें ज्यादातर गंगा में डुबकी लगाने के बाद लुटिया में जल-दूध लिए आए तो कुछ ने सिर्फ बेल पत्र-भांग-धतूरा चढ़ाकर बाबा से मनोकामना पूर्ति की गुहार लगाई।
कैथी-रामेश्वर समेत शिवालयों में भी रेला : महाशिवरात्रि महापर्व पर बाबा की झांकी दर्शन के लिए मार्कडेय महादेव कैथी, रामेश्वर महादेव, शूलटंकेश्वर महादेव, सारंगनाथ के साथ ही गांव से शहर तक के अन्य शिवालयों में देर रात से भक्तों का रेला उमड़ा। इससे गलियों-सड़कों का दायरा कम पड़ा।
बाबा बने दूल्हा, काशीवासी बराती : काशीपुराधिपति बाबा महादेव के विवाहोत्सव यानी महाशिवरात्रि महापर्व पर काशी में उत्सव का रंग छा गया। विवाह बरात की तैयारियों में दिन बीता और रात तक झांकियों का जत्था मुकाम पा गया। महाशिवरात्रि पर मंगलवार को बाबा दूल्हा बने और पूरी काशी बराती।
पंचक्रोशी परिक्रमा को उमड़ा रेला : महाशिवरात्रि के मौके पर पंचक्रोशी परिक्रमा यात्रा के लिए सोमवार की रात शिव भक्तों का रेला उमड़ पड़ा। अनादि तीर्थ मणिकर्णिका घाट से संकल्प लेकर श्रद्धालुओं ने यात्रा शुरू की। इसके साथ ही हर हर महादेव, काशी विश्वनाथ गंगे के उद्घोष से वातावरण गूंज उठा। कर्दमेश्वर महादेव, भीमचंडी, रामेश्वर, शिवपुर, कपिलधारा, आदिकेशव होते 85 किलोमीटर की यात्रा शीघ्र पूरी करने की श्रद्धालुओं में होड़ लगी रही। नंगे पाव भक्तजन आठ से 10 घटे या 12 से 20 घटे में यात्रा पूरी करते हैं। समापन मंगलवार को मणिकर्णिकाघाट पर संकल्प छुड़ाकर होगा।
सुरक्षा के बाबत स्कूल बंद : महाशिवरात्रि पर नगर में श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए जिलाधिकारी योगेश्वर राम मिश्र के आदेश पर मंगलवार को 12 तक के सभी स्कूल- कालेज बंद रहे। छात्रों की सुरक्षा के मद्देनजर डीएम ने यह निर्देश बेसिक शिक्षा विभाग से संचालित परिषदीय विद्यालय, यूपी बोर्ड, सीबीएसई, आइसीएसई, मदरसा द्वारा संचालित सभी विद्यालयों पर समान रूप से प्रभावी रही। हालांकि परीक्षाएं अपने पूर्व निर्धारित समयानुसार हो रही हैं।