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वाराणसी में कन्नड़ फिल्म 'मदगजा' की शूटिंग के लिए महानिर्वाणी घाट को बना डाला महाश्मशान

कन्नड़ फिल्म मदगजा की इन दिनों वाराणसी में शूटिंग हो रही है महानिर्वाणी घाट पर महाश्मशान मणिकर्णिका का सेट सजा दिया जिसको लेकर विवाद खड़ा हो गया है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Wed, 04 Mar 2020 07:50 AM (IST)Updated: Wed, 04 Mar 2020 10:58 AM (IST)
वाराणसी में कन्नड़ फिल्म 'मदगजा' की शूटिंग के लिए महानिर्वाणी घाट को बना डाला महाश्मशान

वाराणसी, जेएनएन। साउथ इंडिया की कन्नड़ फिल्म मदगजा की इन दिनों वाराणसी में शूटिंग हो रही है। फिल्मकारों ने धार्मिक महत्व वाले महानिर्वाणी घाट पर महाश्मशान मणिकर्णिका का सेट सजा दिया जिसको लेकर विवाद खड़ा हो गया है। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल अस्पताल के पूर्व चिकित्सा अधीक्षक डा. वीएन मिश्र ने सोमवार देर रात 'घाटवाक' के दौरान महा निर्वाणी घाट पर महाश्मशान का माडल देखकर उसकी तस्वीर ली और सीएम योगी आदित्यनाथ और डीएम वाराणसी को टैग किया। तस्वीर संग डा. वीएन मिश्र ने ट्वीट किया 'किसके आदेश से, पवित्र महानिर्वाणी घाट को महाश्मशान बना दिया। वाराणसी के घाटों को गलत चित्रण किया जा रहा है फिल्मी शूटिंगों में, ये गलत है। इसके रोकने के लिए सभी को सामने आना चाहिए। मेरा डीएम वाराणसी से अनुरोध है कि घाटों के गलत चित्रण व फिल्मांकन को रोकें।

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धार्मिक भावनाएं आहत हुई तो निरस्त हो जाएगा सशर्त अनुमति पत्र

जिला प्रशासन ने मदगजा फिल्म की शूटिंग के लिए 39 प्रतिबंधों के साथ सशर्त अनुमति दी है। फिल्म की शूटिंग के लिए गढ़वासी टोला निवासी संदीप कुमार की ओर से बीते 19 फरवरी को अपर जिलाधिकारी नगर के कार्यालय में आवेदन दिया गया था। खिड़कियां घाट, नंदेश्वर घाट, भैंसासुर, सिंधिया घाट व आसपास की गलियों के साथ ही चेतसिंह घाट, अस्सी घाट, सिंधिया घाट के उस पार रामनगर और अन्य गंगा घाट पर 23 फरवरी से 10 मार्च तक शूटिंग के लिए अनुमति मांगी गई थी। अपर जिलाधिकारी नगर विनय कुमार सिंह ने बताया कि यदि किसी की कोई धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं तो लिखित शिकायत मेरे कार्यालय में करे, कार्रवाई की जाएगी। फिल्म की शूटिंग को अनुमति पत्र जारी करने के साथ ही यह शर्त लगा दी गई थी कि यदि किसी की धार्मिक भावनाएं आहत हुई या कानून-व्यवस्था प्रभावित हुई तो अनुमति स्वत: निरस्त हो जाएगी।

मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट पर शूटिंग की नहीं अनुमति

यूं तो काशी के हर घाट की अपनी गाथा है। पौराणिक महत्व वाले घाटों को लेकर काशी हमेशा संवेदनशील रही है। ङ्क्षहदुओं की गहरी आस्था से जुड़े महाश्मशान मणिकर्णिका घाट व हरिश्चंद्र घाट पर किसी भी प्रकार के फिल्म शूटिंग पर रोक है। इन दोनों घाटों पर जलती चिताओं की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी करना प्रतिबंधित है। जिला प्रशासन ने गंगा किनारे घाट, काशी विश्वनाथ मंदिर परिक्षेत्र, महाश्मशान पर ड्रोन कैमरों की उड़ान पर भी प्रतिबंध लगा रखा है। 

कुंभ के दौरान महानिर्वाणी घाट पर साधुओं-नागाओं का शिविर

महानिर्वाणी घाट का धार्मिक महत्व है। हर पांच वर्ष के बाद लगने वाले कुंभ में इस घाट पर पंचायती, जूना और निर्मोही अखाड़ा से जुड़े साधुओं और नागाओं के शिविर घाट पर लगते हैं जो गंगा किनारे अपनी धुमी जमाते हैं। कुंभ के दौरान घाट पर गंगा किनारे तट पर दो माह तक शिविर लगते हैं। घाट के किनारे जूना अखाड़ा, पंचायती अखाड़ा के मठ हैं। यह घाट निर्वाणी अखाड़ा के नाम से है फिर भी विभिन्न घाटों की तरह यहां भी जिला प्रशासन का ही अधिकार है। इन अखाड़ों के नाम पर महज इस घाट का नाम है। बगल में राजा चेतसिंह घाट है जहां विभिन्न फिल्मों की शूटिंग की अनुमति जिला प्रशासन ही देता है। बिना अनुमति के कोई यहां शूटिंग नहीं कर सकता है।

कोई आपत्ति है तो मेरे कार्यालय में लिखित शिकायत करें

अगर कोई विवाद उत्पन्न होता है, कानून-व्यवस्था प्रभावित होती है तो शूटिंग के बाबत जारी अनुमति निरस्त कर दी जाएगी। महानिर्वाणी घाट पर चल रही शूटिंग को लेकर कोई आपत्ति है तो मेरे कार्यालय में लिखित शिकायत करें, कार्रवाई होगी। - विनय कुमार सिंह, अपर जिलाधिकारी नगर।


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