महामारी से आजादी : कोरोना संक्रमण काल में भदोही के उप जिलाधिकारी ज्ञानप्रकाश मौर्य ने बेजुबानों को परोसी रोटी
लाकडाउन में काम-काज ठप पड़ जाने से रोज कमाने-खाने वाले परिवारों के हाथ खाली हो गए। सड़कों पर टहलते बेसहारा मवेशियों कुत्ते व पक्षियों के सामने रोटी परोसने की पहल कर उप जिलाधिकारी ज्ञानप्रकाश मौर्य ने न सिर्फ मानवता की मिसाल पेश की बल्कि स्वतंत्रता के सच्चे सारथी बन बैठे।
जागरण संवाददाता, भदोही। वैश्विक महामारी बनकर सामने आए कोरोना वायरस संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए लागू लाकडाउन के दौर में यूं तो तमाम लोग गरीबों, असहायों की सेवा में लगे रहे। गरीब व आसक्त परिवारों को किसी ने राशन सामग्री तो किसी ने मास्क, सैनिटाइजर बांटकर संक्रमण रोकने में योगदान दिया। ऐसे समय में विशेषकर सड़कों पर टहलते बेसहारा मवेशियों, कुत्ते व पक्षियों के सामने रोटी परोसने की पहल कर उप जिलाधिकारी ज्ञानप्रकाश मौर्य ने न सिर्फ मानवता की मिसाल पेश की बल्कि स्वतंत्रता के सच्चे सारथी बन बैठे।
लाकडाउन में काम-काज ठप पड़ जाने से रोज कमाने-खाने वाले परिवारों के हाथ खाली हो गए। कैसे चले दो वक्त की रोटी तो कैसे भरे बच्चों का पेट इसे लेकर खड़ी चिंता को देखते हुए देखते हर कोई सहायता को तत्पर दिख रहा है। शासन-प्रशासन स्तर से जहां उन्हें राहत पहुंचाई जा रही है तो तमाम स्वयंसेवी संगठन व लोग भी सामने आकर राहत देने की कोशिश में लगे हैं।
मानवीयता की मिसाल यहीं खत्म नहीं होती। इससे भी आगे बढ़कर लाकडाउन में परेशानी में फंसे बेजुबानों पर भी इस अफसर की रहमत बरसी। दरअसल, इस दौर में विशेषकर नगरीय क्षेत्रों में सारी दुकानें बंद हो चुकी थी। नगर में विचरण करते बेसहारा मवेशियों व कुत्तों तक के सामने संकट खड़ा हो चुका है। मिठाई, चाय-नास्ते की दुकानों के सामने डटे रहने वाले कुत्तों तो फल व सब्जियों की मंडियों में निकलने वाले अवशेष को खाकर पेट भरने वाले बेसहारा मवेशी भी खाली पड़ी सड़कों पर इधर-उधर भटकते दिख रहे हैं। जिन्हें इन्होंने रात के अंधेरे में रोटी परोसना शुरू किया और मिसाल बन गए।