मां विंध्यवासिनी धाम होगा ट्रस्ट के हवाले, 2017 से लंबित विंध्यवासिनी धाम ट्रस्ट बनाने की तैयारी
एक तरफ अयोध्या में राम मंदिर ट्रस्ट बनाए जाने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है वहीं दूसरी तरफ मां विंध्यवासिनी धाम ट्रस्ट बनाने की फाइल शासन स्तर पर स्वीकृति की बाट जोह रही है।
मीरजापुर, जेएनएन। एक तरफ अयोध्या में राम मंदिर ट्रस्ट बनाए जाने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है वहीं दूसरी तरफ मां विंध्यवासिनी धाम ट्रस्ट बनाने की फाइल शासन स्तर पर स्वीकृति की बाट जोह रही है। 2017 मेें विंध्यवासिनी धाम ट्रस्ट बनाने की शुरुआत की गई थी लेकिन चुनाव को देखते सपा सरकार ने इसे स्वीकृत नहीं किया था। अब जबकि विंध्य कारिडोर बनाने की पहल राज्य सरकार ने शुरू की है तो माना जा रहा है कि जल्द ही मां विंध्यवासिनी ट्रस्ट बन जाएगा।
प्रदेश के प्रसिद्ध मंदिरों में मथुरा और विंध्यवासिनीधाम का संचालन ही ट्रस्ट द्वारा नहीं किया जाता। जबकि काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट का गठन केंद्र सरकार ने 1983 में ही कर दिया था। मां विंध्यवासिनी मंदिर हिंदुओं का एक बड़ा तीर्थ स्थल है। वर्तमान समय में मंदिर का संचालन विंध्याचल विकास परिषद करता है, लेकिन तीर्थ पुरोहितों की मनमानी से श्रद्धालु परेशान रहते हैं। आए दिन विवाद और वसूली की शिकायतें आती रहती हैं। सपा सरकार में धर्मार्थ कार्य विभाग ने विंध्याचल मंदिर परिसर को सरकारी नियंत्रण में लेने का प्रयास किया था, इस बाबत प्रस्ताव भी तैयार किया गया था। तीर्थ पुरोहितों के विरोध के बाद तत्कालीन सरकार पीछे हट गई थी। अब दोबारा सरकार ने इस दिशा में तैयारी शुरू कर दी है। सरकार विंध्याचल मंदिर अपने नियंत्रण में लेगी तो नया ट्रस्ट बनेगा। इसकी देखरेख में जिला प्रशासन की अहम जिम्मेदारी होगी। भक्तों द्वारा किया दान खजाने में जमा होगा।
इस बारे में एडीएम वित्त व राजस्व यूपी सिंह ने कहा कि विंध्यवासिनी मंदिर में ट्रस्ट बनाने का निर्णय शासन स्तर पर लंबित है। उक्त के संबंध में अभी तक कोई दिशा निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है। दिशा निर्देश प्राप्त होते ही शासन के निर्देशानुसार कार्रवाई की जाएगी।