Lockdown बनारस से गुजरी आखिरी ट्रेन एर्नाकुलम-पटना एक्सप्रेस, स्टेशन उतरे यात्रियों की थर्मल स्कैनिंग
कोरोना वायरस की रोकथाम के प्रयास की कड़ी में ट्रेनों का संचालन बंद होने के बाद वाराणसी कैंट स्टेशन से मंगलवार को आखिरी ट्रेन गुजरी।
वाराणसी, जेएनएन। कोरोना वायरस की रोकथाम के प्रयास की कड़ी में ट्रेनों का संचालन बंद होने के बाद कैंट स्टेशन से मंगलवार को आखिरी ट्रेन गुजरी। 21 मार्च की रात एर्नाकुलम से चली गाड़ी संख्या- 16359 एर्नाकुलम-पटना एक्सप्रेस सुबह 4.15 बजे कैंट स्टेशन पर पहुंची। यहां चंद यात्री ही उतरे।
10 मिनट के ठहराव बाद ट्रेन पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन के रास्ते दानापुर के लिए प्रस्थान की। कैंट स्टेशन पर उतरे यात्रियों की थर्मल स्कैनिंग कराई गई। ड्यूटी पर लगे सफाई कर्मचारियों ने ट्रेन की बोगियों में हाइपो क्लोराइड का छिड़काव किया। इस मौके पर रेलवे आपदा प्रबंधन टीम मौजूद थी।
स्टेशन परिसर हुआ सील
एर्नाकुलम-पटना एक्सप्रेस गुजरने के बाद यात्रियों का आवागमन समाप्त हो गया। उच्चाधिकारियों के निर्देश पर बुकिंग और पार्सल कार्यालय को सील कर दिया गया। इसके बाद पूरे परिसर को आरपीएफ और जीआरपी के हवाले कर दिया गया। आम दिनों की तुलना में यहां एकदम सन्नाटा पसरा हुआ था। हालांकि परिचालन विभाग के कर्मचारी अपने दफ्तर और प्लेटफार्म पर बने हुए थे।
रोडवेज बस स्टैंड से लौटाए गए यात्री
कोरोना वायरस के चलते मंगलवार को परिवहन निगम की एक भी बसें नहीं चलीं। रोडवेज बस स्टैंड पर सियापा छाया रहा और यात्रियों को भी लौटा दिया गया। परेशान यात्री परिवहन निगम कर्मियों से बार-बार बस चलाने का अनुरोध करते रहे लेकिन निराशा हाथ लगी। बता दें कि उप्र राज्य सड़क परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक डा. राजशेखर ने क्षेत्रीय प्रबंधक एसके राय को 25 मार्च तक बसों का संचालन नहीं करने का आदेश दिया है।
चालकों और परिचालकों को मिलेगा अतिरिक्त रुपये
उत्तर राज्य सड़क परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक डा. राजशेखर ने कार्यालयों में कम से कम अधिकारी और कर्मचारी बुलाने का निर्देश दिया है। परिवहन निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक एसके राय ने बताया कि कोरोना वायरस के चलते कम से कम अधिकारियों और कर्मचारियों को बुलाने का आदेश हुआ है। फिलहाल 27 मार्च तक कार्यालय बंद है। बताया कि विषम परिस्थितियों में बसों पर चलने वाले चालकों और परिचालकों को 250-250 रुपये तथा बाबू को 500 रुपये दिया जाएगा। यदि कोई अधिकारी कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज को पहुंचाने या उससे जुड़े किसी काम में मदद करता है तो उसे एक हजार रुपये अतिरिक्त देने का आदेश हुआ है। कार्यालय और परिसर की सुरक्षा को देखते हुए 24 घंटे सुरक्षा कर्मियों को मौजूद रहने का आदेश दिया गया है। कोशिश है कि वे घर नहीं जाकर कार्यालय में रहे। जिला प्रशासन के निर्देश पिछले रविवार और सोमवार को बसें भेजी गई थी। मंगलवार को भी 20 बसें विषम परिस्थितियों के लिए तैयार रखी गई थी।