LJP अध्यक्ष चिराग पासवान ने उठाए बीएचयू वीसी की कार्यप्रणाली पर सवाल, प्रधानमंत्री को लिखा पत्र
नियुक्तियों में अनियमितता व हिंदी भाषी अभ्यर्थियों संग भेदभाव के आरोपों के बीच अब बीएचयू प्रशासन पर नए आरोप लगे हैं।
वाराणसी, जेएनएन। नियुक्तियों में अनियमितता व हिंदी भाषी अभ्यर्थियों संग भेदभाव के आरोपों के बीच अब बीएचयू प्रशासन पर नए आरोप लगे हैं। ताजा मामले में लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व सांसद चिराग पासवान ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर भ्रष्टाचार की आशंका जताते हुए उचित कदम उठाने की मांग की है। इसकी प्रतिलिपि उन्होंने एमएचआरडी मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक सहित कुलपति को भी प्रेषित की है।
पत्र में उन्होंने लिखा है कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कुलपति ने महामना मदन मोहन मालवीय द्वारा बनवाए गए शिक्षक आवास को ध्वस्त करने की सुनियोजित योजना बना ली है। ये सभी भवन सनातन धर्म, वास्तुशास्त्र एवं धर्मशास्त्र के गहन अध्ययन के उपरांत बनवाए गए थे, ताकि शिक्षक, गैर-शिक्षण कर्मचारी वर्ग एक साथ आपसी सौहार्द और भाइचारे के साथ परिसर में रह सकें। अभी तक महामना की वह परिकल्पना जीवित है। पिछले वर्ष इनके जीर्णोद्धार के लिए करीब 30 करोड़ रुपये भी खर्च किए गए। विडंबना यह है कि हरियाली के लिए ख्यात परिसर में जोधपुर कालोनी स्थित शिक्षक आवास को ध्वस्त कर बहुमंजिला भवनों का निर्माण किया जा रहा है। इसके लिए कुलपति ने अनगिनत वृक्षों को कटवा दिया। वहीं नए बहुमंजिला भवनों के निर्माण के लिए करीब 200 वृक्षों को कटवाने का निर्देश भी जारी किया है, जो कि विवि परिपत्र के विरुद्ध है। इसमें व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार की आशंका है। कुलपति को कई बार इन तथ्यों से अवगत कराया गया, लेकिन कोई ठोस परिणाम नहीं निकला। चिराग ने आरोप लगाया कि विवि परिसर में कई ऐसे स्थान हैं, जहां बिना पेड़ों की कटाई के भी बहुमंजिला इमारत का निर्माण कराया जा सकता है। शिक्षकों के कई आवास खाली पड़े हैं, जिनका आवंटन पिछले कई वर्षों से जानबूझकर नहीं किया जा रहा है। उन्होंने वृक्षों को न काटने के एनजीटी व सुप्रीम कोई के निर्णयों की भी दलील दी।