बलिया में बिजली उपकेंद्र में घुसकर लाइनमैन की पिटाई, शिकायत के बाद भी समस्या का समाधान का नहीं
अघोषित बिजली कटौती से आक्रोशित लोगों ने बीती रात जाम विद्युत उपकेद्र में घुसकर बवाल काटा। वहां तैनात लाइनमैन की पिटाई भी की
बलिया, जेएनएन। अघोषित बिजली कटौती से आक्रोशित लोगों ने बीती रात जाम विद्युत उपकेद्र में घुसकर बवाल काटा। वहां तैनात लाइनमैन की पिटाई भी की। इंदरपुर में बिजली गुल होने से आक्रोशित कुछ युवक देर रात जाम विद्युत उपकेंद्र पहुंचे। फिर वहां ड्यूटी पर तैनात लाइनमैन बलवंत पर रात में ही बिजली ठीक करने का दबाव बनाने लगे। इस दौरान लाइन मैन ने रात में फाल्ट ठीक करने से मना कर दिया। इससे आगबबूला हुए युवकों ने बलवंत की पिटाई की।
घटना की जानकारी सोमवार की सुबह जब अन्य कर्मचारियों को हुई तो वे आक्रोशित हो गए और सबस्टेशन की सप्लाई सुबह दस बजे बंद करने की सूचना जेई को दे दी। घटना की जानकारी मिलते ही जेई यशवंत ङ्क्षसह सबस्टेशन पहुंचे। कर्मचारियों से बातचीत कर उनको साथ लेकर थाने पहुंचे और युवकों के खिलाफ तहरीर दी, तब जाकर मामला शांत हुआ। तहरीर मिलने के बाद पुलिस कर्मचारी के साथ बदसलूकी करने वालों की तलाश कर रही है।
18 घंटे बिजली देने का दावा खोखला
शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे व ग्रामीणांचलों में 18 घंटे विद्युत आपूर्ति का सरकारी दावा खोखला साबित हो रहा है। अघोषित बिजली कटौती से शहर से लेकर गांव तक लोग परेशान हैं। उमस भरी गर्मी में लगातार हो रही विद्युत कटौती से जहां आमजन हलकान हैं वहीं सरकारी व्यवस्था की पोल भी खुल गई है। चहुंओर एक जैसी स्थिति देखने को मिल रही है। लाख कोशिशों के बाद भी जिले के अधिकतर गांवों में पांच से छह घंटे ही विद्युत आपूर्ति हो पा रही है। इसके चलते जहां लोग उमस व चिपचिपाती गर्मी से दो चार हो रहे हैं वहीं छोट मोटे उद्योग भी प्रभावित हो रहे हैं। हैरत की बात तो यह है कि इस संबंध में की गई शिकायतों का भी विभाग पर कोई असर नहीं हो रहा है। ट्रांसफार्मर जलना रोजमर्रा की बात हो गई है। वहीं लो वोल्टेज और अनियमित सप्लाई आम बात हो गई है। हालात यह है कि गांवों में निर्धारित शेड्यूल के मुताबिक आपूर्ति नहीं मिल पा रही है। जबकि ट्रिङ्क्षपग समस्या को और जटिल बना रही है। बावजूद इसका समाधान नहीं किया जा रहा है। क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि सरकार गांवों में 18 घंटे बिजली सप्लाई का दावा करती है लेकिन गर्मी शुरु होते ही अघोषित कटौती शुरु हो गई। कभी लो वोल्टेज के कारण बिजली के उपकरण बेकार साबित होते हैं तो कभी ट्रिपिंग की वजह से आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। सरकार का सारा ध्यान बिजली दर बढ़ोत्तरी पर है। जिस अनुपात में बिजली बिल में वृद्धि कर रही है उस अनुपात में सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं।