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वाराणसी के गंगा में नौका विहार के लिए लाइफ जैकेट अनिवार्य, नहीं हो रहा पालन

सैलानियों को नौका विहार करते समय लाइफ जैकेट धारण करना अनिवार्य है लेकिन लाख कोशिशों के बाद भी इसका अनुपालन नहीं हो रहा है। लाइफ जैकेट उपलब्ध न कराने पर नाविकों पर जुर्माने की भी व्यवस्था है। नाव पर क्षमता व लाइसेंस का भी उल्लेख होना अनिवार्य है।

By saurabh chakravartiEdited By: Published: Thu, 10 Dec 2020 07:30 AM (IST)Updated: Thu, 10 Dec 2020 07:30 AM (IST)
वाराणसी के गंगा में नौका विहार के लिए लाइफ जैकेट अनिवार्य, नहीं हो रहा पालन
सैलानियों को नौका विहार करते समय लाइफ जैकेट धारण करना अनिवार्य है।

वाराणसी, जेएनएन। सैलानियों को नौका विहार करते समय लाइफ जैकेट धारण करना अनिवार्य है, लेकिन लाख कोशिशों के बाद भी इसका अनुपालन नहीं हो रहा है। लाइफ जैकेट उपलब्ध न कराने पर नाविकों पर जुर्माने की भी व्यवस्था है। नाव पर क्षमता व लाइसेंस का भी उल्लेख होना अनिवार्य है। गत रविवार की शाम क्षमता से अधिक सवारी को नाव हादसे की वजह बताई जा रही थी। इसके बावजूद नाव पर ओवरलोङ्क्षडग की जा रही है। नाव पर क्षमता का भी उल्लेख नहीं होता है। हादसे के बाद गंगा में नाव का संचालन पूर्ववत की तरह होता दिखाई पड़ा। ऐसा लगा रहा है कि पुलिस, जिला व नगर निगम प्रशासन को फिर किसी हादसे का इंतजार है। बुधवार को अस्सी पुलिस चौकी का एक सिपाही घाट पर निगरानी करता जरूर दिखाई पड़ा लेकिन उसकी भूमिका मूक दर्शक भी रही। दिन में मौसम सुहाना होने के कारण बड़ी संख्या में सैनानी नौका विहार को आ रहे हैं।

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वर्ष 2019 में जिलाधिकारी सुरेंद्र ङ्क्षसह ने बगैर लाइफ जैकेट पहनाए नौका विहार कराने वालों पर जुर्माना लगाने का निर्देश दिया था। लाइफ जैकेट के बिना नाव संचालन पर रोक लगाई गई थी। इस निर्देश का उल्लंघन करने वाले से धारा-144 के तहत अपराध मानते हुए जुर्माना वसूलने की व्यवस्था की गई थी। कहा गया था कि नाविक चाहे तो लाइफ जैकेट के लिए प्रति पर्यटक पांच रुपये अतिरिक्त चार्ज कर सकते हैं। प्रत्येक नाव में डस्टबीन की बात कही गई थी। डीएम के तबादले के बाद सभी आदेश ठंडे बस्ते में डाल दिए गए। उस समय बाढ़ का मुआयना करते समय तत्कालीन डीएम दीवार ढहने पर खुद नाव पर गिर पड़े थे। इसके बाद उन्होंने यह व्यवस्था कराई थी।

हादसे के बाद चैतन्य होती है जल पुलिस

जल पुलिस के पास बड़ी संख्या में लाइफ जैकेट हैं, लेकिन वह भी हादसे का इंतजार करती है। शायद ही ऐसा कोई समय आया हो जब जल पुलिसकर्मी उसे धारण किए हों। पिछले दिनों हुए नाव हादसे के बाद भी उनकी भूमिका पर सवाल उठने लगे हैं।

दूसरे के पहने जैकेट को धारण नहीं करना चाहते हैं सैलानी

मांझी समाज के वरिष्ठ नाविक प्रमोद मांझी का कहना है कि दूसरे के पहले लाइफ जैकेट का उपयोग सैलानी नहीं करना चाहते हैं। इससे लाइफ जैकेट को लेकर समस्या खड़ी हो जाती है, जबकि यह उन्हीं की सुरक्षा के लिए होता है। उनका समाज सैलानियों की सुरक्षा को लेकर विचार कर रहा है। नाव में लाइफ ट््यूब रखा जाता है। उन्होंने बताया कि नगर आयुक्त ने नाविकों संग बैठक कर इस समस्या पर वार्ता करने की बात कही थी लेकिन अब तक उस पर अमल नहीं हुआ। नगर निगम नाव पर क्षमता संबंधी मार्क नहीं कर रही है। इससे मनमानी नाविक सैलानियों को बैठाते हैं।


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