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20 दिनों तक चलेगा 'आओ लोकल रोजगार की ओर चलें' कार्यक्रम, मंत्री रवींद्र जायसवाल ने अधिकारियों से किया मंथन

20 दिनों तक चलेगा आओ लोकल रोजगार की ओर चलें कार्यक्रम राज्‍य मंत्री रवींद्र जायसवाल ने अधिकारियों से मंथन किया।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sat, 20 Jun 2020 07:30 AM (IST)Updated: Sat, 20 Jun 2020 01:54 PM (IST)
20 दिनों तक चलेगा 'आओ लोकल रोजगार की ओर चलें' कार्यक्रम, मंत्री रवींद्र जायसवाल ने अधिकारियों से किया मंथन
20 दिनों तक चलेगा 'आओ लोकल रोजगार की ओर चलें' कार्यक्रम, मंत्री रवींद्र जायसवाल ने अधिकारियों से किया मंथन

वाराणसी, जेएनएन। 'आओ लोकल रोजगार की ओर चलें' नाम से 20 दिन कार्यक्रम चलाया जाएगा। इसमें प्रवासी मजदूरों, नियोक्ताओं व स्वत: रोजगारपरक योजनाओं से संबंधित विभाग और बैंकर्स भाग लेंगे। प्रवासियों को समूचित जानकारी, उनका आवेदन कराना, ऋण उपलब्धता की व्यवस्था कराना, स्वरोजगार के संबंध में सलाह मशवरा देना आदि पर चर्चा की जाएगी।

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राज्य मंत्री रवींद्र जायसवाल सर्किट हाउस सभागार में कमिश्नर दीपक अग्रवाल सहित विभिन्न अधिकारियों के साथ शुक्रवार को बैठक कर प्रवासियों को रोजगार नियोजन के संबंध में विस्तार से मंथन कर रहे थे। कहा कि प्रवासियों को दो तरह से नियोजित किया जाए। एक यहां के उद्यमों में काम देकर तथा दूसरा उन्हेंं स्वरोजगार करा कर। स्वरोजगार के लिए व्यक्ति को अनुभव, पैसा व बाजार तीनों की उपलब्धता को ध्यान में रखा जाए। ऐसा प्रयास करें कि 5-6 माह में जनपद में छोटे-मझोले 1000 उद्योग जैसे आटा चक्की, बिस्कुट कारखाना, फूड प्रोसेसिंग कार्य आदि को किया जा सके। इससे बेहतर तरीके से लोगों को रोजगार की सुविधा उपलब्‍ध होगी।

बताया गया कि जनपद में अब तक 50700 प्रवासी मजदूरों को रजिस्टर्ड किया जा चुका है। इसमें से 5400 स्किल्ड लेबर हैं। ड्राइवर, कंप्यूटर ऑपरेटर, कारपेंटर व इलेक्ट्रीशियन आदि हैं। कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि शहर में 3200 वेंडरों को चिह्नित किया जा चुका है। इसमें 2300 बैंक खाते भी खोले जा चुके हैं। प्रधानमंत्री की आर्थिक पैकेज योजना में वेंडरों को 10 हजार रुपये तक ऋण की उपलब्धता का प्रावधान है। रामनगर एवं करखिंयाव औद्योगिक क्षेत्रों में सैकड़ों की संख्या में प्रवासी कामगारों को समायोजित किया भी जा चुका है। मनरेगा में काम दिया जा रहा है। 

रजिस्टर्ड प्रवासी कामगारों को विभिन्न 100 ट्रेडों में कार्य के अनुरूप वर्गीकरण कर लिया गया है। उसी अनुरूप मांग पर उन्हेंं समायोजित किया जा रहा है। बैठक में उपायुक्त उद्योग, एलडीएम, जिला सेवायोजन अधिकारी, उप श्रमआयुक्त आदि विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।


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