अनिश्चितता की चिंता छोड़कर वाराणसी के युवाओं ने कोरोना के दूसरी लहर में जमकर किया शेयर बाजार निवेश
महामारी के दौरान शेयर बाजार अपना आकार बढ़ाने में कामयाब रहा। अनिश्चितता की चिंता को छोड़कर युवाओं ने महामारी के पहले लहर के सापेक्ष दूसरे लहर में सबसे ज्यादा निवेश शेयर बाजार में किया है। तीसरे लहर में शेयर बाजार का आकार और बढ़ने के कयास लगाए जा रहे हैं।
वाराणसी, सौरभचंद्र पांडेय। महामारी के दौरान शेयर बाजार अपना आकार बढ़ाने में कामयाब रहा। अनिश्चितता की चिंता को छोड़कर युवाओं ने महामारी के पहले लहर के सापेक्ष दूसरे लहर में सबसे ज्यादा निवेश शेयर बाजार में किया है। बाजार विशेषज्ञों की मानें तो युवा अगर ऐसे ही उम्मीद और धैर्य बनाए रखे तब तीसरे लहर में शेयर बाजार का आकार और बढ़ने के कयास लगाए जा रहे हैं। जानकारों की मानें तो कोरोना महामारी की पहली लहर निवेशकों के लिए सबसे बुरा सपना साबित हुआ। उस समय निवेशकों के सामने अनिश्चितता का दौर था। उस समय लोगों के जेहन में यही सवाल था कि कल क्या होगा। जिसे सोचकर वह बेचैन थे। इस कारण जमकर बिकवाली हुई। जिसका नुकसान निवेशकों को उठाना पड़ा। लेकिन दूसरी लहर में निवेशक उतने ज्यादा परेशान नहीं हुए। कारण कि उन्हें भलीभांति मालूम था कि कल सब कुछ ठीक हो जाएगा। यानी कि अब वह अनिश्चितता से बिल्कुल भी नहीं घबरा रहे थे। उन्होंने पहली लहर से सबक ले लिया था कि मांग में कमी नहीं हुई है। असल समस्या आपूर्ति की थी।
नए निवेशकों ने झूमकर किया निवेश
आंकड़े बताते हैं कि दूसरे लहर में अन्य जगहों पर निवेश के बजाए निवेशकों ने सबसे ज्यादा निवेश शेयर बाजार में किया है। वह भी ऐसे इंडस्ट्रीज में जहां पहले सबसे कम रुझान देखे जाते थे। आंकड़े बताते हैं कि गत वर्ष के लॉकडाउन में जहां निफ्टी 7801 पर था और सेंसेक्स 26775 पर वहीं अब निफ्टी 15690 और सेंसेक्स 52386 पर चल रहा है। इस दौरान करीब दो लाख 17 हजार नए डीमेट खाते खोले गए। युवा निवेशकों ने सबसे ज्यादा निवेश स्टील, फार्मा, स्वास्थ्य बीमा, आइटी इंडस्ट्रीज की कंपनियों के शेयर में किया है। आंकड़ों पर नजर घुमाएं तो करीब 16 महीने में बाजार दोगुने की मजबूत स्थिति में पहुंच गया है।
हाथ में भाव और ट्रेडिंग एप से बदली स्थितियां
बाजार जानकारों की मानें तो लॉकडाउन में कैश का फ्लो बढ़ गया है। लोगों के पास पैसा और समय भी भरपूर था। माना कि दुकानें बंद थीं। लेकिन कारखाने चल रहे थे। उस दौरान युवाओं ने शेयर बाजार की डेप्ट देखी। फिर झूमकर उसमें निवेश किया। इसके पीछे असल कारण था कि युवाओं के पास डिजिटल मोबाइल था। जिससे भाव उनके हाथ में था। ट्रेडिंग एप के माध्यम से वह शेयर बाजार में पल-पल नजर बनाए हुए थे।
24 मार्च 2020 को 9 जुलाई 2021
निफ्टी 7801 15690
सेंसेक्स 26775 52386
4.08 करोड़ डीमेट खाता था गत वर्ष 24 मार्च को
6.25 करोड़ डीमेट खाता हो गया इस वर्ष 9 जुलाई तक
2.17 करोड़ नए डीमेट खाते खुले 16 माह के भीतर
16 माह में बाजार दोगुने अंकों के साथ मजबूत स्थिति पर पहुंचा
बाजार विशेषज्ञों से बातचीत
शेयर बाजार का सबसे बड़ा दुश्मन अनिश्चितता है। जो स्थिति पहली लहर में बनी। उसका बेहद खराब असर बाजार पर पड़ा। लेकिन दूसरी लहर में ऐसा नहीं हुआ। निवेश सब कुछ जान समझ गए थे कि स्थितियां फिर बदलेंगी। परिणाम आपके सामने है।
- सुनील बंसल, शेयर बाजार विशेषज्ञ
निवेशकों के उम्मीद के कारण ही दूसरे लहर में शेयर बाजार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। हम तीसरे लहर में आने वाली मंदी की आशंका को खारिज कर रहे हैं। निवेश के लिए इससे बढ़िया समय नहीं हो सकता है। ऐसा इसलिए कि इतने बड़े देश में ग्रोथ कम होने की उम्मीद न के बराबर है। यदि मंदी के कारण बाजार गिरता है तो वह उठेगा भी। जिसका फायदा निवेशक उठा सकते हैं।
- जितेंद्र केशरी, शेयर बाजार विशेषज्ञ।