Move to Jagran APP

सीखना एक सामाजिक समस्या है और कक्षा एक सामाजिक मंच, बीएचयू के एमएमवी में विमर्श का आयोजन

काशी हिंदू विश्वविद्यालय के महिला महाविद्यालय में आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ द्वारा आनलाइन संकाय विकास कार्यक्रम का छह दिवसीय आयोजन चल रहा है। सोमवार से आरंभ इस कार्यक्रम में दूसरे दिन राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद के नए संशोधित प्रारूप पर चर्चा हुई।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Tue, 19 Oct 2021 06:40 PM (IST)Updated: Tue, 19 Oct 2021 06:40 PM (IST)
महिला महाविद्यालय में आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ द्वारा आनलाइन संकाय विकास कार्यक्रम का छह दिवसीय आयोजन चल रहा है।

जागारण संवाददाता, वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के महिला महाविद्यालय में आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ द्वारा आनलाइन संकाय विकास कार्यक्रम का छह दिवसीय आयोजन चल रहा है। सोमवार से आरंभ इस कार्यक्रम में दूसरे दिन राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद के नए संशोधित प्रारूप पर चर्चा हुई। इसमें संस्थागत मूल्यांकन और प्रत्यायन की संशोधित प्रक्रिया में शिक्षण-अधिगम और मूल्यांकन पर विचार-विमर्श किया गया।

loksabha election banner

आयोजन का पहला दिन राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यांयन परिषद के नवीन संशोधित प्रारूप की चर्चा हुई। वहीं

दूसरे दिन का सत्र शिक्षण, सीखने और मूल्यांकन पर आधारित था।

सत्र के अध्यक्ष जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के प्रो. सच्चिदानंद सिन्हा ने मूल्यांकन की मौजूदा प्रणाली और शैक्षणिक लचीलेपन के गुण और दोषों पर चर्चा की। दो घंटे से अधिक की मैराथन चर्चा में, उन्होंने सीखने के परिणाम और उद्देश्य आधारित शिक्षण और सीखने पर जोर दिया। उन्होंने जेएनयू के छात्रों का उदाहरण देते हुए कहा कि कैसे छात्रों ने उपचारात्मक कक्षाओं की आवश्यकता की मांग की। उन्होंने रचनात्मकता-उन्मुख छात्र-केंद्रित शिक्षण और सीखने की गतिविधियों पर भी जोर दिया।

प्रो. सिन्हा ने कहा कि सीखना एक सामाजिक समस्या है और कक्षा एक सामाजिक मंच है। शिक्षक अपनी कक्षा को पीढ़ियों के विकसित हो रहे विचारों के बारे में बताता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि शिक्षण एक कलात्मक प्रदर्शन की तरह है और अच्छा शिक्षण छात्रों को उपस्थिति के डर के बिना कक्षा की ओर आकर्षित करता है।

डा. राजीव मिश्रा और प्रो. नीलम अत्री ने संयुक्त रूप से सत्र का संचालन किया और धन्यवाद ज्ञापन किया। आगामी 23 अक्टूबर तक चलने वाले छह दिवसीय कार्यक्रम की संयोजिका प्रो. नीलम श्रीवास्तव, सह संयोजिका डा. सबीना बानो , डा. अपाला शाह, आयोजन सचिव डा. राकेश पाण्डेय एवं डा. गणेश मौर्य हैं। सोमवार को आयोजन का शुभारंभ कुलपति प्रो. वीके शुक्ल ने महामना की प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित करके किया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.