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एलबीएस इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर बचेगा लाखों लीटर पानी, रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने की कवायद तेज

एलबीएस इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्रशासन ने जल संरक्षण की दिशा में प्रयास में तेज कर दिया है। 8.96 करोड़ से रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित करने कवायद तेज है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Wed, 06 Nov 2019 09:30 PM (IST)Updated: Thu, 07 Nov 2019 10:09 AM (IST)
एलबीएस इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर बचेगा लाखों लीटर पानी, रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने की कवायद तेज
एलबीएस इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर बचेगा लाखों लीटर पानी, रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने की कवायद तेज

वाराणसी [प्रवीण यश]। एलबीएस इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्रशासन ने जल संरक्षण की दिशा में प्रयास में तेज कर दिया है। 8.96 करोड़ से रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम  स्थापित करने कवायद तेज है। आपरेशनल क्षेत्र एवं सिटी साइड क्षेत्र में जगह भी चिन्हित कर लिया गया है। सब कुछ ठीक रहा तो इसी साल से जल संरक्षण की रणनीति जमीन पर उतर आएगी।

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लाखों लीटर वर्षा जल होगा संरक्षित

एयरपोर्ट 760 एकड़ में फैला है। इसमें रनवे, आपरेशनल क्षेत्र, मुख्य टर्मिनल भवन, पुराना टर्मिनल भवन, वाच टावर, रडार, आवासीय कालोनी, सीआइएसएफ कैंप इत्यादि कार्यालय हैं। बड़ा क्षेत्र होने से लाखों लीटर वर्षा जल संरक्षित होने की संभावना है। इस बारे में वाराणसी एयरपोर्ट के निदेशक आकाशदीप माथुर ने कहा कि एयरपोर्ट पर जल संचयन की दिशा में काम शुरू है। इसके लिए टेंडर जारी कर दिया गया है। रणनीति जल्द ही जमीन पर उतरेगी। 

15 हजार लीटर पानी का किया  गया छिड़काव

फायर ब्रिगेड के तीन टेंडरों ने बुधवार को 15 हजार लीटर पानी का छिड़काव चौकाघाट से पुलिस लाइन तक किया। मुख्य अग्निशमन अधिकारी अनिमेष सिंह ने बताया कि सुबह फायर ब्रिगेड के टेंडरों ने पूरे वेग से पानी का छिड़काव किया जिससे पेड़ों पर जमा धूल तो गायब हुई ही साथ ही सड़क से उडऩे वाली मिट्टी पर भी रोक लगी। गुरुवार को सुबह लहुराबीर से मलदहिया तक दो फायर टेंडर 10 हजार लीटर पानी का छिड़काव करेंगे।

सुबह से खिली धूप के कारण बुधवार को स्मॉग का असर नहीं रहा। इससे लोगों को काफी राहत मिली।

उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार एयर क्वालिटी इंडेक्स 155 तक पहुंच गया। जिलाधिकारी ने चार नवंबर को कई विभागों की बैठक बुलाई थी, उसमें उन्होंने तीन दिन में स्थिति सुधारने का निर्देश दिया था। वाहनों से निकलने वाले खतरनाक धुआं पर जिस दिन नियंत्रण लग जाएगा, उस दिन से वातावरण और स्वच्छ हो जाएगा। परिवहन और पुलिस विभाग को मिल कर ऐसी रणनीति पर कार्य करना चाहिए कि नगर में बाहर से आने वाले वाहनों की संख्या में नियंत्रण लग सके। इसके अलावा वाहनों के प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्रों की भी जांच होनी चाहिए कि ये प्रमाण पत्र कितने दिन पुराने हैं। प्रदूषण जांच केंद्रों की भी जांच करने की आवश्यकता है क्योंकि उनके पास वायु प्रदूषण नापने के उपकरण हैं कि नहीं। यह भी देखना चाहिए। खुले में कूड़ा जलाने पर भी लोगों की नजर है। जिस दिन कूड़ा जलाने वाले की सजा मिलेगी, उस पर भी नियंत्रण लग जाएगा।


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