खुद के बनाये रास्ते पर चलकर वाराणसी की लक्ष्मी ने किया मुकाम हासिल, युवतियों के लिए बन रहीं प्रेरणास्रोत
पिपरा भटनी निवासी लक्ष्मी विश्वकर्मा। छोटी सी उम्र में परिवार चलाने का भार जब कंधे पर आया तो सहसा कदम गांव से शहर की चल पड़े। 2011-12 में भटनी से आकर वाराणसी में रहना लक्ष्मी के लिए जमीन-आसमान की तरह अंतर था।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। अंगुली थामकर राह पर चलने वाले अनगिनत हैं। बिरले होते हैं जो स्वयं राह पर चलते हैं और लक्ष्य को साधते हैं। ऐसी ही हैं पिपरा भटनी निवासी लक्ष्मी विश्वकर्मा। छोटी सी उम्र में परिवार चलाने का भार जब कंधे पर आया तो सहसा कदम गांव से शहर की चल पड़े। 2011-12 में भटनी से आकर वाराणसी में रहना लक्ष्मी के लिए जमीन-आसमान की तरह अंतर था। बीतते समय के साथ दिन का हर पल मुसीबतों का पहाड़ कम होने के बजाय बढ़ता ही गया।
किसी ने उत्साहित किया तो किसी ने हौसले को पस्त करने में भी कमी नहीं की। बहरहाल, लक्ष्मी विश्वकर्मा ने इसी दौर में पढ़ाई से लेकर अन्य उन जरूरतों को पूरा करने में किसी भी संकट से मुकाबला करने में हिम्मत नहीं हारी। आज बिना की सरकारी सहायता के उनके पास एक शानदार यूनिट है जिसमें उन्होंने 50 लोगों को रोजगार दिया है। कई डिग्रियां हैं। कई सम्मान प्राप्त हैं। यही कारण हैं अब युवतियों के लिए प्रेरणास्रोत बन रही हैं।
सहायिका से लेकर यूनिट बनाने तक सफर
शुरुआती दिनों में हैंड एम्ब्रॉइडरी व ब्लॉक प्रिंटिंग जैसे कार्यों में सहायिका के रूप में कार्य किया। लगातार मेहनत के बाद सिंघानिया यूनिवर्सिटी में फैशन डिजाइनिंग में दाखिला लिया। प्रथम श्रेणी में पास होने के पश्चात एमएफआर क्रिएशन में क्वालिटी मैनेजर के पद पर कार्य किया। उसके पश्चात भारत सरकार के कपड़ा मंत्रालय के ब्लॉक लेवल क्लस्टर में डिज़ाइनर कम मार्केटिंग एग्जेक्युटिव के पद पर दो साल कार्य किया, जिसमें स्थानीय बुनकरों को लगभग 15 लाख का आर्डर भी दिलवाया। ब्लाक लेवल क्लस्टर खत्म होने के पश्चात भारत सरकार व उत्तर प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से हज़ारों बुनकरो एवं शिल्पियों को प्रशिक्षित किया। साथ ही एल क्रिएशन (अब चार बटन) नाम से एक गारमेंट मैनुफैक्चरिंग यूनिट भी डाली जिसके मध्यम से 50 करोगरों एवं महिलाओ को रोजगार प्रदान किया जा रहा है। तत्काल में उत्तर प्रदेश सरकार की एक जिला एक उत्पाद योजनान्तर्गत बुनकरो को सिल्क ब्रोकेड का प्रशिक्षण प्रदान कर रही है। महिला शशक्तिकरण, आई डी पी एच वाराणसी, विश्वकर्मा श्रम सम्मान, एक जिला एक उत्पाद, जेम्स एन्ड जेवेलेरी प्रमोशन व बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ इत्यादि योजनाओं के माध्यम से महिलाओं एवं शिल्पियों के उत्थान के लिए नियंत्रण कार्य कर रही हैं।