लाल बहादुर शास्त्री की पुण्यतिथि : RTI से हुआ उजागर - 10 जनवरी 1966 की शाम तक स्वस्थ थे शास्त्री जी
सोवियत संघ में 10 जनवरी 1966 की शाम पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री बिल्कुल स्वस्थ थे।
वाराणसी, जेएनएन। सोवियत संघ में 10 जनवरी 1966 की शाम पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री बिल्कुल स्वस्थ थे। उस रात यूएसएसआर के काउंसिल ऑफ मिनिस्टर के चेयरमैन की ओर से आयोजित भोज में शामिल भी हुए। उनके साथ सोवियत संघ के दौरे पर गए डा. आरएन चुग के अनुसार रिसेप्शन से लौटने के बाद लाल बहादुर शास्त्री अपने कमरे में सामान्य तरीके से गए। इतना ही नहीं, उन्होंने दिल्ली में रह रहे अपने परिजनों व रिश्तेदारों से बातचीत भी की। रात करीब 12.30 बजे वे सोने के लिए बेड पर चले गए।
संतोष कुमार पाठक की ओर से सूचना के अधिकार के तहत प्रधानमंत्री कार्यालय से मांगी गई जानकारी में यह सामने आया। संतोष ने पूर्व प्रधानमंत्री शास्त्री की ताशकंद में हुई रहस्यमय परिस्थितियों में मृत्यु से संबंधित सूचना मांगी थी।आरटीआइ के जवाब में प्रधानमंत्री कार्यालय के अवर सचिव व केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी प्रवीण कुमार ने कार्यालय के रिकार्ड में रखी शास्त्री की मेडिकल रिपोर्ट की प्रति भेजी। इसके अनुसार 10 जनवरी 1966 की रात करीब 12.30 बजे तक सब कुछ सामान्य चल रहा था। इसके बाद रात 1.20 बजे मेसर्स शय कपूर व शर्मा ने प्रधानमंत्री के डाक्टर से संपर्क कर उनके अस्वस्थ महसूस करने की बात कही। इस पर डा. आरएन चुग जब प्रधानमंत्री के कमरे में पहुंचे तो देखा कि वह बेड पर बैठे खांस रहे थे। उन्हें सांस लेने में कठिनाई हो रही थी और वे अपनी सीने को दबोचे हुए थे। उस समय उनका शरीर पीला पड़ गया था।
डाक्टर ने उन्हें तुरंत मेप्थेटीन सल्फेट और माईकोरेना का इंजेक्शन दिया। इसके अगले तीन मिनट में वह बेहोश हो गए। उसके बाद सोवियत के डाक्टर एफजी येरेमेंको को भी बुलाया गया। मगर उनके आने से पहले ही पूर्व प्रधानमंत्री की मृत्यु हो चुकी थी। डाक्टरों के अनुसार उनका देहांत 'इंफाक्र्टमीयोकार्डा' अटैक से हुआ था। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट भी संतोष पाठक ने मांगी थी, लेकिन रिकार्ड में न होने से उसकी प्रति नहीं मिल पाई। जवाब के मुताबिक सोवियत संघ की यात्रा पर कुल सात डाक्टरों की टीम लाल बहादुर शास्त्री के साथ रवाना हुई थी।