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आजमगढ़ में कोटेदार पुत्र हत्याकांड : आखिरी काल खोलेगा गुडलक के हत्यारों का राज, सर्विलांस से काल डिटेल खंगालने में जुटी पुलिस

आजमगढ़ के अतरौलिया क्षेत्र में सिद्धार्थ सिंह उर्फ गुडलक के मोबाइल पर आई आखिरी काल हत्यारों का राज खोलेगी। गुनहगारों तक पहुंचने के लिए पुलिस सर्विलांस का सहारा ले रही है। इल फोन पर आई काल के बाद ही गुडलक बुलाए गए स्थान के लिए निकले थे।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Wed, 18 May 2022 11:51 AM (IST)Updated: Wed, 18 May 2022 11:51 AM (IST)
आजमगढ़ में कोटेदार पुत्र हत्याकांड : आखिरी काल खोलेगा गुडलक के हत्यारों का राज, सर्विलांस से काल डिटेल खंगालने में जुटी पुलिस
आजमगढ़ के भदौरा गांव में सिद्धार्थ सिंह उर्फ गुडलक के मोबाइल पर आई आखिरी काल हत्यारों का राज खोलेगी।

जागरण संवाददाता, आजमगढ़: अतरौलिया थाना क्षेत्र के भदौरा गांव में सिद्धार्थ सिंह उर्फ गुडलक के मोबाइल पर आई आखिरी काल हत्यारों का राज खोलेगी। गुनहगारों तक पहुंचने के लिए पुलिस सर्विलांस का सहारा ले रही है।

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मोबाइल फोन पर आई काल के बाद ही गुडलक बुलाए गए स्थान के लिए निकले थे। पुलिस गांव के बाहर एक ईंट-भट्ठे पर अचानक दावत के आयोजन का भी कारण तलाशने में जुट हुई है। पुलिस का मानना है कि इस दावत में बाहरी लोगों को भी बुलाया गया था। उन्हें किसलिए बुलाया गया था, इस राज से भी पर्दा हटना है।

रविवार की रात गजेंद्र पट्टी भदौरा गांव के कोटेदार अनिल सिंह के इकलौते पुत्र सिद्धार्थ सिंह उर्फ गुडलक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मृतक के पिता की तहरीर पर पुलिस ने पांच नामजद व तीन-चार अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।कुछ लोगों को पूछताछ के लिए पुलिस ने उठा भी लिया है, लेकिन वह असली हत्यारे तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। इसीलिए पुलिस का ध्यान अब उस व्यक्ति पर है, जिसने गुडलक को बुलाने के लिए फोन किया था।

हालांकि, हत्यारों की पहचान में जुटी पुलिस को शुरुआती दौर में उस समय थोड़ी दिक्कत हुई, जब मृतक का मोबाइल फोन नहीं मिला, लेकिन बाद में उसे पुलिस ने बरामद कर लिया। अब सर्विलांस से काल डिटेल निकालने में जुट गई है कि आखिर फोन किसने किया था और उस पर क्या बातचीत हुई थी।

एसओ मदन कुमार गुप्ता ने बताया कि घटना के राजफाश के लिए पुलिस की तीन टीमें लगाई गई हैं। ईंट-भट्ठे पर हुई दावत में बाहरी लोगों के शामिल होने के प्रमाण मिले हैं, लेकिन दावत का आयोजन किस उपलक्ष्य में किया गया था, इसका पता लगाना भी जरूरी है। एक-दो दिन में सारी तस्वीर साफ हो जाएगी।


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