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अध्ययन प्रवास यात्रा के क्रम में मीरजापुर में केएन गोविंदाचार्य ने किया जनसंवाद

केएन गोविंदाचार्य ने शनिवार को मीरजापुर में कहा कि गंगा और गोमाता को केंद्र में रखकर प्रकृति और पर्यावरण का सदुपयोग कर समाजसत्ता के दम पर समर्थ भारत का निर्माण किया जा सकता है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sat, 19 Sep 2020 03:06 PM (IST)Updated: Sat, 19 Sep 2020 03:29 PM (IST)
अध्ययन प्रवास यात्रा के क्रम में मीरजापुर में केएन गोविंदाचार्य ने किया जनसंवाद

मीरजापुर, जेएनएन। प्रख्यात चिंतक विचारक और भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव केएन गोविंदाचार्य ने शनिवार को मीरजापुर में कहा कि गंगा और गोमाता को केंद्र में रखकर प्रकृति और पर्यावरण का सदुपयोग कर समाजसत्ता के दम पर समर्थ भारत का निर्माण किया जा सकता है। उन्होंने देव प्रयाग से गंगा सागर तक आयोजित अपनी अध्ययन प्रवास यात्रा के दौरान शनिवार को राजदीप कॉलेज में आयोजित संवाद कार्यक्रम में यह बातें कहीं। उन्होंने कहा कि भारत के पास अपार बौद्धिक क्षमता और अकूत प्राकृतिक संपदा है। जिसका सकारात्मक प्रयोग करने की आवश्यकता है।

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प्रयागराज प्रवास के बाद इन दिनों वह मीरजापुर जिले में हैं और इसके बाद वाराणसी जिले में प्रवास कर मां गंगा के हित से जुड़े लोगों से परिचर्चा और संवाद कर अध्ययन प्रवास यात्रा का अगला कदम बढ़ाएंगे। कुछ दिनों से गोविंदाचार्य गंगा किनारे शहरों का भ्रमण कर लोगों से संवाद कर भारतीय संस्‍कृति के आधारों पर विमर्श कर रहे हैं। इसी कड़ी में शनिवार को मीरजापुर जिले में आयोजित कार्यक्रम में उन्‍होंने देश की संस्‍कृति और संस्‍कार का आधार गंगा को बताते हुए पर्यावरण संरक्षण की जरूरताें को भी परिलक्षित किया।

केएन गोविंदाचार्य मीरजापुर में आयोजित कार्यक्रम के बाद वाराणसी के लिए रवाना हो गए। काशी में अपने तीन दिनी प्रवास के दौरान वह 19-22 सितंबर तक लोगों से गंगा और भारतीय संस्‍कृति और मूल्‍यों पर विमर्श भी करेंगे।


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