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यूपी समेत 16 राज्यों में खुलेंगे किन्नर विद्यालय, महामंडलेश्वर भवानी वाल्मीकि ने दोहराया संकल्प

किन्नर अखाड़े की उत्तर भारत में महामंडलेश्वर भवानीनाथ वाल्मीकि ने उत्तर प्रदेश समेत 16 राज्यों में किन्नर विद्यालय का संकल्प दोहराया है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Fri, 13 Mar 2020 11:12 AM (IST)Updated: Fri, 13 Mar 2020 11:12 AM (IST)
यूपी समेत 16 राज्यों में खुलेंगे किन्नर विद्यालय, महामंडलेश्वर भवानी वाल्मीकि ने दोहराया संकल्प

वाराणसी, जेएनएन। किन्नर अखाड़े की उत्तर भारत में महामंडलेश्वर भवानीनाथ वाल्मीकि ने उत्तर प्रदेश समेत 16 राज्यों में किन्नर विद्यालय का संकल्प दोहराया है। दो दिनी बनारस प्रवास के दूसरे दिन गुरुवार को उन्होंने श्रीकाशी विश्वनाथ का दर्शन किया। उन्होंने कहा कि विद्यालय स्थापना में अंतरराष्ट्रीय किन्नर संगठन के लोग भी सहयोग करेंगे।

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इसके लिए सोशल मीडिया के जरिए लोगों को जोड़ा जा रहा है। इस पर प्रयागराज कुंभ में ही सहमति बन चुकी है। विद्यालयों की स्थापना उत्तर प्रदेश के अलावा बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, असम, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, गुजरात, राजस्थान, कर्नाटक व महाराष्ट्र में होगी। इनके प्रभारी किन्नर संगठनों के प्रमुख होंगे। महामंडलेश्वर भवानीनाथ के अनुसार किन्नर रूप में जन्म लेने वाले बच्चों की शिक्षा के लिए खुलने वाले विद्यालय संबंधित राज्यों के शिक्षा बोर्ड से संबद्ध होंगे।

बाबा विश्‍वनाथ के दर्शन-पूजन के बाद शाम को किया गंगा आरती

किन्नर समाज ने बुधवार को महाश्मशान मणिकर्णिकाघाट पर होली खेली। बाबा मसाननाथ का पूजन किया अबीर-गुलाल उड़ाया। परंपराओं से जुड़ाव दिखाया और महाश्मशान पर मृत आत्माओं को लोरी भी सुनाई। गुरुवार को बाबा विश्‍वनाथ का दर्शन-पूजन के बाद शाम को गंगा आरती भी किन्‍नर समाज ने किया। इसके लिए किन्नर अखाड़ा उत्तर भारत की महामंडलेश्वर भवानीनाथ बाल्मीकि के नेतृत्व में देश भर से किन्नरों की जुटान हुई। महाश्मशान मणिकर्णिकाघाट पर विधान पूरे किए। रात में नगर भ्रमण किया और तांत्रिक बस्तियों में पूजा आरती के साथ मसानिया चौक व देव पीठों पर मत्था टेका।

महामंडलेश्वर भवानी ने कहा कि किन्नरों का सनातन परंपरा में विशेष महत्व और महाश्मशान से जुड़ाव रहा है। इस संबंध को पुनस्र्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है। इसमें सबसे खास है महाश्मशान पर होली और लोरी। उन्होंने इस रिश्ते को स्पष्ट करते हुए कहा कि किन्नर जन्म के समय सभी को लोरी सुनाते हैैं। श्मशान पर जितनी भी आत्माएं हैं उन सभी को हमने गोद में खिलाया है। इस कारण कोई त्योहार आता है तो किन्नर श्मशान पर आ कर पूजन करते हैं और लोरी सुनाते हैं। किन्नर समाज के लोग गुरुवार को श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में बाबा का दर्शन-पूजन और आरती करेंगे। सनातन धर्म की सभी परंपराओं को स्थापित किया जाएगा।


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