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काशियाना फाउंडेशन द्वारा 'नशा मुक्त भारत में युवाओं की भूमिका' विषयक संगोष्ठी का आयोजन

काशियाना फाउंडेशन द्वारा आयोजित नशा मुक्त भारत युवाओं की भूमिका राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन सारनाथ स्थित केंद्रीय उच्च तिब्बती अध्ययन विश्वविद्यालय में किया गया।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sun, 09 Feb 2020 11:16 AM (IST)Updated: Sun, 09 Feb 2020 11:16 AM (IST)
काशियाना फाउंडेशन द्वारा 'नशा मुक्त भारत में युवाओं की भूमिका' विषयक संगोष्ठी का आयोजन

वाराणसी, जेएनएन। काशियाना फाउंडेशन द्वारा आयोजित नशा मुक्त भारत युवाओं की भूमिका राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन सारनाथ स्थित केंद्रीय उच्च तिब्बती अध्ययन विश्वविद्यालय में किया गया। आयोजन में मुख्य अतिथि महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रोफेसर पीएन सिंह रहे। केंद्रीय तिब्बती अध्ययन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर गेशे नवांग सामतें और कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि के रुप में उपस्थित होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल के राजेन्द्र प्रसाद जायसवाल की उपस्थिति रही। आयोजन में कुलसचिव आर के उपाध्याय, आकाशवाणी केंद्र के निदेशक राजेश कुमार गौतम डॉ. उत्तम ओझा, डॉक्टर संजय चौरसिया, डॉक्टर सुनील मिश्रा ने किया कार्यक्रम का संचालन काशियाना फाउंडेशन के संस्थापक सुमित सिंह की सहभागिता रही। कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन डॉक्टर संजय चौरसिया ने किया। शुरुआत महात्मा गौतम बुद्ध, महात्मा गांधी के विचारों से हुई और उनको नमन किया गया। 

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मुख्य अतिथि कुलपति प्रोफेसर टीएन सिंह ने बताया कि काशियाना फाउंडेशन द्वारा यह आयोजन पूरे विश्व में यह संदेश देने के लिए काफी है कि बनारस के युवाओं द्वारा काशी के साथ ही पूरे भारत को नशा मुक्त करने का संकल्प लिया है। बतौर अतिथि कुलपति ने बताया कि हमें ऐसे कार्यक्रमों को निरंतर करने होंगे। साथ ही विश्वविद्यालय को लेते हुए और एकेडमिक में क्लास 12 तक के बच्चों के भी स्कूल हों वहां भी ऐसे आयोजन निरंतर होते रहे तो अवश्य भारत नशा मुक्त जरूर होगा।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए केंद्रीय उच्च तिब्बती अध्ययन विश्वविद्यालय के कुलपति ने बताया कि संस्था जिस प्रकार से आयोजन कर रही है ऐसे आयोजन समाज में निरंतर होते रहे ऐसे में भारत को नशा मुक्त करने के लिए एक नेटवर्क की तरह कार्य करना होगा जिसमें कई सारे संस्थाओं को जोड़ना होगा।

काशियाना फाउंडेशन के संस्थापक सुमित सिंह ने बताया कि विगत पांच वर्षों से संस्था भारतवर्ष में लगातार देश को नशा मुक्त करने का बीड़ा उठाया है। सुमित सिंह ने बताया कि महात्मा बुद्ध के पंचशील सिद्धांतों से उनके पहले जो सिद्धांत थे वह आज भी मान्‍य हैं।

महात्मा गांधी ने 1917 में चंपारण में अलख जगाते हुए कहा था कि अब देश को नशा मुक्त करने की जरूरत है। क्योंकि नशा मुक्ति से ही होगी स्वच्छता की युक्ति। 2014 के मन की बात में माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को नशा मुक्त होने के लिए आग्रह किया और युवाओं से विशेष तौर पर अपील की थी। अब युवाओं को नशा मुक्त होने की जरूरत है जो नशा है वह नाश करता है आपको नहीं सिर्फ आपके परिवार को और आपके समाज को भी करता है। कार्यक्रम के दौरान छात्र और अम्बरीष सिंह भोला, आशीष राय, भावेश सेठ, बृजेश चौधरी, धनंजय यादव, देवेश सिंह, सुधांशु सिंह, सनी सिंह आदि लोग उपस्थित रहे।

नशा मुक्ति भारत पर संगोष्ठी

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रो. टीएन सिंह ने कहा कि नशा का दुष्प्रभाव हमारे परिवार और समाज पर पड़ता है। देश के कुछ युवा समाज को व्यवस्थित करने में लगे हैं। नशा के स्रोत को बन्द करने की जरूरत है। उक्त बातें काशियाना फाउंडेशन के तत्वावधान में रविवार को सारनाथ स्थित केंद्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान में आयोजित नशा मुक्ति भारत मे युवाओं की भूमिका में मुख्य अतिथि पद से कही।


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