काशी विश्वनाथ मंदिर गर्भगृह की कमान धोती-कुर्ता धारी पुलिस को
पुलिसकर्मियों को कुर्ता के साथ धोती या पायजामा पहनने की छूट दी गई है। महिला पुलिसकर्मी अपनी वर्दी में ही रहेंगी।
वाराणसी (जेएनएन)। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में खाकीधारी अब धोती-कुर्ता पहनकर श्रद्धालुओं के बीच सुरक्षा व्यवस्था की कमान संभाल रहे हैं। प्रतिदिन बाबा दरबार में शीश नवाने वाले श्रद्धालु जब सोमवार को दर्शन-पूजन को पहुंचे तो गर्भगृह में तैनात पुलिसकर्मियों को सफेद धोती-पायजामा व पीले रंग के कुर्ता में देखकर आश्चर्यचकित रह गए। गर्भगृह में पुलिसकर्मियों को पारंपरिक वेश में देखकर श्रद्धालुओं के साथ ही मंदिर के पुजारी भी प्रसन्न दिखे।
दरअसल, देश-विदेश के विभिन्न हिस्सों से बाबा दरबार का लाइव दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं ने गर्भगृह में पुलिस की मौजूदगी को लेकर कई सवाल अधिकारियों तक पहुंचाए थे। मंदिर की सुरक्षा को लेकर चिंतित अधिकारी चाहकर भी गर्भगृह से पुलिसकर्मियों को नहीं हटा सकते थे।
सफल रहा प्रयोग तो जारी रहेगी व्यवस्था, दी जा रही ट्रेनिंग
एसएसपी आरके भारद्वाज ने बताया उच्चाधिकारियों से मंथन के बाद इस व्यवस्था को प्रयोग के तौर पर लागू किया गया है। मंदिर में जवानों की पारंपरिक वेशभूषा में तैनाती सफल रही तो व्यवस्था आगे भी जारी रहेगी।
व्यवस्था के तहत गर्भगृह में तैनात सुरक्षाकर्मियों को ट्रेनिंग दी जा रही है कि श्रद्धालुओं के साथ किस तरीके से पेश आएं। बाबा दरबार में फिलहाल 22 जवानों की तीन शिफ्ट में ड्यूटी लगाई गई है। पुलिसकर्मियों को कुर्ता के साथ धोती या पायजामा पहनने की छूट दी गई है। महिला पुलिसकर्मी अपनी वर्दी में ही रहेंगी।
भय का वातावरण बना रहता था
काशी विश्वनाथ मंदिर परिक्षेत्र संगीनों के साये में 24 घंटे रहता है। मंदिर परिसर से लेकर गर्भगृह तक खाकी वर्दीधारियों को देखकर श्रद्धा भाव के साथ ही भय का वातावरण भी पैदा होता था। बाबा दरबार का देश-विदेश के विभिन्न हिस्सों से लाइव दर्शन करने वालों ने भी पुलिस की मौजूदगी को लेकर सवाल उठाए थे। बीते दिनों पीएमओ से आए प्रतिनिधिमंडल ने भी बाबा दरबार में दर्शन-पूजन के बाद सुझाव दिया था कि गर्भगृह में पुलिसकर्मियों को पारंपरिक वेशभूषा में तैनात करिए ताकि पुलिस की छवि सुधरे।