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काशी विश्वनाथ कारिडोर : जलासेन घाट पर बनेगी गंगा व्यूइंग गैलरी, फूड कोर्ट को भी दिया जाएगा आकार

श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर सुंदरीकरण एवं विस्तारीकरण परियोजना के तहत बनाए जा रहे कारिडोर में गंगा व्यूइंग गैलरी शामिल की गई है। इसे जलासेनघाट के उपरी हिस्से में आकार दिया जाएगा। लगभग 80 मीटर लंबे और 40 फीट चौड़़ी गैलरी के पास ही फूड कोर्ट भी बनाया जाएगा।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Mon, 15 Feb 2021 06:30 AM (IST)Updated: Mon, 15 Feb 2021 10:31 AM (IST)
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर विस्तारीकरण परियोजना के तहत बनाए जा रहे कारिडोर में गंगा व्यूइंग गैलरी शामिल की गई है।

वाराणसी, जेएनएन। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर सुंदरीकरण एवं विस्तारीकरण परियोजना के तहत बनाए जा रहे कारिडोर में गंगा व्यूइंग गैलरी शामिल की गई है। इसे जलासेनघाट के उपरी हिस्से में आकार दिया जाएगा। लगभग 80 मीटर लंबे और 40 फीट चौड़़ी गैलरी के पास ही फूड कोर्ट भी बनाया जाएगा। निचले हिस्से में भी प्लेटफार्म बनेगा जहां से श्रद्धालु व पर्यटक गंगा का नजारा ले सकेंगे। यहां फूड कोर्ट भी होगा जिसमें मनमाफिक जलपान की व्यवस्था होगी। इसके लिए जलासेन बिल्डिंग थोड़ी पीछे की जाएगी।

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विश्वनाथ धाम कारिडोर में संशोधन के लिए गठित कमेटी इस पर निर्णय ले चुकी है। इसका मुख्यमंत्री के सामने दो दिन पहले ही प्रस्तुतिकरण भी किया जा चुका है। कागजी कार्रवाई पूरी होने के साथ इस दिशा में काम भी शुरू कर दिया जाएगा।

गंगा छोर पर 60 फीट ऊंचा द्वार

मणिकर्णिका व जलासेन घाट के बीच भव्य द्वार का भी निर्माण किया जाएगा जो लगभग 60 फीट चौड़ा और 35 फीट ऊंचा होगा। गंगा तट से यहां तक वृद्धजन व दिव्यांगों के आने के लिए रैैंप होगा। इसके बाद चौक गेट तक जाने के लिए स्वचालित सीढिय़ों की व्यवस्था की जाएगी। खास यह कि गेट इतनी ऊंचाई पर होगा जहां बाढ़ का पानी न पहुंच सके।

जेटी के दोनों ओर खड़ी होंगी नाव

नाव-बजड़ों व जलयान के लिए बनाई जा रही जेटी की संख्या एक कर दी गई है। पहले गंगा के भीतर की ओर से दो जेटी का प्रविधान किया गया था। हालांकि अब जेटी घाट के समानांतर होगी और इसके दोनों ओर नाव-बजड़े खड़े होंगे। एकल जेटी घाट से 25 मीटर दूर गंगा के अंदर 55 मीटर लंबी और 6.7 मीटर चौड़ी होगी जो डायफ्राम वाल से जुड़ेगी।

40 फीसद काम पूरा, तीन भवनों में संशोधन पर निर्णय बाद में  

कारिडोर निर्माण में बीच-बीच में मिले मंदिरों के कारण कुछ बाधा आ रही है। इसके चलते दस भवनों में पहले संशोधन किया जा चुका है। तीन दिन पहले कमेटी की बैठक में भी 11 भवनों की स्थिति में संशोधन पर निर्णय ले लिया गया है। वहीं मल्टी परपज हाल, वैदिक केंद्र व कल्चरल सेंटर पर बाद में निर्णय होगा। कार्यदायी एजेंसी लोकनिर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता संजय गोरे के अनुसार लगभग 40 फीसद काम पूरा कर लिया गया है।


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