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Kashi-Tamil Sangamam : तैयार होंगे काशी के 2500 ब्रांड अंबेसडर, तमिलनाडु में करेंगे यूपी की ब्रांडिंग

काशी का हैंडलूम होगा व तमिलनाडु के व्यंजनों का भी स्टाल सजाया गया है। साथ ही पुस्तक प्रदर्शनी भी लगाई गई है जहां तमिल क्लासिकल किताबें हिंदी भाषा में मिलेंगी। ब्रांड अंबेस्डर बन कर तमिलनाडु लौटेंगे जहां वे काशी के साथ ही पूरी यूपी की ब्रांडिंग करेंगे।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Fri, 18 Nov 2022 08:16 AM (IST)Updated: Fri, 18 Nov 2022 08:16 AM (IST)
Kashi-Tamil Sangamam : तैयार होंगे काशी के 2500 ब्रांड अंबेसडर, तमिलनाडु में करेंगे यूपी की ब्रांडिंग
तमिलनाडु के शास्त्रीय नृत्य भारतनाट्यम व लोक नृत्य की प्रस्तुतियां

जागरण संवाददाता, वाराणसी : एक माह तक यहां चलने वाले तमिल काशी संगमम में तमिलनाडु से करीब 10 हजार लोग आने वाले हैं। इसमें वे करीब ढाई हजार लोग भी शामिल हैं जो तमिलनाडु से काशी सदस्य के रूप में आ रहे हैं। ये यहां से ब्रांड अंबेस्डर बन कर तमिलनाडु लौटेंगे, जहां वे काशी के साथ ही पूरी यूपी की ब्रांडिंग करेंगे।

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मद्रास आइआइटी के 210 छात्रों से पीएम का संवाद

जिलाधिकारी एस राजलिंगम के अनुसार आइआइटी मद्रास से 210 मेधावी छात्र-छात्राएं यहां आ रहे हैं। इनसे प्रधानमंत्री संवाद करेंगे। पीएम तमिलनाडु के शास्त्रीय नृत्य भारतनाट्यम व लोक नृत्य की प्रस्तुतियां और 75 स्टालों पर प्रदर्शनी देखेंगे। बताया जा रहा है कि रामेश्वरम से 35, तिरुच्चिरापल्ली से 103 व चेन्नई एगमोर स्टेशन से 78 सदस्य ट्रेन से चले हैं।

भारतीय भाषा समिति के अध्यक्ष व इस कार्यक्रम में आयोजक पंडित कृष्ण चमू शास्त्री के अनुसार 17 नवंबर से 16 दिसंबर तक चलने वाले कार्यक्रम में 12 ट्रेनों से ढाई हजार तमिल सदस्य यहां आ रहे हैं। हर ग्रुप दो दिन काशी-तमिल संगमम में रूकेगा। ये काशी के मंदिर, घाट, सारनाथ, हेरिटेज घूमेंगे। इसके बाद यहां से प्रयागराज के संगम तट व अयोध्या में निर्माणाधीन श्रीराम मंदिर का दर्शन करेंगे।

रोशनी से जगमग पंडाल, पांच हजार लगाई गईं कुर्सियां

वहीं संगमम के लिए एंफीथेएटर ग्राउंड में पांच हजार कुर्सियां लगाई गई है ताकि यहां आने वाले लोगों को जगह मिल सके। गुरुवार रात पूरा ग्राउंड रंग-बिरंगी लाइट्स और झालर से सजा दिया गया। पंडाल में भरपूर रोशनी बनी रहे, इसके लिए पारदर्शी छत ढाली गई है। ठंड से बचने के लिए स्टाल की दीवारों को काफी मोटा बनाया गया है।

तमिलनाडु के व्यजंनों के भी लगेंगे स्टाल 

काशी का हैंडलूम होगा व तमिलनाडु के व्यंजनों का भी स्टाल सजाया गया है। साथ ही पुस्तक प्रदर्शनी भी लगाई गई है, जहां तमिल क्लासिकल किताबें हिंदी भाषा में मिलेंगी। यहां व्यंजनों में साउथ इंडिया के टेस्ट वाला इडली-डोसा, सांभर, उत्तपम खास होगा। इसे अलावा कुंगनाड़ कुसिन, चेत्तीनाद कुसिन, पोरियल (कई तरह की सब्जियों से बना व्यंजन), मोर कुलम्बु (नारियल के साथ दही व मसाले), पुली कुलम्बु, मुरुक्कू, लेमन राइस, नेई पायसम, पोरियाल पोंगल समेत सैकड़ों तरह के व्यंजन लोगों को खाने को मिलेंगे।

सजेंगे तमिलनाडु के 38 ओडीओपी उत्पाद 

बीएचयू के एंफीथिएटर में हथकरघा व हस्तशिल्प के 10-10 स्टाल लगाए गए हैं। तमिलनाडु से आए शिल्पियों ने थीम पवेलियन में अपने उत्पाद सजाए हैं। हस्तशिल्प में प्राकृतिक फूलों का हार, केला फाइबर, कला धातु, लकड़ी के बर्तन, लेक्यूवेयर, टेराकोटा, हाथों से बने कपड़े का स्कार्फ, वुडकार्विंग व गुड़िया और खिलौना शामिल हैं। हथकरघा की 17 समितियों के स्टाल लगे हैं।

तमिलनाडु के 38 ओडीओपी उत्पादों की भी प्रदर्शनी लगेगी। इसमें कांचीवरम की रेशमी साड़ियां, अरियल्लूर का प्रासेस्ड काजू, कोयंबटूर के मोटर पंप, कन्याकुमारी के काजू नट्स, पेरंब्लूर का मक्का, मदुरई के रेडीमेड गारमेंट्स आदि उत्पादों की प्रदर्शनी होगी। यहां आने वाले सदस्य बड़ा लालपुर स्थित पंडित दीनदयाल हस्तकला संकुल का भी दौरा कर बनारसी साड़ी, हस्त निर्मित खिलौने, बीड्स व काशी की गुलाबी मीनाकारी देखेंगे।


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