20 स्टालों पर सजा काशी का हस्तशिल्प
जागरण संवाददाता वाराणसी बड़ालालपुर स्थित पं. दीनदयाल उपाध्याय हस्तकला संकुल लालपुर में रविवार को वस्त्र मंत्रालय की ओर से दो दिवसीय हस्तशिल्प प्रदर्शनी शुरू हुई। इसमें 20 स्टालों पर वाराणसी गाजीपुर आजमगढ़ समेत काशी क्षेत्र का हुनर सजा। इसे देखने के लिए लोग जुटे तो हस्तशिल्पियों ने उत्पादों को दिखाने के साथ डेमो भी दिया।
जागरण संवाददाता, वाराणसी : बड़ालालपुर स्थित पं. दीनदयाल उपाध्याय हस्तकला संकुल लालपुर में रविवार को वस्त्र मंत्रालय की ओर से दो दिवसीय हस्तशिल्प प्रदर्शनी शुरू हुई। इसमें 20 स्टालों पर वाराणसी, गाजीपुर, आजमगढ़ समेत काशी क्षेत्र का हुनर सजा। इसे देखने के लिए लोग जुटे तो हस्तशिल्पियों ने उत्पादों को दिखाने के साथ डेमो भी दिया। वाल हैंगिग, गुलाबी मीनाकारी व ब्लैक पाटरी आदि उत्पादों को बनने की प्रक्रिया देख लोग चकित नजर आए। गुलाबी मीनाकारी व अन्य उत्पादों के प्रति बढ़ा रुझान :
प्रदर्शनी में गुलाबी मीनाकारी जड़ित उत्पादों की अधिक मांग देखी गई। इसमें देव मूर्तियां और दर्पण समेत अन्य सामान डिमांड में रहे। ब्लैक पाटरी और वाल हैंगिग की भी लोगों ने जमकर खरीदारी की। गुलाबी मीनाकारी के शिल्पकार कुंजबिहारी सिंह बताते हैं कि दर्पण, गणेश, मोर और हाथी की मांग लगातार बढ़ रही है। आजमगढ़ के सोहित प्रजापति ने बताया कि ब्लैक पाटरी के क्षेत्र में मांग के अनुरूप कारीगर नहीं मिल रहे हैं। निजामाबाद में 1.81 करोड़ खर्च कर सामान्य सुविधा केंद्र बना है जिसमें सरकार ने 90 फीसद अनुदान दिया है। यहां 200 लोगों को रोजगार मिलेगा। गाजीपुर निवासी कैशर जहां अहमद बताते हैं कि वर्तमान सरकार ने ओडीओपी के जरिए टूल किट और प्रशिक्षण देकर इस कला को जिदा किया है। कमरजहां ने रणक्षेत्र में कृष्ण और अर्जुन के दृश्य को वाल हैंगिग में उभार कर अपने हुनर का लोहा मनवाया है। यहां वाल हैंगिग से लगभग 1500 लोग जुड़े हुए हैं। नए लोग जुड़ भी रहे हैं। स्टोन कार्विंग के युवा आदर्श बताते हैं कि थाइलैंड, श्रीलंका, कतर और कैलिफोर्निया में इसकी मांग है।